Khatu Nagri me Ud Rahi Dhul
खाटू नगरी में उड़ रही धुल धुल मोहे प्यारी लगे,
उड़ उड़ धुल मेरे माथांन पे आवे,
मैंने तिलक लगाये भरपूर धुल मोहे प्यारी लगे,
उड़ उड़ धुल मोरे नैनं पे आवे,
दर्शन किये भरपूर,
धुल मोहे प्यारी लगे,
उड़ उड़ धुल मेरे हाथन पे आवे,
मैंने तालियाँ भजाई भरपूर
धुल मोहे प्यारी लगे,
उड़ उड़ धुल मोरे पैरां पे आवे,
मैं तो झूम झूम नाची भरपूर,
धुल मोहे प्यारी लगे













