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श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा कैलंडर / Ahoi Ashtami Vrat Katha Calendar

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा कैलंडर : हिंदी पीडीऍफ़ - धार्मिक | Ahoi Ashtami Vrat Katha Calendar : Hindi PDF - Religious (Dharmik)
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा कैलंडर / Ahoi Ashtami Vrat Katha Calendar
Category, , , ,
Language
Pages 1
Quality Good
Size 1.4 MB
Download Status Available

श्री अहोई अष्टमी व्रत कथा कैलंडर पीडीऍफ़ पुस्तक का संछिप्त विवरण: करवा चौथ के समान ही अहोई अष्टमी पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाई जाती है। यहां मुख्य अंतर यह है कि महिलाएं अपनी बेटी या बेटों की भलाई के लिए व्रत रखती हैं। मुख्य रूप से, यह भारत के पश्चिमी भागों, जैसे गुजरात या महाराष्ट्र में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह शुभ दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन पड़ता है। यानी अहोई अष्टमी आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की सफलता और विकास के लिए प्रार्थना करती हैं। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी के दिन कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं।

अहोई अष्टमी 2023 तिथि, और पूजा मुहूर्त

अहोई अष्टमी 2023 तिथि: रविवार, 5 नवम्बर, 2023

अहोई अष्टमी 2023 तिथि प्रारंभ: 5 नवम्बर, 2023 को सुबह 01:00 बजे शुरू होगी|

अहोई अष्टमी 2023 तिथि समाप्त: 6 नवम्बर, 2023 को सुबह 03:18 बजे समाप्त होगी।

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: 05:33 PM से 06:52 PM

अवधि: 01 घंटा 18 मिनट

सितारे देखने का समय: 05:58 PM

चंद्रोदय का समय: 12:02 AM 6 नवम्बर

अहोई अष्टमी: व्रत विधि
अहोई अष्टमी महिलाओं के लिए उपवास की रस्मों का पालन करके ईमानदारी से प्रार्थना करने का एक विशेष दिन है। वे अपने दिन की शुरुआत अहोई माता की पूजा करके करते हैं। व्रत का पालन करने के लिए महिलाएं पूरे दिन भोजन करने से बचती हैं। बाद में, वे अहोई अष्टमी पूजा करने के बाद रात में अपना उपवास समाप्त करते हैं। इस अवसर पर कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए व्रत भी रखती हैं। शाम के समय महिलाएं अपने घर के मुख्य द्वार के पास मां अहोई की रंगोली बनाती हैं। इसके अलावा, वे दीवार पर देवी के चित्रों को चित्रित करते हैं, जिसका उपयोग अष्ट कोष्टक के लिए किया जाता है। इसके बाद, वे चित्रित दीवार के सामने घटस्थापना विधि करते हैं।

अहोई अष्टमी 2023 मनाने का महत्व
प्राचीन मिथकों से पता चलता है कि अगर आप उसे शुद्ध मन से याद करते हैं तो मां अहोई आपकी इच्छाओं को स्वीकार कर सकती हैं। और इसलिए, महिलाएं अनुष्ठान करके और व्रत रखकर देवी को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं। वे एक दिन के लिए भी पानी पीने से परहेज करते हैं और रात में तारों या चाँद को देखने के बाद ही अपना उपवास समाप्त करते हैं। यह शुभ दिन मां अहोई को सच्ची भक्ति से प्रभावित करने का अवसर लेकर आता है। जो जोड़े गर्भधारण की तैयारी कर रहे हैं वे मथुरा में राधा कुंड नदी के अंदर डुबकी लगाने के लिए जाते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है।

अहोई अष्टमी व्रत कथा

एक समय की बात है कि एक स्त्री के सात पुत्र थे वह कार्तिक के महीने में दीपावली से पहले अपने मकान की लिपाई-पुताई करने के लिए मिट्टी लाने ज॑गल में गई। वह एक जगह से मिट्टी खोदने लगी, वहीं सेह की माँद थी। अचानक उसके हाथ से कुदाली सेह के बच्चे को लग गई और वह मर गया। यह देखकर स्त्री को दया आईं पर क्या हो सकता था……

Ahoi Ashtami Vrat Katha Calendar PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran : Ek Samay ki bat hai ki Eek Stree ke Sat Putra the vah kartik ke maheene mein Deepawali se pahale apne makan ki lipayi-putayi karne ke liye Mitti lane jangal mein gayi. Vah Ek jagah se Mitti khodane lagi, vaheen seh ki mand thi. Achanak uske hath se kudali seh ke bachche ko lag gayi aur vah mar gaya. Yah Dekhakar Stri ko daya aayin par kya ho sakta tha…….

Short Description of Ahoi Ashtami Vrat Katha Calendar Hindi PDF Book : Once upon a time, a woman had seven sons, she went to the forest to fetch soil for painting her house before Diwali in the month of Kartik. She started digging the soil from one place, where there was a den. Suddenly the spade hit the baby boy from his hand and he died. Seeing this, the woman felt pity but what could have happened…..

 

“सपने ही देखते रहने और जीवन को जीना भूल जाने में भलाई नहीं है।” – एल्बस डम्बलडोर
“It’s better to die on your feet than to live on your knees.” – Emiliano Zapata

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