भाई दूज का महत्व :-
दिवाली (Diwali) और गोवर्धन (Govardhan Puja) के पर्व की तरह ही भाई दूज (Bhai Dooj 2021) के त्योहार का भी बहुत महत्व है. यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद यानि गोवर्धन पर्व के अगले दिन मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाईयों को टीका कर कलावा बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
ये तो सभी जानते हैं कि भाई दूज पर्व भाईयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है. इस पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन ही मनाया जाता है. इस पर्व को बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगा कर मनाती हैं और भगवान से अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती हैं. हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं. पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है |
भैयादूज के शुभ मुहूर्त
भाई के तिलक के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 10 मिनट से 9.33 बजे तक शुभ चौघड़िया. दोपहर 12. 19 बजे से शाम 4.27 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया रहेंगे.