केतु कवचम् | Ketu Kavacham

“केतुकवचम्” केतु ग्रह की शांति और उपासक की रक्षा के लिए प्राचीन मंत्रों का एक संग्रह है। इस कवच में केतु ग्रह के प्रभाव से मुक्ति और सुरक्षा के लिए मंत्रों का समाहित है।

केतु कवचम् | Ketu Kavacham

ध्यानं
केतुं करालवदनं चित्रवर्णं किरीटिनम् ।
प्रणमामि सदा केतुं ध्वजाकारं ग्रहेश्वरम् ॥ 1 ॥

। अथ केतु कवचम् ।

चित्रवर्णः शिरः पातु भालं धूम्रसमद्युतिः ।
पातु नेत्रे पिंगलाक्षः श्रुती मे रक्तलोचनः ॥ 2 ॥

घ्राणं पातु सुवर्णाभश्चिबुकं सिंहिकासुतः ।
पातु कंठं च मे केतुः स्कंधौ पातु ग्रहाधिपः ॥ 3 ॥

हस्तौ पातु सुरश्रेष्ठः कुक्षिं पातु महाग्रहः ।
सिंहासनः कटिं पातु मध्यं पातु महासुरः ॥ 4 ॥

ऊरू पातु महाशीर्षो जानुनी मेऽतिकोपनः ।
पातु पादौ च मे क्रूरः सर्वांगं नरपिंगलः ॥ 5 ॥

फलश्रुतिः
य इदं कवचं दिव्यं सर्वरोगविनाशनम् ।
सर्वशत्रुविनाशं च धारणाद्विजयी भवेत् ॥ 6 ॥

॥ इति श्रीब्रह्मांडपुराणे केतुकवचं संपूर्णम् ॥

केतु कवचम् सुनें | Listen Ketu Kavacham

Ketu Kavacham | केतु कवचम् | Ketu Kavach | केतु कवच स्तोत्र

केतु कवचम् के लाभ | Benefits of Ketu Kavacham

  1. केतु ग्रह के प्रभाव से मुक्ति: “केतुकवचम्” का पाठ करने से केतु ग्रह के प्रभाव से मुक्ति होती है और उपयोगकर्ता को उसकी आत्मा का विकास होता है।
  2. रक्षा और सुरक्षा: इस कवच का जाप करने से उपयोगकर्ता को केतु ग्रह के शांति और रक्षा मिलती है, जो उसे अधिक संघर्ष और समस्याओं से निपटने की क्षमता होती है।
  3. बुराईयों से मुक्ति: “केतुकवचम्” के जाप से उपयोगकर्ता बुराईयों से मुक्त होता है और उसका जीवन सकारात्मक दिशा में प्रबल होता है।

सावधानियां:

  1. श्रद्धा और निष्ठा से पूजें: “केतुकवचम्” का जाप करने से पहले उपयोगकर्ता को श्रद्धा और निष्ठा से पूजन करना चाहिए।
  2. समय पर नियमित रूप से करें: कवच का नियमित रूप से एक विशेष समय पर पठना चाहिए, जिससे योग्यता और पूजन का प्रभाव महसूस हो सके।
  3. पवित्रता बनाए रखें: इस कवच के पाठन में पवित्रता बनाए रखने के लिए उपयोगकर्ता को शुद्ध मानसिकता और पवित्र वातावरण बनाए रखना चाहिए।

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