श्री ललिता त्रिशतिनामावलिः | Shri Lalita Trisati Namavali

श्री ललिता त्रिशती नामावली, हिंदू धर्म के प्रमुख देवी श्री ललिता देवी की महिमा और महात्म्य को व्यक्त करने वाला एक प्रमुख पौराणिक पाठ है। यह एक श्लोक संग्रह है, जिसमें देवी ललिता को ३०० नामों के माध्यम से समर्पित किया जाता है। यह श्लोकों का समूह है, जिन्हें अधिकांशतः देवी खड्गमालिनी ने ब्रह्मा से स्वयं वेद व्यास तक अपने उपासकों के लिए प्रदान किया था।

श्री ललिता त्रिशतिनामावलिः | Shri Lalita Trisati Namavali

॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीम् ॥

ॐ ककाररूपायै नमः
ॐ कल्याण्यै नमः
ॐ कल्याणगुणशालिन्यै नमः
ॐ कल्याणशैलनिलयायै नमः
ॐ कमनीयायै नमः
ॐ कलावत्यै नमः
ॐ कमलाक्ष्यै नमः
ॐ कल्मषघ्न्यै नमः
ॐ करुणमृतसागरायै नमः
ॐ कदंबकाननावासायै नमः (10)

ॐ कदंबकुसुमप्रियायै नमः
ॐ कंदर्पविद्यायै नमः
ॐ कंदर्पजनकापांगवीक्षणायै नमः
ॐ कर्पूरवीटीसौरभ्यकल्लोलितककुप्तटायै नमः
ॐ कलिदोषहरायै नमः
ॐ कंजलोचनायै नमः
ॐ कम्रविग्रहायै नमः
ॐ कर्मादिसाक्षिण्यै नमः
ॐ कारयित्र्यै नमः
ॐ कर्मफलप्रदायै नमः (20)

ॐ एकाररूपायै नमः
ॐ एकाक्षर्यै नमः
ॐ एकानेकाक्षराकृत्यै नमः
ॐ एतत्तदित्यनिर्देश्यायै नमः
ॐ एकानंदचिदाकृत्यै नमः
ॐ एवमित्यागमाबोध्यायै नमः
ॐ एकभक्तिमदर्चितायै नमः
ॐ एकाग्रचितनिर्ध्यातायै नमः
ॐ एषणारहितादृतायै नमः
ॐ एलासुगंधिचिकुरायै नमः (30)

ॐ एनःकूटविनाशिन्यै नमः
ॐ एकभोगायै नमः
ॐ एकरसायै नमः
ॐ एकैश्वर्यप्रदायिन्यै नमः
ॐ एकातपत्रसाम्राज्यप्रदायै नमः
ॐ एकांतपूजितायै नमः
ॐ एधमानप्रभायै नमः
ॐ एजदनेजज्जगदीश्वर्यै नमः
ॐ एकवीरादिसंसेव्यायै नमः
ॐ एकप्राभवशालिन्यै नमः (40)

ॐ ईकाररूपायै नमः
ॐ ईशित्र्यै नमः
ॐ ईप्सितार्थप्रदायिन्यै नमः
ॐ ईदृगित्याविनिर्देश्यायै नमः
ॐ ईश्वरत्वविधायिन्यै नमः
ॐ ईशानादिब्रह्ममय्यै नमः
ॐ ईशित्वाद्यष्टसिद्धिदायै नमः
ॐ ईक्षित्र्यै नमः
ॐ ईक्षणसृष्टांडकोट्यै नमः
ॐ ईश्वरवल्लभायै नमः
ॐ ईडितायै नमः (50)

ॐ ईश्वरार्धांगशरीरायै नमः
ॐ ईशाधिदेवतायै नमः
ॐ ईश्वरप्रेरणकर्यै नमः
ॐ ईशतांडवसाक्षिण्यै नमः
ॐ ईश्वरोत्संगनिलयायै नमः
ॐ ईतिबाधाविनाशिन्यै नमः
ॐ ईहाविरहितायै नमः
ॐ ईशशक्त्यै नमः
ॐ ईषत्स्मिताननायै नमः (60)

ॐ लकाररूपायै नमः
ॐ ललितायै नमः
ॐ लक्ष्मीवाणीनिषेवितायै नमः
ॐ लाकिन्यै नमः
ॐ ललनारूपायै नमः
ॐ लसद्दाडिमपाटलायै नमः
ॐ ललंतिकालसत्फालायै नमः
ॐ ललाटनयनार्चितायै नमः
ॐ लक्षणोज्ज्वलदिव्यांग्यै नमः
ॐ लक्षकोट्यंडनायिकायै नमः (70)

ॐ लक्ष्यार्थायै नमः
ॐ लक्षणागम्यायै नमः
ॐ लब्धकामायै नमः
ॐ लतातनवे नमः
ॐ ललामराजदलिकायै नमः
ॐ लंबिमुक्तालतांचितायै नमः
ॐ लंबोदरप्रसुवे नमः
ॐ लभ्यायै नमः
ॐ लज्जाढ्यायै नमः
ॐ लयवर्जितायै नमः (80)

ॐ ह्रींकाररूपायै नमः
ॐ ह्रींकारनिलयायै नमः
ॐ ह्रींपदप्रियायै नमः
ॐ ह्रींकारबीजायै नमः
ॐ ह्रींकारमंत्रायै नमः
ॐ ह्रींकारलक्षणायै नमः
ॐ ह्रींकारजपसुप्रीतायै नमः
ॐ ह्रींमत्यै नमः
ॐ ह्रींविभूषणायै नमः
ॐ ह्रींशीलायै नमः (90)

ॐ ह्रींपदाराध्यायै नमः
ॐ ह्रींगर्भायै नमः
ॐ ह्रींपदाभिधायै नमः
ॐ ह्रींकारवाच्यायै नमः
ॐ ह्रींकारपूज्यायै नमः
ॐ ह्रींकारपीठिकायै नमः
ॐ ह्रींकारवेद्यायै नमः
ॐ ह्रींकारचिंत्यायै नमः
ॐ ह्रीं नमः
ॐ ह्रींशरीरिण्यै नमः (100)

ॐ हकाररूपायै नमः
ॐ हलधृत्पूजितायै नमः
ॐ हरिणेक्षणायै नमः
ॐ हरप्रियायै नमः
ॐ हराराध्यायै नमः
ॐ हरिब्रह्मेंद्रवंदितायै नमः
ॐ हयारूढासेवितांघ्र्यै नमः
ॐ हयमेधसमर्चितायै नमः
ॐ हर्यक्षवाहनायै नमः
ॐ हंसवाहनायै नमः (110)

ॐ हतदानवायै नमः
ॐ हत्त्यादिपापशमन्यै नमः
ॐ हरिदश्वादिसेवितायै नमः
ॐ हस्तिकुंभोत्तुंगकुचायै नमः
ॐ हस्तिकृत्तिप्रियांगनायै नमः
ॐ हरिद्राकुंकुमादिग्धायै नमः
ॐ हर्यश्वाद्यमरार्चितायै नमः
ॐ हरिकेशसख्यै नमः
ॐ हादिविद्यायै नमः
ॐ हालामदालसायै नमः (120)

ॐ सकाररूपायै नमः
ॐ सर्वज्ञायै नमः
ॐ सर्वेश्यै नमः
ॐ सर्वमंगलायै नमः
ॐ सर्वकर्त्र्यै नमः
ॐ सर्वभर्त्र्यै नमः
ॐ सर्वहंत्र्यै नमः
ॐ सनातन्यै नमः
ॐ सर्वानवद्यायै नमः
ॐ सर्वांगसुंदर्यै नमः (130)

ॐ सर्वसाक्षिण्यै नमः
ॐ सर्वात्मिकायै नमः
ॐ सर्वसौख्यदात्र्यै नमः
ॐ सर्वविमोहिन्यै नमः
ॐ सर्वाधारायै नमः
ॐ सर्वगतायै नमः
ॐ सर्वावगुणवर्जितायै नमः
ॐ सर्वारुणायै नमः
ॐ सर्वमात्रे नमः
ॐ सर्वभुषणभुषितायै नमः (140)

ॐ ककारार्थायै नमः
ॐ कालहंत्र्यै नमः
ॐ कामेश्यै नमः
ॐ कामितार्थदायै नमः
ॐ कामसंजीविन्यै नमः
ॐ कल्यायै नमः
ॐ कठिनस्तनमंडलायै नमः
ॐ करभोरवे नमः
ॐ कलानाथमुख्यै नामः
ॐ कचजितांबुदायै नमः (150)

ॐ कटाक्षस्यंदिकरुणायै नमः
ॐ कपालिप्राणनायिकायै नमः
ॐ कारुण्यविग्रहायै नमः
ॐ कांतायै नमः
ॐ कांतिधूतजपावल्यै नमः
ॐ कलालापायै नमः
ॐ कंबुकंठ्यै नमः
ॐ करनिर्जितपल्लवायै नमः
ॐ कल्पवल्लीसमभुजायै नमः
ॐ कस्तूरीतिलकांचितायै नमः (160)

ॐ हकारार्थायै नमः
ॐ हंसगत्यै नमः
ॐ हाटकाभरणोज्ज्वलायै नमः
ॐ हारहारिकुचाभोगायै नमः
ॐ हाकिन्यै नमः
ॐ हल्यवर्जितायै नमः
ॐ हरित्पतिसमाराध्यायै नमः
ॐ हटात्कारहतासुरायै नमः
ॐ हर्षप्रदायै नमः
ॐ हविर्भोक्त्र्यै नमः (170)

ॐ हार्दसंतमसापहायै नमः
ॐ हल्लीसलास्यसंतुष्टायै नमः
ॐ हंसमंत्रार्थरूपिण्यै नमः
ॐ हानोपादाननिर्मुक्तायै नमः
ॐ हर्षिण्यै नमः
ॐ हरिसोदर्यै नमः
ॐ हाहाहूहूमुखस्तुत्यायै नमः
ॐ हानिवृद्धिविवर्जितायै नमः
ॐ हय्यंगवीनहृदयायै नमः
ॐ हरिकोपारुणांशुकायै नमः (180)

ॐ लकाराख्यायै नमः
ॐ लतापुज्यायै नमः
ॐ लयस्थित्युद्भवेश्वर्यै नमः
ॐ लास्यदर्शनसंतुष्टायै नमः
ॐ लाभालाभविवर्जितायै नमः
ॐ लंघ्येतराज्ञायै नमः
ॐ लावण्यशालिन्यै नमः
ॐ लघुसिद्धदायै नमः
ॐ लाक्षारससवर्णाभायै नमः
ॐ लक्ष्मणाग्रजपूजितायै नमः (190)

ॐ लभ्येतरायै नमः
ॐ लब्धभक्तिसुलभायै नमः
ॐ लांगलायुधायै नमः
ॐ लग्नचामरहस्त श्रीशारदा परिवीजितायै नमः
ॐ लज्जापदसमाराध्यायै नमः
ॐ लंपटायै नमः
ॐ लकुलेश्वर्यै नमः
ॐ लब्धमानायै नमः
ॐ लब्धरसायै नमः
ॐ लब्धसंपत्समुन्नत्यै नमः (200)

ॐ ह्रींकारिण्यै नमः
ॐ ह्रींकाराद्यायै नमः
ॐ ह्रींमध्यायै नमः
ॐ ह्रींशिखामण्यै नमः
ॐ ह्रींकारकुंडाग्निशिखायै नमः
ॐ ह्रींकारशशिचंद्रिकायै नमः
ॐ ह्रींकारभास्कररुच्यै नमः
ॐ ह्रींकारांभोदचंचलायै नमः
ॐ ह्रींकारकंदांकुरिकायै नमः
ॐ ह्रींकारैकपरायणायै नमः (210)

ॐ ह्रींकारदीर्धिकाहंस्यै नमः
ॐ ह्रींकारोद्यानकेकिन्यै नमः
ॐ ह्रींकारारण्यहरिण्यै नमः
ॐ ह्रींकारावालवल्लर्यै नमः
ॐ ह्रींकारपंजरशुक्यै नमः
ॐ ह्रींकारांगणदीपिकायै नमः
ॐ ह्रींकारकंदरासिंह्यै नमः
ॐ ह्रींकारांभोजभृंगिकायै नमः
ॐ ह्रींकारसुमनोमाध्व्यै नमः
ॐ ह्रींकारतरुमंजर्यै नमः (220)

ॐ सकाराख्यायै नमः
ॐ समरसायै नमः
ॐ सकलागमसंस्तुतायै नमः
ॐ सर्ववेदांत तात्पर्यभूम्यै नमः
ॐ सदसदाश्रयायै नमः
ॐ सकलायै नमः
ॐ सच्चिदानंदायै नमः
ॐ साध्यायै नमः
ॐ सद्गतिदायिन्यै नमः
ॐ सनकादिमुनिध्येयायै नमः (230)

ॐ सदाशिवकुटुंबिन्यै नमः
ॐ सकलाधिष्ठानरूपायै नमः
ॐ सत्यरूपायै नमः
ॐ समाकृत्यै नमः
ॐ सर्वप्रपंचनिर्मात्र्यै नमः
ॐ समानाधिकवर्जितायै नमः
ॐ सर्वोत्तुंगायै नमः
ॐ संगहीनायै नमः
ॐ सगुणायै नमः
ॐ सकलेष्टदायै नमः (240)

ॐ ककारिण्यै नमः
ॐ काव्यलोलायै नमः
ॐ कामेश्वरमनोहरायै नमः
ॐ कामेश्वरप्राणनाड्यै नमः
ॐ कामेशोत्संगवासिन्यै नमः
ॐ कामेश्वरालिंगितांग्यै नमः
ॐ कामेश्वरसुखप्रदायै नमः
ॐ कामेश्वरप्रणयिन्यै नमः
ॐ कामेश्वरविलासिन्यै नमः
ॐ कामेश्वरतपस्सिद्ध्यै नमः (250)

ॐ कामेश्वरमनःप्रियायै नमः
ॐ कामेश्वरप्राणनाथायै नमः
ॐ कामेश्वरविमोहिन्यै नमः
ॐ कामेश्वरब्रह्मविद्यायै नमः
ॐ कामेश्वरगृहेश्वर्यै नमः
ॐ कामेश्वराह्लादकर्यै नमः
ॐ कामेश्वरमहेश्वर्यै नमः
ॐ कामेश्वर्यै नमः
ॐ कामकोटिनिलयायै नमः
ॐ कांक्षितार्थदायै नमः (260)

ॐ लकारिण्यै नमः
ॐ लब्धरूपायै नमः
ॐ लब्धधिये नमः
ॐ लब्धवांछितायै नमः
ॐ लब्धपापमनोदूरायै नमः
ॐ लब्धाहंकारदुर्गमायै नमः
ॐ लब्धशक्त्यै नमः
ॐ लब्धदेहायै नमः
ॐ लब्धैश्वर्यसमुन्नत्यै नमः
ॐ लब्धबुद्ध्यै नमः (270)

ॐ लब्धलीलायै नमः
ॐ लब्धयौवनशालिन्यै नमः
ॐ लब्धातिशयसर्वांगसौंदर्यायै नमः
ॐ लब्धविभ्रमायै नमः
ॐ लब्धरागायै नमः
ॐ लब्धगत्यै नमः
ॐ लब्धनानागमस्थित्यै नमः
ॐ लब्धभोगायै नमः
ॐ लब्धसुखायै नमः
ॐ लब्धहर्षाभिपूजितायै नमः (280)

ॐ ह्रींकारमूर्त्यै नमः
ॐ ह्रींकारसौधशृंगकपोतिकायै नमः
ॐ ह्रींकारदुग्धब्धिसुधायै नमः
ॐ ह्रींकारकमलेंदिरायै नमः
ॐ ह्रींकरमणिदीपार्चिषे नमः
ॐ ह्रींकारतरुशारिकायै नमः
ॐ ह्रींकारपेटकमण्यै नमः
ॐ ह्रींकारादर्शबिंबिकायै नमः
ॐ ह्रींकारकोशासिलतायै नमः
ॐ ह्रींकारास्थाननर्तक्यै नमः (290)

ॐ ह्रींकारशुक्तिका मुक्तामण्यै नमः
ॐ ह्रींकारबोधितायै नमः
ॐ ह्रींकारमयसौर्णस्तंभविदृम पुत्रिकायै नमः
ॐ ह्रींकारवेदोपनिषदे नमः
ॐ ह्रींकाराध्वरदक्षिणायै नमः
ॐ ह्रींकारनंदनारामनवकल्पक वल्लर्यै नमः
ॐ ह्रींकारहिमवद्गंगायै नमः
ॐ ह्रींकारार्णवकौस्तुभायै नमः
ॐ ह्रींकारमंत्रसर्वस्वायै नमः
ॐ ह्रींकारपरसौख्यदायै नमः (300)

सुने श्री ललिता त्रिशतिनामावलिः | Shri Lalita Trisati Namavali

Sri Lalitha Trishati Namavali Stotra| For Abundance & Peace of Mind

सुने श्री ललिता त्रिशतिनामावलिः | Shri Lalita Trisati Namavali

  1. श्री ललिता त्रिशती नामावली में देवी ललिता को 300 नामों के माध्यम से समर्पित किया जाता है। ये नाम उनकी महिमा, शक्ति और गुणों को प्रकट करते हैं।
  2. इस नामावली का पाठ करने से व्यक्ति देवी ललिता के कृपालु और आशीर्वाद से संतुष्ट होता है और आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक सुख की प्राप्ति होती है।
  3. श्री ललिता त्रिशती नामावली के पाठ के द्वारा भक्त देवी ललिता की आराधना करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।
  4. यह पाठ तंत्र साधना और आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण हिस्सा है और देवी ललिता के साधकों द्वारा प्रमुखतः प्रयोग किया जाता है।
  5. श्री ललिता त्रिशती नामावली के पाठ करने से भक्त को आध्यात्मिक साधना, अध्ययन और मेधा में सफलता, सुख-शांति, संतान सुख, और सर्वान्निर्वापण मिलता है।

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