श्री भू वराह स्तोत्रम् | Shri Bhu Varaha Stotram

श्री भूवराह स्तोत्रम वह श्रद्धापूर्वक पठे जाने वाला स्तोत्र है जो भगवान वराह की महिमा, शक्ति, और कृपा की प्रशंसा करता है। यह स्तोत्र भक्तों को सुरक्षा, शांति, और परमात्मा के प्रति भक्ति में उत्साह देने का उद्दीपन करता है।

श्री भू वराह स्तोत्रम् | Shri Bhu Varaha Stotram

ऋषय ऊचु ।

जितं जितं तेऽजित यज्ञभावना
त्रयीं तनूं स्वां परिधुन्वते नमः ।
यद्रोमगर्तेषु निलिल्युरध्वराः
तस्मै नमः कारणसूकराय ते ॥ 1 ॥

रूपं तवैतन्ननु दुष्कृतात्मनां
दुर्दर्शनं देव यदध्वरात्मकम् ।
छंदांसि यस्य त्वचि बर्हिरोम-
स्स्वाज्यं दृशि त्वंघ्रिषु चातुर्होत्रम् ॥ 2 ॥

स्रुक्तुंड आसीत्स्रुव ईश नासयो-
रिडोदरे चमसाः कर्णरंध्रे ।
प्राशित्रमास्ये ग्रसने ग्रहास्तु ते
यच्चर्वणंते भगवन्नग्निहोत्रम् ॥ 3 ॥

दीक्षानुजन्मोपसदः शिरोधरं
त्वं प्रायणीयो दयनीय दंष्ट्रः ।
जिह्वा प्रवर्ग्यस्तव शीर्षकं क्रतोः
सभ्यावसथ्यं चितयोऽसवो हि ते ॥ 4 ॥

सोमस्तु रेतः सवनान्यवस्थितिः
संस्थाविभेदास्तव देव धातवः ।
सत्राणि सर्वाणि शरीरसंधि-
स्त्वं सर्वयज्ञक्रतुरिष्टिबंधनः ॥ 5 ॥

नमो नमस्तेऽखिलयंत्रदेवता
द्रव्याय सर्वक्रतवे क्रियात्मने ।
वैराग्य भक्त्यात्मजयाऽनुभावित
ज्ञानाय विद्यागुरवे नमॊ नमः ॥ 6 ॥

दंष्ट्राग्रकोट्या भगवंस्त्वया धृता
विराजते भूधर भूस्सभूधरा ।
यथा वनान्निस्सरतो दता धृता
मतंगजेंद्रस्य स पत्रपद्मिनी ॥ 7 ॥

त्रयीमयं रूपमिदं च सौकरं
भूमंडले नाथ तदा धृतेन ते ।
चकास्ति शृंगोढघनेन भूयसा
कुलाचलेंद्रस्य यथैव विभ्रमः ॥ 8 ॥

संस्थापयैनां जगतां सतस्थुषां
लोकाय पत्नीमसि मातरं पिता ।
विधेम चास्यै नमसा सह त्वया
यस्यां स्वतेजोऽग्निमिवारणावधाः ॥ 9 ॥

कः श्रद्धधीतान्यतमस्तव प्रभो
रसां गताया भुव उद्विबर्हणम् ।
न विस्मयोऽसौ त्वयि विश्वविस्मये
यो माययेदं ससृजेऽति विस्मयम् ॥ 10 ॥

विधुन्वता वेदमयं निजं वपु-
र्जनस्तपः सत्यनिवासिनो वयम् ।
सटाशिखोद्धूत शिवांबुबिंदुभि-
र्विमृज्यमाना भृशमीश पाविताः ॥ 11 ॥

स वै बत भ्रष्टमतिस्तवैष ते
यः कर्मणां पारमपारकर्मणः ।
यद्योगमाया गुण योग मोहितं
विश्वं समस्तं भगवन् विधेहि शम् ॥ 12 ॥

इति श्रीमद्भागवते महापुराणे तृतीयस्कंधे श्री वराह प्रादुर्भावोनाम त्रयोदशोध्यायः ।

श्री भू वराह स्तोत्रम् सुनें | Listen Shri Bhu Varaha Stotram

BHUVARAHA STOTRAM FOR OWNING HOUSE/LANDS AND OTHER LANDED PROPERTIES

श्री भू वराह स्तोत्रम् के लाभ | Benefits of Shri Bhu Varaha Stotram

  1. भगवान वराह की महिमा: यह स्तोत्र भगवान वराह की अद्वितीय महिमा और उनकी विशेषताओं की प्रशंसा करता है। इससे भक्तों में भगवान के प्रति श्रद्धा और आस्था बढ़ती है।
  2. सुरक्षा और शांति का प्रदान: श्री भूवराह स्तोत्रम का पाठ करने से भक्तों को भगवान के आशीर्वाद से सुरक्षा और शांति मिलती है।
  3. भक्ति और समर्पण: यह स्तोत्र भक्तों को अपने मन, वचन, और क्रियाओं को परमात्मा के समर्पण में लगाने के लिए प्रेरित करता है।

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