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गणपति प्रार्थना घनपाठ | Ganapati Prarthana Ghanapatham

गणपति प्रार्थना घनपाठ | Ganapati Prarthana Ghanapatham

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुशार, भगवान गणेश को सभी देवताओं के देवता भगवान शिव का पुत्र कहा जाता है। लोगों का यह मानना है कि किसी भी शुभ कार्य करने से पहले भगवन गणेश को सदैव स्मरण किया जाता है। भारत के महाराष्ट्र राज्य में अधिकतर रूप से भगवन गणेश की पूजा की जाती है। लेकिन समस्त भारत में हिन्दू शुभ कार्यो में भगवान गणेश की पूजा विघ्नहर्ता के रूप में की जाती है। यदि आप भगवान गणेश के इस प्रार्थना घनपाठ से सच्चे मन से स्मरण करेंगे तो आपके समस्त कष्टों का निवारण भगवान गणेश अवश्य ही करेंगे।

ॐ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तमम् ।
ज्ये॒ष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत॒ आ नः॑ शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑नम् ॥

प्रणो॑ दे॒वी सर॑स्वती॒ । वाजे॑भिर्वा॒जिनी॑वती । धी॒नाम॑वि॒त्र्य॑वतु ॥

ग॒णे॒शाय॑ नमः । स॒रस्व॒त्यै नमः । श्री गु॒रु॒भ्यो॒ नमः ।

हरिः ओम् ॥

घनापाठः

ग॒णानां᳚ त्वा त्वा ग॒णानां᳚ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिं ग॒णप॑तिं त्वा ग॒णानां᳚ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिम् ॥

त्वा॒ ग॒णप॑तिं ग॒णप॑तिं त्वात्वा ग॒णप॑तिग्ं हवामहे हवामहे ग॒णप॑तिं त्वात्वा गणप॑तिग्ं हवामहे । ग॒णप॑तिग्ं हवामहे हवामहे ग॒णप॑तिं ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विन्क॒विग्ं ह॑वामहे ग॒णप॑तिं ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विम् । ग॒णप॑ति॒मिति॑ग॒ण-प॒ति॒म् ॥

ह॒वा॒म॒हे॒ क॒विं क॒विग्ं॒ ह॑वामहे हवामहे क॒विं क॑वी॒नान्क॑वी॒नां क॒विग्ं॒ ह॑वामहे हवामहे क॒विन्क॑वी॒नाम् ॥

क॒विन्क॑वी॒नान्क॑वी॒नां क॒विन्क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तम मुप॒मश्र॑वस्तमंक॑वी॒नां क॒विन्क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तमम् ॥

क॒वी॒नामु॑प॒मश्र॑व स्तममुप॒मश्र॑वस्तमं कवी॒ना न्क॑वी॒ना मु॑प॒मश्र॑वस्तमम् । उ॒प॒मश्र॑वस्तम॒ मित्यु॑प॒मश्र॑वः-त॒म॒म् ॥

ज्ये॒ष्ट॒राजं॒ ब्रह्म॑णां॒ ब्रह्म॑णां ज्येष्ठ॒राजं॑ ज्येष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणो ब्रह्मणो॒ ब्रह्म॑णां ज्येष्ठ॒राजं॑ ज्येष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणः । ज्ये॒ष्ठ॒राज॒मिति॑ज्येष्ठ राजम्᳚ ॥

ब्रह्म॑णां ब्रह्मणो ब्रह्मणो॒ ब्रह्म॑णां॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पते पतेब्रह्मणो॒ ब्रह्म॑णां॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पते ॥

ब्र॒ह्म॒ण॒स्प॒ते॒ प॒ते॒ ब्र॒ह्म॒णो॒ ब्र॒ह्म॒ण॒स्प॒त॒ आप॑ते ब्रह्मणो ब्रह्मणस्पत॒ आ । प॒त॒ आ प॑तेपत॒ आनो॑न॒ आप॑ते पत॒ आनः॑ ॥

आनो॑न॒ आन॑श्शृ॒ण्वन्छृ॒ण्वन्न॒ आन॑श्शृण्वन्न् । न॒ श्शृण्वन्छृ॒ण्वन्नो॑न श्शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑ रू॒तिभि॑श्शृ॒ण्वन्नो॑न श्शृ॒ण्वन्नू॒तिभिः॑ ॥

श्शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑ रू॒तिभि॑श्शृ॒ण्वन्छृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद सीदो॒तिभि॑श्शृ॒ण्वन् छृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद ॥

ऊ॒तिभि॑स्सीद सीदो॒तिभि॑ रू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑न॒ग्ं॒ साद॑नग्ं॒ सीदो॒तिभि॑रू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑नम् । ऊ॒तिभि॒ रित्यू॒ति-भिः॒ ॥

सी॒द॒साद॑न॒ग्ं॒ साद॑नग्ं॒ सीद सीद॒ साद॑नम् । साद॑न॒मिति॒ साद॑नम् ॥

प्रणो॑ नः॒ प्रप्रणो॑ दे॒वी दे॒वी नः॒ प्रप्रणो॑ दे॒वी । नो॒ दे॒वी दे॒वी नो॑नो दे॒वी सर॑स्वती॒ सर॑स्वती दे॒वी नो॑ नो दे॒वी सर॑स्वती ॥

दे॒वी सर॑स्वती॒ सर॑स्वती दे॒वी दे॒वी सर॑स्वती॒ वाजे॒भि॒र्वाजे॑भि॒ स्सर॑स्वती दे॒वी दे॒वी सर॑स्वती दे॒वी सर॒स्वती॒ वाजे॑भिः ॥

सर॑स्वती॒ वाजे॑भि॒ र्वाजे॑भि॒ स्सर॑स्वती॒ सर॑स्वती॒ वाजे॑भि र्वा॒जिनी॑वती वा॒हिनी॑वती॒ वाजे॑भि॒ स्सर॑स्वती॒ सर॑स्वती॒ वाजे॑भि र्वा॒जिनी॑वती ॥

वाजे॑भिर्वा॒जिनी॑वती वा॒जिनी॑वती॒ वाजे॑भि॒र्वाजे॑भिर्वा॒जिनी॑वती । वा॒जिनी॑व॒तीति॑ वा॒जिनी॑-व॒ती॒ ॥

धी॒ना म॑वि॒त्र्य॑वि॒त्री धी॒नां धी॒नाम॑वि॒त्र्य॑ वत्व वत्ववि॒त्री धी॒नां धी॒नाम॑वि॒त्र्य॑वतु । अ॒वि॒त्र्य॑वत्वव त्ववि॒त्र्य॑वि॒ त्र्य॑वतु । अ॒व॒त्वित्य॑वतु ॥

सुनें गणपति प्रार्थना घनपाठ | Listen Ganapati Prarthana Ghanapatham

Ganapati Prarthana & Ghanapaath | Sree Ganesh | Uma Mohan | Devotional (Times Music Spiritual)

आइये जानते हैं भगवान गणेश की नित्य पूजा करके अपना मन भक्ति की ओर प्रेरित करने के लिए भगवन गणेश की कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में बताई गई सबसे सरल पूजन विधि बता जानते हैं, जो कुछ इस प्रकार की है:-

  • सर्वप्रथम सूर्य उदय से पहले उठकर पूजा स्थान की अच्छे से साफ सफाई करें और फिर खुद स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण कर ले |
  • उसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को पंचामृत से अभिषेक करके उन्हें स्वच्छ जल से स्नान कराने के पश्चात उनके शरीर के पानी को किसी स्वच्छ कपड़े से पोंछ दें, भगवान गणेश को स्नान कराने के पश्चात उन्हें स्वच्छ वस्त्र धारण कराकर उनके लिए सजाई गई चौकी पर विराजमान कर दें |
  • उसके बाद भगवान गणेश के सामने फल फूल प्रसाद स्वरूप मिठाई यह सब कुछ अर्पित करें |
  • उसके पश्चात् देसी घी का दीपक जला कर भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने प्रज्वलित करें |
  • दीपक जलाने के बाद आप भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने धूपबत्ती अगरबत्ती जलाएं |
  • उसके बाद आप कपूर जलाकर भगवान गणेश को भोग लगाकर इस श्लोक का पाठ करें |
  • भगवान गणेश को उनके सबसे प्रिय मोदक का भोग लगाना अवश्य याद रखें।

गणपति प्रार्थना घनपाठ के लिए सावधानियां | Ganpati prarthana dhnpath ke lie Savdhaniyan

शास्त्रों और पुराणों में पूजा करने के दौरान कुछ नियमों के पालन करने के बारे में बताए गया है, गणपति प्रार्थना घनपाठ का पाठ करते समय जरूर ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि Ganpati prarthana dhnpath का पाठ करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…..

  • मन्त्र या पाठ का उच्चारण सही होना चाहिए आपकी सुविधा के लिए हमने एक विडियो दिया है जिस से आप सही उच्चारण समझ सकते हैं|
  • पाठ करते समय मन में किसी प्रकार की बुरे विचार नहीं आने चाहिए आपके भाव अपने और आपके ईष्ट के प्रति स्पष्ट होने चाहिए|
  • पूजा करते समय कभी भी एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं। प्रणाम हमेशा दोनो हाथ जोड़कर किया जाता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, जप करते समय हमेशा दाहिने हाथ को कपड़े से या फिर गौमुखी से ढककर रखना चाहिए। जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर पूजना चाहिए।
  • हमेशा ध्यान रखें कि दीपक को कभी भी दीपक से नहीं जलाना चाहिए। दीपक को हमेशा माचिस या फिर किसी अन्य चीज से प्रज्वलित करना चाहिए।

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