शिव मंगलाष्टकम् | Shiv Manglashtakam
मंगला स्तोत्र का पाठ आमतौर पर कई स्तोत्रों के पाठ के अंत में या कई गीतों के गायन के अंत में या किसी शुभ कार्य के अंत में किया जाता है। शिव मंगलाष्टकम् स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है। भक्त भगवान से मंगल कामना करता है। मंगलम का अर्थ सुखद अंत की कामना या कामना भी हो सकता है।
शिव मंगलाष्टकम् स्तोत्र | Shiv Manglashtakam Stotra
भवाय चंद्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।
कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मंगलम् ॥ 1 ॥
वृषारूढाय भीमाय व्याघ्रचर्मांबराय च ।
पशूनांपतये तुभ्यं गौरीकांताय मंगलम् ॥ 2 ॥
भस्मोद्धूलितदेहाय नागयज्ञोपवीतिने ।
रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मंगलम् ॥ 3 ॥
सूर्यचंद्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने ।
सच्चिदानंदरूपाय प्रमथेशाय मंगलम् ॥ 4 ॥
मृत्युंजयाय सांबाय सृष्टिस्थित्यंतकारिणे ।
त्रयंबकाय शांताय त्रिलोकेशाय मंगलम् ॥ 5 ॥
गंगाधराय सोमाय नमो हरिहरात्मने ।
उग्राय त्रिपुरघ्नाय वामदेवाय मंगलम् ॥ 6 ॥
सद्योजाताय शर्वाय भव्य ज्ञानप्रदायिने ।
ईशानाय नमस्तुभ्यं पंचवक्राय मंगलम् ॥ 7 ॥
सदाशिव स्वरूपाय नमस्तत्पुरुषाय च ।
अघोराय च घोराय महादेवाय मंगलम् ॥ 8 ॥
महादेवस्य देवस्य यः पठेन्मंगलाष्टकम् ।
सर्वार्थ सिद्धि माप्नोति स सायुज्यं ततः परम् ॥ 9 ॥
सुने शिव मंगलाष्टकम् | Listen Shiv Manglashtakam
शिव मंगलाष्टकम् पाठ के लाभ | Benefits of Shiv Manglashtakam
शिव मंगलाष्टकम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:
- शिव मंगलाष्टकम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
- शिव मंगलाष्टकम् के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- शिव मंगलाष्टकम् के पाठ से जीवन में संतुलितता आती है और अंतरंग शांति होती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता, समृद्धि और समस्त संशयों से मुक्ति मिलती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के मन में आध्यात्मिक उत्साह की भावना उत्पन्न होती है और वह जीवन में अपने आध्यात्मिक उन्नयन के लिए सक्रिय होता है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की शक्ति बढ़ती है और वह जीवन में नए उच्चारणों और संघर्षों को संभव बनाता है।
इसका पाठ भगवान शिव की पूजा और उनकी महिमा के गुणगान के लिए किया जाता है। शिव मंगलाष्टकम् का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। इसे विशेष अवसरों पर जैसे महाशिवरात्रि, शिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा आदि पर पाठ किया जाता है। यह श्लोक संग्रह हिंदू धर्म के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।