श्री राम कवचम् | Shri Ram Kavacham

हिन्दू धर्म ग्रंथों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का विशेष स्थान है। श्री राम श्री राम कवचम् प्रभु श्री राम को समर्पित है। सांसारिक कष्टों से मुक्ति व किसी भी विपदा से रक्षा हेतु श्री राम कवचं का नित्य प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। रामनवमी के पर्व पर इस स्तोत्र का पाठ विशेष लाभकारी है।

श्री राम कवचम् स्तोत्र | Shri Ram Kavacham Stotram

अगस्तिरुवाच
आजानुबाहुमरविंददलायताक्ष-
-माजन्मशुद्धरसहासमुखप्रसादम् ।
श्यामं गृहीत शरचापमुदाररूपं
रामं सराममभिराममनुस्मरामि ॥ 1 ॥

अस्य श्रीरामकवचस्य अगस्त्य ऋषिः अनुष्टुप् छंदः सीतालक्ष्मणोपेतः श्रीरामचंद्रो देवता श्रीरामचंद्रप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

अथ ध्यानं
नीलजीमूतसंकाशं विद्युद्वर्णांबरावृतम् ।
कोमलांगं विशालाक्षं युवानमतिसुंदरम् ॥ 1 ॥

सीतासौमित्रिसहितं जटामुकुटधारिणम् ।
सासितूणधनुर्बाणपाणिं दानवमर्दनम् ॥ 2 ॥

यदा चोरभये राजभये शत्रुभये तथा ।
ध्यात्वा रघुपतिं क्रुद्धं कालानलसमप्रभम् ॥ 3 ॥

चीरकृष्णाजिनधरं भस्मोद्धूलितविग्रहम् ।
आकर्णाकृष्टविशिखकोदंडभुजमंडितम् ॥ 4 ॥

रणे रिपून् रावणादींस्तीक्ष्णमार्गणवृष्टिभिः ।
संहरंतं महावीरमुग्रमैंद्ररथस्थितम् ॥ 5 ॥

लक्ष्मणाद्यैर्महावीरैर्वृतं हनुमदादिभिः ।
सुग्रीवाद्यैर्माहावीरैः शैलवृक्षकरोद्यतैः ॥ 6 ॥

वेगात्करालहुंकारैर्भुभुक्कारमहारवैः ।
नदद्भिः परिवादद्भिः समरे रावणं प्रति ॥ 7 ॥

श्रीराम शत्रुसंघान्मे हन मर्दय खादय ।
भूतप्रेतपिशाचादीन् श्रीरामाशु विनाशय ॥ 8 ॥

एवं ध्यात्वा जपेद्रामकवचं सिद्धिदायकम् ।
सुतीक्ष्ण वज्रकवचं शृणु वक्ष्याम्यनुत्तमम् ॥ 9 ॥

अथ कवचम्
श्रीरामः पातु मे मूर्ध्नि पूर्वे च रघुवंशजः ।
दक्षिणे मे रघुवरः पश्चिमे पातु पावनः ॥ 10 ॥

उत्तरे मे रघुपतिर्भालं दशरथात्मजः ।
भ्रुवोर्दूर्वादलश्यामस्तयोर्मध्ये जनार्दनः ॥ 11 ॥

श्रोत्रं मे पातु राजेंद्रो दृशौ राजीवलोचनः ।
घ्राणं मे पातु राजर्षिर्गंडौ मे जानकीपतिः ॥ 12 ॥

कर्णमूले खरध्वंसी भालं मे रघुवल्लभः ।
जिह्वां मे वाक्पतिः पातु दंतपंक्ती रघूत्तमः ॥ 13 ॥

ओष्ठौ श्रीरामचंद्रो मे मुखं पातु परात्परः ।
कंठं पातु जगद्वंद्यः स्कंधौ मे रावणांतकः ॥ 14 ॥

धनुर्बाणधरः पातु भुजौ मे वालिमर्दनः ।
सर्वाण्यंगुलिपर्वाणि हस्तौ मे राक्षसांतकः ॥ 15 ॥

वक्षो मे पातु काकुत्स्थः पातु मे हृदयं हरिः ।
स्तनौ सीतापतिः पातु पार्श्वं मे जगदीश्वरः ॥ 16 ॥

मध्यं मे पातु लक्ष्मीशो नाभिं मे रघुनायकः ।
कौसल्येयः कटी पातु पृष्ठं दुर्गतिनाशनः ॥ 17 ॥

गुह्यं पातु हृषीकेशः सक्थिनी सत्यविक्रमः ।
ऊरू शारंगधरः पातु जानुनी हनुमत्प्रियः ॥ 18 ॥

जंघे पातु जगद्व्यापी पादौ मे ताटकांतकः ।
सर्वांगं पातु मे विष्णुः सर्वसंधीननामयः ॥ 19 ॥

ज्ञानेंद्रियाणि प्राणादीन् पातु मे मधुसूदनः ।
पातु श्रीरामभद्रो मे शब्दादीन्विषयानपि ॥ 20 ॥

द्विपदादीनि भूतानि मत्संबंधीनि यानि च ।
जामदग्न्यमहादर्पदलनः पातु तानि मे ॥ 21 ॥

सौमित्रिपूर्वजः पातु वागादीनींद्रियाणि च ।
रोमांकुराण्यशेषाणि पातु सुग्रीवराज्यदः ॥ 22 ॥

वाङ्मनोबुद्ध्यहंकारैर्ज्ञानाज्ञानकृतानि च ।
जन्मांतरकृतानीह पापानि विविधानि च ॥ 23 ॥

तानि सर्वाणि दग्ध्वाशु हरकोदंडखंडनः ।
पातु मां सर्वतो रामः शारंगबाणधरः सदा ॥ 24 ॥

इति श्रीरामचंद्रस्य कवचं वज्रसम्मितम् ।
गुह्याद्गुह्यतमं दिव्यं सुतीक्ष्ण मुनिसत्तम ॥ 25 ॥

यः पठेच्छृणुयाद्वापि श्रावयेद्वा समाहितः ।
स याति परमं स्थानं रामचंद्रप्रसादतः ॥ 26 ॥

महापातकयुक्तो वा गोघ्नो वा भ्रूणहा तथा ।
श्रीरामचंद्रकवचपठनाच्छुद्धिमाप्नुयात् ॥ 27 ॥

ब्रह्महत्यादिभिः पापैर्मुच्यते नात्र संशयः ।
भो सुतीक्ष्ण यथा पृष्टं त्वया मम पुराः शुभम् ।
तथा श्रीरामकवचं मया ते विनिवेदितम् ॥ 28 ॥

इति श्रीमदानंदरामायणे मनोहरकांडे सुतीक्ष्णागस्त्यसंवादे श्रीरामकवचम् ॥

सुने श्री राम कवचम् | Listen Shri Ram Kavacham

Shri Ram Kavacham || by Mantra Trance

श्री राम कवचम् पाठ के लाभ | Benefits of Shri Ram Kavacham

श्री राम कवचम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:

  1. व्यक्तिगत आचरण : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की स्तुति करने से व्यक्ति के आचरण में सुधर आता है, मानसिक शुद्धता प्राप्त होने से काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार आधी विकारों से छुटकारा मिलता है।
  2. प्रभु श्री राम की कृपा : श्री राम कवचम् स्तोत्र का पाठ से प्रभु श्री राम की कृपा प्राप्त होती है जिससे जीवन में सुख क प्राप्ति होती है।
  3. शुभ फलों की प्राप्ति: श्री राम कवचम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
  4. भय को दूर करना: श्री राम कवचम् का पाठ करने से भय और दुख भावना से मुक्ति मिलती है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति को आत्मविश्वास और संतुलन का अनुभव कराता है।
  5. मानसिक शांति: श्री राम कवचम् के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।

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