त्यागराज कीर्तन गंधमु पूयरुगा | Tyagaraja Kirtan Gandhamu Puyaruga

“गंधमु पुयरुगा” एक अद्भुत तेलुगु त्यागराज कीर्तन है जो भगवान राम की प्रशंसा में है। इस कीर्तन में संत त्यागराज भक्ति और प्रेम के साथ भगवान की महिमा का गान करते हैं।

त्यागराज कीर्तन गंधमु पूयरुगा | Tyagaraja Kirtan Gandhamu Puyaruga

रागं: पुन्नागवरालि
तालं: आदि

पल्लवि:
गंधमु पुय्यरुगा पन्नीरु
गंधमु पुय्यरुगा

अनु पल्लवि:
अंदमयिन यदुनंदनुपै
कुंदरदन लिरवॊंदग परिमल ॥गंधमु॥

तिलकमु दिद्दरुगा कस्तूरि तिलकमु दिद्दरुगा
कलकलमनु मुखकलगनि सॊक्कुचु
बलुकुल नमृतमु लॊलिकॆडु स्वामिकि ॥गंधमु॥

चेलमु गट्टरुगा बंगारु चेलमु गट्टरुगा
मालिमितो गोपालबालुलतो
नाल मेपिन विशालनयनुनिकि ॥गंधमु॥

हारतुलॆत्तरुगा मुत्याल हारतुलॆत्तरुगा
नारीमणुलकु वारमु यौवन
वारक यॊसगॆडु वारिजाक्षुनिकि ॥गंधमु॥

पूजलु सेयरुगा मनसार पूजलु सेयरुगा
जाजुलु मरि विरजाजुलु दवनमु
राजित त्यागराज नुतुनिकि ॥गंधमु॥

त्यागराज कीर्तन गंधमु पूयरुगा सुनें | Listen Tyagaraja Kirtan Gandhamu Puyaruga

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त्यागराज कीर्तन गंधमु पूयरुगा के लाभ | Benefits of Tyagaraja Kirtan Gandhamu Puyaruga

  1. आत्मिक संयम और शांति: “गंधमु पुयरुगा” का सुनना और गाना आत्मा में शांति और संयम का अनुभव कराता है।
  2. भक्ति में वृद्धि: त्यागराज की कीर्तनों का गाना और सुनना भक्ति में वृद्धि करने में सहायक होता है और भगवान के प्रति प्रेम को बढ़ाता है।
  3. सांस्कृतिक सामर्थ्य: इस कीर्तन के माध्यम से सांस्कृतिक सामर्थ्य को बढ़ावा मिलता है, जो आपको अपनी धारोहर के प्रति समर्पित करता है।

कीर्तन के अनुष्ठान:

  1. समर्पण और भक्ति भावना: कीर्तन को गाने से पहले, समर्पण भावना और भक्ति के साथ इसे गाना चाहिए।
  2. ध्यान और समर्पण: गीत के माध्यम से भगवान के प्रति ध्यान और समर्पण का अनुष्ठान करना चाहिए।
  3. संगीत में सुंदरता: “गंधमु पुयरुगा” की सुंदर संगीत और मेलोडी की खूबी से आत्मा को राम के प्रति अधिक प्रवृत्त करता है।

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