भारत में पंचायती राज परिप्रेश्य और अनुभव | Bharat Mein Panchayati Raj Paripreshy Aur Anubhav
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | भारत में पंचायती राज परिप्रेश्य और अनुभव | Bharat Mein Panchayati Raj Paripreshy Aur Anubhav |
Author | George Methew |
Category | Knowledge, शिक्षा / Educational, राजनीतिक / Political, Civics, Most Popular Books |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 338 |
Quality | Good |
Size | 9 MB |
Download Status | Available |
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भारत में पंचायती राज परिप्रेश्य और अनुभव पुस्तक का कुछ अंश : दस वर्ष पूर्व, 24 अप्रैल 1993 को, पंचायतें भारतीय संविधान के भाग नौ का अंग बन गयी| 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद मैंने जो निबन्ध लिखे हैं, यह पुस्तक उन्हीं का एक चयन है| इसके माध्यम से मैंने पंचायतों की दस वर्षों की यात्रा को उकेरने की कोशिश की है…..
“स्वयं कर्म, जब तक मुझे यह भरोसा होता है कि यह सही कर्म है, मुझे संतुष्टि देता है।” ‐ जवाहर लाल नेहरु
“Action itself, so long as I am convinced that it is right action, gives me satisfaction.” ‐ Jawaharlal Nehru
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