द सायकोलोजी ऑफ़ मनी : मॉर्गन हाउजल द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | The Psychology of Money : by Morgan Housel Hindi Audiobook
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
AudioBook Name | द सायकोलोजी ऑफ़ मनी / The Psychology of Money |
Author | Morgan Housel |
Category | ऑडियोबुक्स / Audiobooks, प्रेरक / Motivational |
Language | हिंदी / Hindi |
Duration | 1:40 hrs |
Source | Youtube |
The Miracle Morning Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : मैं इस व्यावहारिक कौशल को धन-संपत्ति का मनोविज्ञान कहता हूँ। इस किताब का उद्देंश्य लघु कहानियों के द्वारा आपको यह विश्वास दिलाना है कि व्यावहारिक कौशल संपत्ति के तकनीकी पहलू से अधिक महत्वपूर्ण है। मैं ऐसा इस प्रकार करूँगा कि सभी-रीड से लेकर फ़ुसकोन और बीच में बाकी सब-बेहतर वित्तीय निर्णय लेना सीख सकें। और जैसा कि मैंने जाना है यह व्यावहारिक कौशल काफ़ी अगोचर हैं। वित्त को मुख्य तौर पर गणित-आधारित क्षेत्र के रूप में पढ़ाया जाता है, जहाँ आप किसी फ़ार्मूले में डेटा ड़ालते हैं और फ़ार्मूला आपको बताता है कि आपको क्या करना है, और यह मान लिया जाता है कि बस आप यह कर लेंगे। व्यक्तिगत वित्त में यह सच है, जहाँ आपको बताया जाता है कि आपके पास छह माह की आपातकालीन राशि और आय का 0% बचत के रूप में होना चाहिये। निवेश में यह सच है जहाँ हमें ब्याज दर और मूल्यांकन के बीच पहले का सह-संबंध यथार्थरूप से पता होता है। और यह कॉपपरिट वित्त में भी लागू होता है जहाँ सी एफ़ ओ पूंजी का सटीक मूल्य माप सकते हैं। ऐसा नहीं है कि इनमें से कोई भी बात बुरी या गलत है। बात यह है कि यह जानने से कि कया करना है आपको यह पता नहीं चलता कि जब आप ऐसा करने की कोशिश करेंगे तो आपके दिमाग में क्या कुछ होगा।
2018 में मैंने उन 20 सबसे महत्वपूर्ण खामियों, पूर्वाग्रह और बुरे व्यवहार के कारणों को रेखांकित करते हुए एक रिपोर्ट लिखी, जिल्हें मैंने धन संबंधी लेन-देन में लोगों को प्रभावित करते देखा है। इसका शीर्षक “धन-संपत्ति का मनोविज्ञान” था और लगभग दस लाख से भी अधिक लोगों ने इसे पढ़ा। इस किताब ने इस विषय का और गहराई से अवलोकन किया है। रिपोर्ट में से कुछ लघु पैसेज बिना बदलाव के लिये गये हैं। आपके हाथ में फ़िलहाल ये 20 अध्याय हैं, जिनमें से हर एक मेरे अनुसार धन-संपत्ति के मनोविज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण और प्रति-अंतःप्रज्ञात्मक विशेषताओं का वर्णन करता है। सभी अध्याय एक मूल-विषय के इर्द गिर्द घूमते हैं, लेकिन साथ ही अपना एक अस्तित्व भी रखते हैं और स्वतंत्र रूप से भी पढ़े जा सकते हैं। यह एक लम्बी किताब नहीं है। आपका स्वागत है। अधिकतर पाठक उन पुस्तकों को समाप्त नहीं कर पाते जिन्हें वे पढ़ना आरंभ करते हैं क्योंकि अधिकांश इकलौते विषयों को 300 पृष्ठों के विवरण की आवश्यकता नहीं होती। इसके बदले मैं 20 लघु बिंदु लिखना पसंद करूंगा जिन्हें आप समाप्त कर सकें, बजाय एक लम्बी किताब के जिसे आप बीच में पढ़ना छोड़ दें। और अब हम आगे बढ़ते हैं।
“परिश्रम किस्मत की जननी है।” ‐ बेंजामिन फ्रैंकलिन
“Diligence is the mother of good luck.” ‐ Benjamin Franklin
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