अंगारक अष्टोत्तर शत नामावलि | Angarak Ashtottara Shata Nawali

“अंगारक अष्टोत्तरशत नामावली” भगवान मंगल (मार्स) की पूजा और ध्यान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस नामावली में भगवान मंगल के सौ विशेष नाम होते हैं, जिनका जाप भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद में सहायक होता है।

अंगारक अष्टोत्तर शत नामावलि | Angarak Ashtottara Shata Nawali

ॐ महीसुताय नमः ।
ॐ महाभागाय नमः ।
ॐ मंगलाय नमः ।
ॐ मंगलप्रदाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः ।
ॐ महाशूराय नमः ।
ॐ महाबलपराक्रमाय नमः ।
ॐ महारौद्राय नमः ।
ॐ महाभद्राय नमः ।
ॐ माननीयाय नमः ॥ 10 ॥

ॐ दयाकराय नमः ।
ॐ मानदाय नमः ।
ॐ अमर्षणाय नमः ।
ॐ क्रूराय नमः ।
ॐ तापपापविवर्जिताय नमः ।
ॐ सुप्रतीपाय नमः ।
ॐ सुताम्राक्षाय नमः ।
ॐ सुब्रह्मण्याय नमः ।
ॐ सुखप्रदाय नमः ।
ॐ वक्रस्तंभादिगमनाय नमः ॥ 20 ॥

ॐ वरेण्याय नमः ।
ॐ वरदाय नमः ।
ॐ सुखिने नमः ।
ॐ वीरभद्राय नमः ।
ॐ विरूपाक्षाय नमः ।
ॐ विदूरस्थाय नमः ।
ॐ विभावसवे नमः ।
ॐ नक्षत्रचक्रसंचारिणे नमः ।
ॐ क्षत्रपाय नमः ।
ॐ क्षात्रवर्जिताय नमः ॥ 30 ॥

ॐ क्षयवृद्धिविनिर्मुक्ताय नमः ।
ॐ क्षमायुक्ताय नमः ।
ॐ विचक्षणाय नमः ।
ॐ अक्षीणफलदाय नमः ।
ॐ चक्षुर्गोचराय नमः ।
ॐ शुभलक्षणाय नमः ।
ॐ वीतरागाय नमः ।
ॐ वीतभयाय नमः ।
ॐ विज्वराय नमः ।
ॐ विश्वकारणाय नमः ॥ 40 ॥

ॐ नक्षत्रराशिसंचाराय नमः ।
ॐ नानाभयनिकृंतनाय नमः ।
ॐ कमनीयाय नमः ।
ॐ दयासाराय नमः ।
ॐ कनत्कनकभूषणाय नमः ।
ॐ भयघ्नाय नमः ।
ॐ भव्यफलदाय नमः ।
ॐ भक्ताभयवरप्रदाय नमः ।
ॐ शत्रुहंत्रे नमः ।
ॐ शमोपेताय नमः ॥ 50 ॥

ॐ शरणागतपोषकाय नमः ।
ॐ साहसिने नमः ।
ॐ सद्गुणाय नमः
ॐ अध्यक्षाय नमः ।
ॐ साधवे नमः ।
ॐ समरदुर्जयाय नमः ।
ॐ दुष्टदूराय नमः ।
ॐ शिष्टपूज्याय नमः ।
ॐ सर्वकष्टनिवारकाय नमः ।
ॐ दुश्चेष्टवारकाय नमः ॥ 60 ॥

ॐ दुःखभंजनाय नमः ।
ॐ दुर्धराय नमः ।
ॐ हरये नमः ।
ॐ दुःस्वप्नहंत्रे नमः ।
ॐ दुर्धर्षाय नमः ।
ॐ दुष्टगर्वविमोचकाय नमः ।
ॐ भरद्वाजकुलोद्भूताय नमः ।
ॐ भूसुताय नमः ।
ॐ भव्यभूषणाय नमः ।
ॐ रक्तांबराय नमः ॥ 70 ॥

ॐ रक्तवपुषे नमः ।
ॐ भक्तपालनतत्पराय नमः ।
ॐ चतुर्भुजाय नमः ।
ॐ गदाधारिणे नमः ।
ॐ मेषवाहाय नमः ।
ॐ मिताशनाय नमः ।
ॐ शक्तिशूलधराय नमः ।
ॐ शक्ताय नमः ।
ॐ शस्त्रविद्याविशारदाय नमः ।
ॐ तार्किकाय नमः ॥ 80 ॥

ॐ तामसाधाराय नमः ।
ॐ तपस्विने नमः ।
ॐ ताम्रलोचनाय नमः ।
ॐ तप्तकांचनसंकाशाय नमः ।
ॐ रक्तकिंजल्कसन्निभाय नमः ।
ॐ गोत्राधिदेवाय नमः ।
ॐ गोमध्यचराय नमः ।
ॐ गुणविभूषणाय नमः ।
ॐ असृजे नमः ।
ॐ अंगारकाय नमः ॥ 90 ॥

ॐ अवंतीदेशाधीशाय नमः ।
ॐ जनार्दनाय नमः ।
ॐ सूर्ययाम्यप्रदेशस्थाय नमः ।
ॐ यौवनाय नमः ।
ॐ याम्यदिङ्मुखाय नमः ।
ॐ त्रिकोणमंडलगताय नमः ।
ॐ त्रिदशाधिपसन्नुताय नमः ।
ॐ शुचये नमः ।
ॐ शुचिकराय नमः ।
ॐ शूराय नमः ॥ 100 ॥

ॐ शुचिवश्याय नमः ।
ॐ शुभावहाय नमः ।
ॐ मेषवृश्चिकराशीशाय नमः ।
ॐ मेधाविने नमः ।
ॐ मितभाषणाय नमः ।
ॐ सुखप्रदाय नमः ।
ॐ सुरूपाक्षाय नमः ।
ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः ॥ 108 ॥

अंगारक अष्टोत्तर शत नामावलि सुनें | Listen Angarak Ashtottara Shata Nawali

Angaraka Graha Ashtothra Namavali

अंगारक अष्टोत्तर शत नामावलि के लाभ | Benefits of Angarak Ashtottara Shata Nawali

  1. मार्स ग्रह की शान्ति: अंगारक अष्टोत्तरशत नामावली का जाप करने से उपयोगकर्ता को मार्स ग्रह की शान्ति मिलती है, जिससे उन्हें नेतृत्व, साहस, और समर्थ्य में सुधार होता है।
  2. सौर शक्ति में वृद्धि: भगवान मंगल के नामों का जाप करने से उपयोगकर्ता को सौर शक्ति में वृद्धि होती है, जिससे उन्हें ऊर्जा, आत्मविश्वास, और सहानुभूति मिलती है।
  3. रोग निवारण: इस नामावली का जाप करने से उपयोगकर्ता को रोगों की रक्षा करने का अधिक समर्थन मिलता है और उन्हें स्वास्थ्य में सुधार होता है।

सावधानियां:

  1. श्रद्धा और निष्ठा से पूजें: अंगारक अष्टोत्तरशत नामावली का जाप करने से पहले उपयोगकर्ता को श्रद्धा और निष्ठा से पूजन करना चाहिए।
  2. समय पर नियमित रूप से करें: नामावली का नियमित रूप से एक विशेष समय पर करना चाहिए, जिससे योग्यता और पूजन का प्रभाव महसूस हो सके।
  3. पवित्रता बनाए रखें: इस पूजा में पवित्रता बनाए रखने के लिए उपयोगकर्ता को शुद्ध मानसिकता और पवित्र वातावरण बनाए रखना चाहिए।

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