अंगारक कवचम् | Angarak Kavacham

श्री अंगारक कवच एक शक्तिशाली मंत्र है जो मंगल देवता, ग्रह मंगल के अधिपति, की दिव्य सुरक्षा का आह्वान करता है। यह प्राचीन मंत्र ग्रंथों में पाया जाता है और माना जाता है कि यह देवी दुर्गा द्वारा रचित है।
अंगारक कवचम् | Angarak Kavacham
अस्य श्री अंगारक कवचस्य, कश्यप ऋषीः, अनुष्टुप् चंदः, अंगारको देवता, भौम प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥
ध्यानम्
रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् ।
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा मम स्याद्वरदः प्रशांतः ॥
अथ अंगारक कवचम्
अंगारकः शिरो रक्षेत् मुखं वै धरणीसुतः ।
श्रवौ रक्तंबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥ 1 ॥
नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः ।
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥2 ॥
वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु रोहितः ।
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥ 3 ॥
जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा ।
सर्वाण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥ 4 ॥
फलश्रुतिः
य इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रुनिवारणम् ।
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्वसिद्धिदम् ॥
सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम् ।
भुक्तिमुक्तिप्रदं नॄणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ॥
रोगबंधविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥
॥ इति श्री मार्कंडेयपुराणे अंगारक कवचं संपूर्णम् ॥
अंगारक कवचम् सुनें | Listen Angarak Kavacham
अंगारक कवचम् के लाभ | Benefits of Angarak Kavacham
- मंगल देवता की कृपा प्राप्त करना।
- मंगल ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति।
- शत्रुओं पर विजय।
- कोर्ट केस में जीत।
- संतान प्राप्ति।
- धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति।
- रोगों से मुक्ति।
- मानसिक शांति और स्थिरता।
सावधानी:
- इस मंत्र का पाठ पूर्ण विश्वास और भक्ति के साथ करना चाहिए।
- किसी गुरु या आचार्य से दीक्षा लेकर पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है।
- लोभ, मोह और क्रोध से मुक्त होकर पाठ करना चाहिए।
- किसी को नुकसान पहुंचाने के इरादे से पाठ नहीं करना चाहिए।
- नियमित रूप से पाठ करने से ही पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
