दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि | Dakaradi Durga Ashtottara Shat Namavali

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तरशतनामावलि, भगवती दुर्गा की 108 नामों का संग्रह है जो उनकी प्रशंसा और भक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। यह नामावली दुर्गा स्तोत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिन्दू धर्म में उच्च मान्यता के साथ प्रचलित है। इसका पाठ दुर्गा पूजा, नवरात्रि और दुर्गा जयंती जैसे अवसरों पर किया जाता है। इस अष्टोत्तरशतनामावली का प्रत्येक नाम दुर्गा माता के विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों को संकेतित करता है।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि | Dakaradi Durga Ashtottara Shat Namavali
ॐ दुर्गायै नमः
ॐ दुर्गति हरायै नमः
ॐ दुर्गाचल निवासिन्यै नमः
ॐ दुर्गामार्गानु संचारायै नमः
ॐ दुर्गामार्गानिवासिन्यै न नमः
ॐ दुर्गमार्गप्रविष्टायै नमः
ॐ दुर्गमार्गप्रवेसिन्यै नमः
ॐ दुर्गमार्गकृतावासायै
ॐ दुर्गमार्गजयप्रियायै
ॐ दुर्गमार्गगृहीतार्चायै ॥ 10 ॥
ॐ दुर्गमार्गस्थितात्मिकायै नमः
ॐ दुर्गमार्गस्तुतिपरायै
ॐ दुर्गमार्गस्मृतिपरायै
ॐ दुर्गमार्गसदास्थाप्यै
ॐ दुर्गमार्गरतिप्रियायै
ॐ दुर्गमार्गस्थलस्थानायै नमः
ॐ दुर्गमार्गविलासिन्यै
ॐ दुर्गमार्दत्यक्तास्त्रायै
ॐ दुर्गमार्गप्रवर्तिन्यै नमः
ॐ दुर्गासुरनिहंत्र्यै नमः ॥ 20 ॥
ॐ दुर्गासुरनिषूदिन्यै नमः
ॐ दुर्गासुर हरायै नमः
ॐ दूत्यै नमः
ॐ दुर्गासुरवधोन्मत्तायै नमः
ॐ दुर्गासुरवधोत्सुकायै नमः
ॐ दुर्गासुरवधोत्साहायै नमः
ॐ दुर्गासुरवधोद्यतायै नमः
ॐ दुर्गासुरवधप्रेष्यसे नमः
ॐ दुर्गासुरमुखांतकृते नमः
ॐ दुर्गासुरध्वंसतोषायै ॥ 30 ॥
ॐ दुर्गदानवदारिन्यै नमः
ॐ दुर्गाविद्रावण कर्त्यै नमः
ॐ दुर्गाविद्राविन्यै नमः
ॐ दुर्गाविक्षोभन कर्त्यै नमः
ॐ दुर्गशीर्षनिक्रुंतिन्यै नमः
ॐ दुर्गविध्वंसन कर्त्यै नमः
ॐ दुर्गदैत्यनिकृंतिन्यै नमः
ॐ दुर्गदैत्यप्राणहरायै नमः
ॐ दुर्गधैत्यांतकारिन्यै नमः
ॐ दुर्गदैत्यहरत्रात्यै नमः ॥ 40 ॥
ॐ दुर्गदैत्याशृगुन्मदायै
ॐ दुर्ग दैत्याशनकर्यै नमः
ॐ दुर्ग चर्मांबरावृतायै नमः
ॐ दुर्गयुद्धविशारदायै नमः
ॐ दुर्गयुद्दोत्सवकर्त्यै नमः
ॐ दुर्गयुद्दासवरतायै नमः
ॐ दुर्गयुद्दविमर्दिन्यै नमः
ॐ दुर्गयुद्दाट्टहासिन्यै नमः
ॐ दुर्गयुद्धहास्यार तायै नमः
ॐ दुर्गयुद्धमहामात्ताये नमः ॥ 50 ॥
ॐ दुर्गयुद्दोत्सवोत्सहायै नमः
ॐ दुर्गदेशनिषेन्यै नमः
ॐ दुर्गदेशवासरतायै नमः
ॐ दुर्ग देशविलासिन्यै नमः
ॐ दुर्गदेशार्चनरतायै नमः
ॐ दुर्गदेशजनप्रियायै नमः
ॐ दुर्गमस्थानसंस्थानायै नमः
ॐ दुर्गमथ्यानुसाधनायै नमः
ॐ दुर्गमायै नमः
ॐ दुर्गासदायै नमः ॥ 60 ॥
ॐ दुःखहंत्र्यै नमः
ॐ दुःखहीनायै नमः
ॐ दीनबंधवे नमः
ॐ दीनमात्रे नमः
ॐ दीनसेव्यायै नमः
ॐ दीनसिद्धायै नमः
ॐ दीनसाध्यायै नमः
ॐ दीनवत्सलायै नमः
ॐ देवकन्यायै नमः
ॐ देवमान्यायै नमः ॥ 70 ॥
ॐ देवसिद्दायै नमः
ॐ देवपूज्यायै नमः
ॐ देववंदितायै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ देवधन्यायै नमः
ॐ देवरम्यायै नमः
ॐ देवकामायै नमः
ॐ देवदेवप्रियायै नमः
ॐ देवदानववंदितायै नमः
ॐ देवदेवविलासिन्यै नमः ॥ 80 ॥
ॐ देवादेवार्चन प्रियायै नमः
ॐ देवदेवसुखप्रधायै नमः
ॐ देवदेवगतात्मि कायै नमः
ॐ देवतातनवे नमः
ॐ दयासिंधवे नमः
ॐ दयांबुधायै नमः
ॐ दयासागरायै नमः
ॐ दयायै नमः
ॐ दयालवे नमः
ॐ दयाशीलायै नमः ॥ 90 ॥
ॐ दयार्ध्रहृदयायै नमः
ॐ देवमात्रे नमः
ॐ धीर्घांगायै नमः
ॐ दुर्गायै नमः
ॐ दारुणायै नमः
ॐ दीर्गचक्षुषॆ नमः
ॐ दीर्गलोचनायै नमः
ॐ दीर्गनेत्रायै नमः
ॐ दीर्गबाहवे नमः
ॐ दयासागरमध्यस्तायै नमः ॥ 100 ॥
ॐ दयाश्रयायै नमः
ॐ दयांभुनिघायै नमः
ॐ दाशरधी प्रियायै नमः
ॐ दशभुजायै नमः
ॐ दिगंबरविलासिन्यै नमः
ॐ दुर्गमायै नमः
ॐ देवसमायुक्तायै नमः
ॐ दुरितापहरिन्यै नमः ॥ 108 ॥
इति श्री दकारदि दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावलिः संपूर्णं
सुने दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि | Listen Dakaradi Durga Ashtottara Shat Namavali
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि के लाभ | Benefits of Dakaradi Durga Ashtottara Shat Namavali
- दकारादि दुर्गा अष्टोत्तरशतनामावलि भगवती दुर्गा की 108 नामों का संग्रह है।
- इस अष्टोत्तरशतनामावली का प्रत्येक नाम दुर्गा माता के विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों को संकेतित करता है।
- दुर्गा पूजा, नवरात्रि और दुर्गा जयंती जैसे अवसरों पर इस नामावली का पाठ किया जाता है।
- यह नामावली दुर्गा स्तोत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिन्दू धर्म में उच्च मान्यता के साथ प्रचलित है।
- नामावली में दुर्गा माता की महत्त्वपूर्ण गुणों का वर्णन है, जैसे आद्या, वरदा, पद्माक्षी, कल्याणी, भद्रकाली आदि।
- इन नामों के माध्यम से भक्त दुर्गा माता की प्रशंसा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।
- इस अष्टोत्तरशतनामावली के पाठ से भक्ति और श्रद्धा का विकास होता है और माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
