देवी अश्वधाटी स्त्रोत्रम (अम्बा स्तुति) | Devi Aswadhati Strotram (Amba Stuti)

“देवी अश्वधाटी” का अर्थ है “अश्व यानी घोड़ा धारण करने वाली देवी”। यह एक मातृका देवी है, जिसे हिंदू परंपराओं में पूजा जाता है। देवी अश्वधाटी को अपने वाहन के रूप में घोड़े की छवि में प्रतिष्ठित किया जाता है।

देवी अश्वधाटी स्त्रोत्रम (अम्बा स्तुति) | Devi Aswadhati Strotram (Amba Stuti)

(कालिदास कृतम्)

चेटी भवन्निखिल खेटी कदंबवन वाटीषु नाकि पटली
कोटीर चारुतर कोटी मणीकिरण कोटी करंबित पदा ।
पाटीरगंधि कुचशाटी कवित्व परिपाटीमगाधिप सुता
घोटीखुरादधिक धाटीमुदार मुख वीटीरसेन तनुताम् ॥ 1 ॥ शा ॥

द्वैपायन प्रभृति शापायुध त्रिदिव सोपान धूलि चरणा
पापापह स्वमनु जापानुलीन जन तापापनोद निपुणा ।
नीपालया सुरभि धूपालका दुरितकूपादुदन्चयतुमाम्
रूपाधिका शिखरि भूपाल वंशमणि दीपायिता भगवती ॥ 2 ॥ शा ॥

यालीभि रात्मतनुतालीनकृत्प्रियक पालीषु खेलति भवा
व्याली नकुल्यसित चूली भरा चरण धूली लसन्मणिगणा ।
याली भृति श्रवसि ताली दलं वहति यालीक शोभि तिलका
साली करोतु मम काली मनः स्वपद नालीक सेवन विधौ ॥ 3 ॥ शा ॥

बालामृतांशु निभ फालामना गरुण चेला नितंब फलके
कोलाहल क्षपित कालामराकुशल कीलाल शोषण रविः ।
स्थूलाकुचे जलद नीलाकचे कलित वीला कदंब विपिने
शूलायुध प्रणति शीला दधातु हृदि शैलाधि राज तनया ॥ 4 ॥ शा ॥

कंबावतीव सविडंबा गलेन नव तुंबाभ वीण सविधा
बिंबाधरा विनत शंबायुधादि निकुरुंबा कदंब विपिने ।
अंबा कुरंग मदजंबाल रोचि रिह लंबालका दिशतु मे
शं बाहुलेय शशि बिंबाभि राम मुख संबाधिता स्तन भरा ॥ 5 ॥ शा ॥

दासायमान सुमहासा कदंबवन वासा कुसुंभ सुमनो
वासा विपंचि कृत रासा विधूत मधु मासारविंद मधुरा ।
कासार सून तति भासाभिराम तनु रासार शीत करुणा
नासा मणि प्रवर भासा शिवा तिमिर मासाये दुपरतिम् ॥ 6 ॥ शा ॥

न्यंकाकरे वपुषि कंकाल रक्त पुषि कंकादि पक्षि विषये
त्वं कामना मयसि किं कारणं हृदय पंकारि मे हि गिरिजाम् ।
शंकाशिला निशित टंकायमान पद संकाशमान सुमनो
झंकारि भृंगतति मंकानुपेत शशि संकाश वक्त्र कमलाम् ॥ 7 ॥ शा ॥

जंभारि कुंभि पृथु कुंभापहासि कुच संभाव्य हार लतिका
रंभा करींद्र कर दंभापहोरुगति डिंभानुरंजित पदा ।
शंभा उदार परिरंभांकुरत् पुलक दंभानुराग पिशुना
शं भासुराभरण गुंभा सदा दिशतु शुंभासुर प्रहरणा ॥ 8 ॥ शा ॥

दाक्षायणी दनुज शिक्षा विधौ विकृत दीक्षा मनोहर गुणा
भिक्षाशिनो नटन वीक्षा विनोद मुखि दक्षाध्वर प्रहरणा ।
वीक्षां विधेहि मयि दक्षा स्वकीय जन पक्षा विपक्ष विमुखी
यक्षेश सेवित निराक्षेप शक्ति जय लक्षावधान कलना ॥ 9 ॥ शा ॥

वंदारु लोक वर संधायिनी विमल कुंदावदात रदना
बृंदारु बृंद मणि बृंदारविंद मकरंदाभिषिक्त चरणा ।
मंदानिला कलित मंदार दामभिरमंदाभिराम मकुटा
मंदाकिनी जवन भिंदान वाचमरविंदानना दिशतु मे ॥ 10 ॥ शा ॥

यत्राशयो लगति तत्रागजा भवतु कुत्रापि निस्तुल शुका
सुत्राम काल मुख सत्रासकप्रकर सुत्राण कारि चरणा ।
छत्रानिलातिरय पत्त्राभिभिराम गुण मित्रामरी सम वधूः
कु त्रासहीन मणि चित्राकृति स्फुरित पुत्रादि दान निपुणा ॥ 11 ॥ शा ॥

कूलातिगामि भय तूलावलिज्वलनकीला निजस्तुति विधा
कोलाहलक्षपित कालामरी कुशल कीलाल पोषण रता ।
स्थूलाकुचे जलद नीलाकचे कलित लीला कदंब विपिने
शूलायुध प्रणति शीला विभातु हृदि शैलाधिराज तनया ॥ 12 ॥ शा ॥

इंधान कीर मणिबंधा भवे हृदयबंधा वतीव रसिका
संधावती भुवन संधारणे प्यमृत सिंधावुदार निलया ।
गंधानुभाव मुहुरंधालि पीत कच बंधा समर्पयतु मे
शं धाम भानुमपि रुंधान माशु पद संधान मप्यनुगता ॥ 13 ॥ शा ॥

सुने देवी अश्वधाटी स्त्रोत्रम (अम्बा स्तुति) | Listen Devi Aswadhati Strotram (Amba Stuti)

|| DEVI ASHWADHATI STOTRAM ||

देवी अश्वधाटी स्त्रोत्रम (अम्बा स्तुति) के लाभ | Benefits of Devi Aswadhati Strotram (Amba Stuti)

  1. रोगों का निवारण: देवी अश्वधाटी की पूजा और मंत्रजाप से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण हो सकता है और स्वास्थ्य की सुरक्षा मिल सकती है।
  2. सुरक्षा और रक्षा: देवी अश्वधाटी की कृपा से व्यक्ति को संकट, दुश्मनों और आपत्तियों से सुरक्षा मिल सकती है।
  3. समृद्धि और सौभाग्य: देवी अश्वधाटी की आराधना से धन, समृद्धि, और सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।
  4. आत्मविश्वास और सफलता: देवी अश्वधाटी की कृपा से व्यक्ति को आत्मविश्वास, साहस, और सफलता मिल सकती है।
  5. धार्मिक उन्नति: देवी अश्वधाटी की आराधना से व्यक्ति की धार्मिक उन्नति होती है। उन्हें धार्मिक ज्ञान, आदर्शों का पालन, और सत्संगति की प्राप्ति होती है।
  6. विद्या का प्राप्ति: देवी अश्वधाटी की कृपा से व्यक्ति को विद्या की प्राप्ति होती है। उन्हें बुद्धिमान बनने, शिक्षा में प्रगति करने, और ज्ञान के आवागमन में सहायता मिलती है।
  7. शांति और मानसिक स्थिरता: देवी अश्वधाटी की पूजा से मन को शांति, मानसिक स्थिरता, और आत्मिक शक्ति मिलती है। उन्हें मानसिक चिंताओं, स्थायीता की क्षमता, और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. भक्ति और प्रेम का विकास: देवी अश्वधाटी की आराधना से व्यक्ति में भक्ति, प्रेम, और देवी के प्रति आत्मीयता का विकास होता है।

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