गणेश महिम्ना स्तोत्रम् | Ganesh Mahima Stotram

विघ्न हर्ता श्री गणेश हिन्दू ग्रंथों में विशेष लोकप्रिय हैं। गणेश महिम्रा स्तोत्रम भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस स्तोत्र में श्री गणेश की स्तुति, उनकी महिमा का वर्णन है। इस स्तोत्र का पाठ करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है शिव-पार्वती पुत्र गणेश विघ्न को हरने वाले है इस गणेश महिमा स्तोत्र का नियमित पाठ करके श्री गणेश को प्रसन्न करें।

गणेश महिम्ना स्तोत्रम् | Ganesh Mahima Stotram

अनिर्वाच्यं रूपं स्तवन निकरो यत्र गलितः तथा वक्ष्ये स्तोत्रं प्रथम पुरुषस्यात्र महतः ।
यतो जातं विश्वस्थितिमपि सदा यत्र विलयः सकीदृग्गीर्वाणः सुनिगम नुतः श्रीगणपतिः ॥ 1 ॥

गकारो हेरंबः सगुण इति पुं निर्गुणमयो द्विधाप्येकोजातः प्रकृति पुरुषो ब्रह्म हि गणः ।
स चेशश्चोत्पत्ति स्थिति लय करोयं प्रमथको यतोभूतं भव्यं भवति पतिरीशो गणपतिः ॥ 2 ॥

गकारः कंठोर्ध्वं गजमुखसमो मर्त्यसदृशो णकारः कंठाधो जठर सदृशाकार इति च ।
अधोभावः कट्यां चरण इति हीशोस्य च तमः विभातीत्थं नाम त्रिभुवन समं भू र्भुव स्सुवः ॥ 3 ॥

गणाध्यक्षो ज्येष्ठः कपिल अपरो मंगलनिधिः दयालुर्हेरंबो वरद इति चिंतामणि रजः ।
वरानीशो ढुंढिर्गजवदन नामा शिवसुतो मयूरेशो गौरीतनय इति नामानि पठति ॥ 4 ॥

महेशोयं विष्णुः स कवि रविरिंदुः कमलजः क्षिति स्तोयं वह्निः श्वसन इति खं त्वद्रिरुदधिः ।
कुजस्तारः शुक्रो पुरुरुडु बुधोगुच्च धनदो यमः पाशी काव्यः शनिरखिल रूपो गणपतिः ॥5 ॥

मुखं वह्निः पादौ हरिरसि विधात प्रजननं रविर्नेत्रे चंद्रो हृदय मपि कामोस्य मदन ।
करौ शुक्रः कट्यामवनिरुदरं भाति दशनं गणेशस्यासन् वै क्रतुमय वपु श्चैव सकलम् ॥ 6 ॥

सिते भाद्रे मासे प्रतिशरदि मध्याह्न समये मृदो मूर्तिं कृत्वा गणपतितिथौ ढुंढि सदृशीम् ।
समर्चत्युत्साहः प्रभवति महान् सर्वसदने विलोक्यानंदस्तां प्रभवति नृणां विस्मय इति ॥7 ॥

गणेशदेवस्य माहात्म्यमेतद्यः श्रावयेद्वापि पठेच्च तस्य ।
क्लेशा लयं यांति लभेच्च शीघ्रं श्रीपुत्त्र विद्यार्थि गृहं च मुक्तिम् ॥ 8 ॥

॥ इति श्री गणेश महिम्न स्तोत्रम् ॥

सुने गणेश महिम्ना स्तोत्रम् | Listen Ganesh Mahima Stotram

Ganesh Mahima Stotram || by Spiritual Bhakti

गणेश महिम्ना स्तोत्रम् पाठ के लाभ | Benefits of Ganesh Mahima Stotram

गणेश महिम्ना स्तोत्रम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:

  1. विघ्न हर्ता श्री गणेश : शिव-पार्वती पुत्र गणेश विघ्न को हरने वाले है। किसी प्रकार की विपदा आने पर श्री गणेश की स्तुति कर कष्टों से मुक्ति पा सकते है।
  2. श्री गणेश का वाहन : प्रभु गणेश का वाहन मूसक है जिस वह विराजमान है।
  3. श्री गणेश का भोग : प्रभु गणेश का प्रिय भोग लड्डू को माना जाता है।
  4. शुभ फलों की प्राप्ति: गणेश महिम्ना स्तोत्रम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
  5. शरीर और मन को शुद्ध करना: गणेश महिम्ना स्तोत्रम् का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।
  6. भगवान शिव की कृपा: गणेश महिम्ना स्तोत्रम् के पाठ से भगवान शिव की कृपा मिलती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती है।
  7. समस्त दुःखों से मुक्ति: गणेश महिम्ना स्तोत्रम् के पाठ से समस्त दुःखों से मुक्ति मिलती है।

Leave a Comment