नाम रामायणम् | Nam ramayanam

नाम रामायणम् एक श्रेष्ठ और पवित्र स्तोत्र है जो भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का अद्भूत अभ्यास प्रस्तुत करता है। इसमें भगवान राम के नामों की महिमा, गुण, और लीलाओं की सविशेष प्रशंसा की गई है और इसे पढ़ने या सुनने से भक्तों को आत्मिक शांति और आनंद का अनुभव होता है।

नाम रामायणम् | Nam ramayanam

॥ बालकांडः ॥


शुद्धब्रह्मपरात्पर राम ।
कालात्मकपरमेश्वर राम ।
शेषतल्पसुखनिद्रित राम ।
ब्रह्माद्यमरप्रार्थित राम ।
चंडकिरणकुलमंडन राम ।
श्रीमद्दशरथनंदन राम ।
कौसल्यासुखवर्धन राम ।
विश्वामित्रप्रियधन राम ।
घोरताटकाघातक राम ।
मारीचादिनिपातक राम । 10 ।
कौशिकमखसंरक्षक राम ।
श्रीमदहल्योद्धारक राम ।
गौतममुनिसंपूजित राम ।
सुरमुनिवरगणसंस्तुत राम ।
नाविकधाविकमृदुपद राम ।
मिथिलापुरजनमोहक राम ।
विदेहमानसरंजक राम ।
त्र्यंबककार्मुखभंजक राम ।
सीतार्पितवरमालिक राम ।
कृतवैवाहिककौतुक राम । 20 ।
भार्गवदर्पविनाशक राम ।
श्रीमदयोध्यापालक राम ॥

राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ॥

॥ अयोध्याकांडः ॥

अगणितगुणगणभूषित राम ।
अवनीतनयाकामित राम ।
राकाचंद्रसमानन राम ।
पितृवाक्याश्रितकानन राम ।
प्रियगुहविनिवेदितपद राम ।
तत्क्षालितनिजमृदुपद राम ।
भरद्वाजमुखानंदक राम ।
चित्रकूटाद्रिनिकेतन राम । 30 ।
दशरथसंततचिंतित राम ।
कैकेयीतनयार्पित राम । (तनयार्थित)
विरचितनिजपितृकर्मक राम ।
भरतार्पितनिजपादुक राम ॥

राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ॥

॥ अरण्यकांडः ॥

दंडकावनजनपावन राम ।
दुष्टविराधविनाशन राम ।
शरभंगसुतीक्ष्णार्चित राम ।
अगस्त्यानुग्रहवर्दित राम ।
गृध्राधिपसंसेवित राम ।
पंचवटीतटसुस्थित राम । 40 ।
शूर्पणखार्त्तिविधायक राम ।
खरदूषणमुखसूदक राम ।
सीताप्रियहरिणानुग राम ।
मारीचार्तिकृताशुग राम ।
विनष्टसीतान्वेषक राम ।
गृध्राधिपगतिदायक राम ।
शबरीदत्तफलाशन राम ।
कबंधबाहुच्छेदन राम ॥

राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ॥

॥ किष्किंधाकांडः ॥

हनुमत्सेवितनिजपद राम ।
नतसुग्रीवाभीष्टद राम । 50 ।
गर्वितवालिसंहारक राम ।
वानरदूतप्रेषक राम ।
हितकरलक्ष्मणसंयुत राम ।
राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ।
॥ सुंदरकांडः ॥

कपिवरसंततसंस्मृत राम ।
तद्गतिविघ्नध्वंसक राम ।
सीताप्राणाधारक राम ।
दुष्टदशाननदूषित राम ।
शिष्टहनूमद्भूषित राम ।
सीतावेदितकाकावन राम ।
कृतचूडामणिदर्शन राम । 60 ।
कपिवरवचनाश्वासित राम ॥

राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ॥

॥ युद्धकांडः ॥

रावणनिधनप्रस्थित राम ।
वानरसैन्यसमावृत राम ।
शोषितशरदीशार्त्तित राम ।
विभीष्णाभयदायक राम ।
पर्वतसेतुनिबंधक राम ।
कुंभकर्णशिरश्छेदक राम ।
राक्षससंघविमर्धक राम ।
अहिमहिरावणचारण राम ।
संहृतदशमुखरावण राम । 70 ।
विधिभवमुखसुरसंस्तुत राम ।
खःस्थितदशरथवीक्षित राम ।
सीतादर्शनमोदित राम ।
अभिषिक्तविभीषणनुत राम । (नत)
पुष्पकयानारोहण राम ।
भरद्वाजादिनिषेवण राम ।
भरतप्राणप्रियकर राम ।
साकेतपुरीभूषण राम ।
सकलस्वीयसमानत राम ।
रत्नलसत्पीठास्थित राम । 80 ।
पट्टाभिषेकालंकृत राम ।
पार्थिवकुलसम्मानित राम ।
विभीषणार्पितरंगक राम ।
कीशकुलानुग्रहकर राम ।
सकलजीवसंरक्षक राम ।
समस्तलोकोद्धारक राम ॥ (लोकाधारक)
राम राम जय राजा राम ।
राम राम जय सीता राम ॥

॥ उत्तरकांडः ॥

आगत मुनिगण संस्तुत राम ।
विश्रुतदशकंठोद्भव राम ।
सीतालिंगननिर्वृत राम ।
नीतिसुरक्षितजनपद राम । 90 ।
विपिनत्याजितजनकज राम ।
कारितलवणासुरवध राम ।
स्वर्गतशंबुक संस्तुत राम ।
स्वतनयकुशलवनंदित राम ।
अश्वमेधक्रतुदीक्षित राम ।
कालावेदितसुरपद राम ।
आयोध्यकजनमुक्तित राम ।
विधिमुखविभुदानंदक राम ।
तेजोमयनिजरूपक राम ।
संसृतिबंधविमोचक राम । 100 ।
धर्मस्थापनतत्पर राम ।
भक्तिपरायणमुक्तिद राम ।
सर्वचराचरपालक राम ।
सर्वभवामयवारक राम ।
वैकुंठालयसंस्तित राम ।
नित्यनंदपदस्तित राम ॥

राम राम जय राजा राम ॥
राम राम जय सीता राम ॥ 108 ॥

इति श्रीलक्ष्मणाचार्यविरचितं नामरामायणं संपूर्णम् ।

नाम रामायणम् सुनें | Listen Nam ramayanam

Nama Ramayanam – Lyrical | M.S. Subbulakshmi | Ram Bhajan | Carnatic Music | Carnatic Classical Song

नाम रामायणम् के लाभ | Benefits of Nam ramayanam

  1. आत्मिक शांति और समृद्धि: नाम रामायणम् का पठन आत्मा को शांति, सुकून, और समृद्धि का अनुभव कराता है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति आत्मिक सुधार और स्प्रिट्युअल ऊर्जा में वृद्धि महसूस करता है।
  2. भक्ति में वृद्धि: नाम रामायणम् का जाप करने से भक्तों की भक्ति में वृद्धि होती है। भगवान राम के प्रति प्रेम और आस्था बढ़ती है, जो उन्हें आत्मिक समृद्धि की ओर बढ़ने में सहारा प्रदान करता है।
  3. कष्टों का समापन: नाम रामायणम् का प्रतिदिन जाप करने से कष्टों और दुःखों का समापन होता है। भक्त को भगवान के नामों में आश्रय लेने का अद्वितीय अनुभव होता है।
  4. मानवीय समर्थन: नाम रामायणम् का पाठ करने से व्यक्ति का मानवीय समर्थन बढ़ता है। इससे उन्हें दूसरों के प्रति करुणा और उदारता की भावना महसूस होती है।
  5. आत्मविकास: नाम रामायणम् के जाप से व्यक्ति अपने आत्मा का विकास करता है और अपने जीवन को आत्मनिर्भरता और सार्थकता की दिशा में मोड़ता है।
  6. कार्यों में सफलता: नाम रामायणम् का पठन करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह भक्ति और समर्पण की भावना से कार्यों को शुभ दिशा में एकीकृत करता है।
  7. कल्याणकारी प्रभाव: नाम रामायणम् का पाठ करने से व्यक्ति अपने आस-पास के लोगों को प्रेम और सहानुभूति से देखता है और उनमें सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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