नवरत्न मालिका स्तोत्रम् | Navaratna Malika Stotram

नवरत्न मालिका स्तोत्रम् (Navaratna Malika Stotram) एक प्रमुख संस्कृत श्लोक संग्रह है जिसमें नव देवियों (नवदुर्गाओं) की स्तुति की गई है। इस स्तोत्रम् में प्रत्येक देवी के गुण, रूप और महिमा का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्रम् मार्कण्डेय पुराण के आधार पर रचित है और माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना में उपयोग होता है।

नवरत्न मालिका स्तोत्रम् | Navaratna Malika Stotram

हारनूपुरकिरीटकुंडलविभूषितावयवशोभिनीं
कारणेशवरमौलिकोटिपरिकल्प्यमानपदपीठिकाम् ।
कालकालफणिपाशबाणधनुरंकुशामरुणमेखलां
फालभूतिलकलोचनां मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 1 ॥

गंधसारघनसारचारुनवनागवल्लिरसवासिनीं
सांध्यरागमधुराधराभरणसुंदराननशुचिस्मिताम् ।
मंधरायतविलोचनाममलबालचंद्रकृतशेखरीं
इंदिरारमणसोदरीं मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 2 ॥

स्मेरचारुमुखमंडलां विमलगंडलंबिमणिमंडलां
हारदामपरिशोभमानकुचभारभीरुतनुमध्यमाम् ।
वीरगर्वहरनूपुरां विविधकारणेशवरपीठिकां
मारवैरिसहचारिणीं मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 3 ॥

भूरिभारधरकुंडलींद्रमणिबद्धभूवलयपीठिकां
वारिराशिमणिमेखलावलयवह्निमंडलशरीरिणीम् ।
वारिसारवहकुंडलां गगनशेखरीं च परमात्मिकां
चारुचंद्रविलोचनां मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 4 ॥

कुंडलत्रिविधकोणमंडलविहारषड्दलसमुल्लस-
त्पुंडरीकमुखभेदिनीं च प्रचंडभानुभासमुज्ज्वलाम् ।
मंडलेंदुपरिवाहितामृततरंगिणीमरुणरूपिणीं
मंडलांतमणिदीपिकां मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 5 ॥

वारणाननमयूरवाहमुखदाहवारणपयोधरां
चारणादिसुरसुंदरीचिकुरशेकरीकृतपदांबुजाम् ।
कारणाधिपतिपंचकप्रकृतिकारणप्रथममातृकां
वारणांतमुखपारणां मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 6 ॥

पद्मकांतिपदपाणिपल्लवपयोधराननसरोरुहां
पद्मरागमणिमेखलावलयनीविशोभितनितंबिनीम् ।
पद्मसंभवसदाशिवांतमयपंचरत्नपदपीठिकां
पद्मिनीं प्रणवरूपिणीं मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 7 ॥

आगमप्रणवपीठिकाममलवर्णमंगलशरीरिणीं
आगमावयवशोभिनीमखिलवेदसारकृतशेखरीम् ।
मूलमंत्रमुखमंडलां मुदितनादबिंदुनवयौवनां
मातृकां त्रिपुरसुंदरीं मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 8 ॥

कालिकातिमिरकुंतलांतघनभृंगमंगलविराजिनीं
चूलिकाशिखरमालिकावलयमल्लिकासुरभिसौरभाम् ।
वालिकामधुरगंडमंडलमनोहराननसरोरुहां
कालिकामखिलनायिकां मनसि भावयामि परदेवताम् ॥ 9 ॥

नित्यमेव नियमेन जल्पतां – भुक्तिमुक्तिफलदामभीष्टदाम् ।
शंकरेण रचितां सदा जपेन्नामरत्ननवरत्नमालिकाम् ॥ 10 ॥

सुने नवरत्न मालिका स्तोत्रम् | Listen Navaratna Malika Stotram

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नवरत्न मालिका स्तोत्रम् के लाभ | Benefits of Navaratna Malika Stotram

  1. आशीर्वाद प्राप्ति: नवरत्न मालिका स्तोत्रम् का पाठ करने से माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सकते हैं। यह आपकी जीवन में सुख, समृद्धि, समृद्धि, और धार्मिक उन्नति की प्राप्ति में सहायता कर सकता है।
  2. शक्ति और साहस का विकास: नवरत्न मालिका स्तोत्रम् के पाठ से माता दुर्गा की शक्ति और साहस का विकास हो सकता है। यह ऊर्जा आपको संकटों, बाधाओं और परिस्थितियों के सामने साहसपूर्वक खड़े होने में मदद कर सकती है।
  3. आंतरिक शांति: नवरत्न मालिका स्तोत्रम् का जाप करने से आपके मन में शांति और स्थिरता की अनुभव हो सकती है। यह आपको मानसिक तनाव से मुक्त करने, मन को स्थिर और एकाग्र करने |
  4. मनोवैद्य: यह स्तोत्रम् माँ दुर्गा के नौ रूपों की स्तुति करता है और मनोवैद्य (मन के चिकित्सक) की भूमिका निभाता है। यह मानसिक तनाव, चिंता, भय और अन्य मानसिक समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  5. आरोग्य: नवरत्न मालिका स्तोत्रम् के पाठ से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। यह शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को सुधारने में सहायता कर सकता है और शारीरिक रोगों से बचाव में मदद कर सकता है।
  6. भक्ति और समर्पण: यह स्तोत्रम् भक्ति और समर्पण की ऊर्जा को जागृत करता है। यह माता दुर्गा के प्रति आपकी भक्ति को बढ़ाता है और आपको उनके चरणों में समर्पित होने का भाव प्रदान करता है।

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