राहु अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् | Rahu Ashtottara Shat Naam Stotram

“राहु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम” एक प्रमुख मंत्र है जो राहु ग्रह की पूजा और श्रद्धाभक्ति में प्रयोग होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त राहु के अनुकूल आशीर्वाद, रक्षा, और सुख-शांति की प्राप्ति करते हैं।

राहु अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् | Rahu Ashtottara Shat Naam Stotram

शृणु नामानि राहोश्च सैंहिकेयो विधुंतुदः
सुरशत्रुस्तमश्चैव प्राणी गार्ग्यायणस्तथा ॥ 1 ॥

सुरागुर्नीलजीमूतसंकाशश्च चतुर्भुजः
खड्गखेटकधारी च वरदायकहस्तकः ॥ 2 ॥

शूलायुधो मेघवर्णः कृष्णध्वजपताकावान्
दक्षिणाशामुखरथः तीक्ष्णदंष्ट्रधराय च ॥ 3 ॥

शूर्पाकारासनस्थश्च गोमेदाभरणप्रियः
माषप्रियः कश्यपर्षिनंदनो भुजगेश्वरः ॥ 4 ॥

उल्कापातजनिः शूली निधिपः कृष्णसर्पराट्
विषज्वलावृतास्योऽर्धशरीरो जाद्यसंप्रदः ॥ 5 ॥

रवींदुभीकरश्छायास्वरूपी कठिनांगकः
द्विषच्चक्रच्छेदकोऽथ करालास्यो भयंकरः ॥ 6 ॥

क्रूरकर्मा तमोरूपः श्यामात्मा नीललोहितः
किरीटी नीलवसनः शनिसामंतवर्त्मगः ॥ 7 ॥

चांडालवर्णोऽथाश्व्यर्क्षभवो मेषभवस्तथा
शनिवत्फलदः शूरोऽपसव्यगतिरेव च ॥ 8 ॥

उपरागकरस्सूर्यहिमांशुच्छविहारकः
नीलपुष्पविहारश्च ग्रहश्रेष्ठोऽष्टमग्रहः ॥ 9 ॥

कबंधमात्रदेहश्च यातुधानकुलोद्भवः
गोविंदवरपात्रं च देवजातिप्रविष्टकः ॥ 10 ॥

क्रूरो घोरः शनेर्मित्रं शुक्रमित्रमगोचरः
मानेगंगास्नानदाता स्वगृहेप्रबलाढ्यकः ॥ 11 ॥

सद्गृहेऽन्यबलधृच्चतुर्थे मातृनाशकः
चंद्रयुक्तेतु चंडालजन्मसूचक एवतु ॥ 12 ॥

जन्मसिंहे राज्यदाता महाकायस्तथैव च
जन्मकर्ता विधुरिपु मत्तकोज्ञानदश्च सः ॥ 13 ॥

जन्मकन्याराज्यदाता जन्महानिद एव च
नवमे पितृहंता च पंचमे शोकदायकः ॥ 14 ॥

द्यूने कलत्रहंत्रे च सप्तमे कलहप्रदः
षष्ठे वित्तदाता च चतुर्थे वैरदायकः ॥ 15 ॥

नवमे पापदाता च दशमे शोकदायकः
आदौ यशः प्रदाता च अंते वैरप्रदायकः ॥ 16 ॥

कालात्मा गोचराचारो धने चास्य ककुत्प्रदः
पंचमे धृषणाशृंगदः स्वर्भानुर्बली तथा ॥ 17 ॥

महासौख्यप्रदायी च चंद्रवैरी च शाश्वतः
सुरशत्रुः पापग्रहः शांभवः पूज्यकस्तथा ॥ 18 ॥

पाठीनपूरणश्चाथ पैठीनसकुलोद्भवः
दीर्घः कृष्णोऽशिरसः विष्णुनेत्रारिर्देवदानवौ ॥ 19 ॥

भक्तरक्षो राहुमूर्तिः सर्वाभीष्टफलप्रदः
एतद्राहुग्रहस्योक्तं नाम्नामष्टोत्तरं शतम् ॥ 20 ॥

श्रद्धया यो जपेन्नित्यं मुच्यते सर्व संकटात्
सर्वसंपत्करस्तस्य राहुरिष्टप्रदायकः ॥ 21 ॥

राहु अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् सुनें | Listen Rahu Ashtottara Shat Naam Stotram

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राहु अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् के लाभ | Benefits of Rahu Ashtottara Shat Naam Stotram

  1. राहु के अनुकूल फल: राहु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम का पाठ करने से भक्त राहु के अनुकूल फल प्राप्त करते हैं।
  2. ग्रह शान्ति: इस स्तोत्र का जाप करने से राहु ग्रह की शान्ति और संतुलन होता है।
  3. सुरक्षा और रक्षा: राहु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम का उच्चारण करने से भक्तों को सुरक्षा और रक्षा मिलती है।

सावधानियां:

  1. नियमितता: इस स्तोत्र का नियमित जप करने से ही पूर्ण फल प्राप्त होता है।
  2. श्रद्धाभावना: मंत्र का पाठ करते समय श्रद्धाभावना और आत्मसमर्पण रखें।
  3. समर्पण: राहु अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम का जाप करते समय समर्पण भाव रखें।

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