श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् | Shri Durga Ashtottar Shat Nam Stotram

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम में माँ दुर्गा के 108 नामों का उल्लेख किया गया है। शास्त्रों के अनुसार इन 108 का वर्णन भगवान शिव ने किया था। श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र श्री दुर्गा सप्तशती के मंगलाचरण मंत्रों में से एक है। दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र में मां को प्रसन्न करने के उपाय बताए गए हैं। नवरात्री में श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र का पाठ करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् | Shri Durga Ashtottar Shat Nam Stotram

दुर्गा शिवा महालक्ष्मी-र्महागौरी च चंडिका ।
सर्वज्ञा सर्वलोकेशी सर्वकर्मफलप्रदा ॥ 1 ॥

सर्वतीर्थमयी पुण्या देवयोनि-रयोनिजा ।
भूमिजा निर्गुणाऽऽधारशक्ति श्चानीश्वरी तथा ॥ 2 ॥

निर्गुणा निरहंकारा सर्वगर्वविमर्दिनी ।
सर्वलोकप्रिया वाणी सर्वविद्याधिदेवता ॥ 3 ॥

पार्वती देवमाता च वनीशा विंध्यवासिनी ।
तेजोवती महामाता कोटिसूर्यसमप्रभा ॥ 4 ॥

देवता वह्निरूपा च सतेजा वर्णरूपिणी ।
गुणाश्रया गुणमध्या गुणत्रयविवर्जिता ॥ 5 ॥

कर्मज्ञानप्रदा कांता सर्वसंहारकारिणी ।
धर्मज्ञा धर्मनिष्ठा च सर्वकर्मविवर्जिता ॥ 6 ॥

कामाक्षी कामसंहर्त्री कामक्रोधविवर्जिता ।
शांकरी शांभवी शांता चंद्रसूर्याग्निलोचना ॥ 7 ॥

सुजया जयभूमिष्ठा जाह्नवी जनपूजिता ।
शास्त्री शास्त्रमयी नित्या शुभा चंद्रार्धमस्तका ॥ 8 ॥

भारती भ्रामरी कल्पा कराली कृष्णपिंगला ।
ब्राह्मी नारायणी रौद्री चंद्रामृतपरिस्रुता ॥ 9 ॥

ज्येष्ठेंदिरा महामाया जगत्सृष्ट्यधिकारिणी ।
ब्रह्मांडकोटिसंस्थाना कामिनी कमलालया ॥ 10 ॥

कात्यायनी कलातीता कालसंहारकारिणी ।
योगनिष्ठा योगिगम्या योगिध्येया तपस्विनी ॥ 11 ॥

ज्ञानरूपा निराकारा भक्ताभीष्टफलप्रदा ।
भूतात्मिका भूतमाता भूतेशा भूतधारिणी ॥ 12 ॥

स्वधा नारीमध्यगता षडाधारादिवर्धिनी ।
मोहितांशुभवा शुभ्रा सूक्ष्मा माता निरालसा ॥ 13 ॥

निम्नगा नीलसंकाशा नित्यानंदा हरा परा ।
सर्वज्ञानप्रदाऽऽनंता सत्या दुर्लभरूपिणी ॥ 14 ॥

सरस्वती सर्वगता सर्वाभीष्टप्रदायिनी ।

इति श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं समाप्तम् ॥

सुने श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् | Listen Shri Durga Ashtottar Shat Nam Stotram

Shri Durga Ashtottar Shat Nam Stotram || by Bhakti Bhajan Mantra

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् पाठ के लाभ | Benefits of Shri Durga Ashtottar Shat Nam Stotram

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:

  1. शुभ फलों की प्राप्ति: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
  2. शरीर और मन को शुद्ध करना: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।
  3. भय को दूर करना: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से भय और दुख भावना से मुक्ति मिलती है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति को आत्मविश्वास और संतुलन का अनुभव कराता है।
  4. मानसिक शांति: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
  5. माँ दुर्गा की कृपा: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से माँ दुर्गा की कृपा मिलती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती है।
  6. संतुलित जीवन: श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से जीवन में संतुलितता आती है और अंतरंग शांति होती है |

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