श्री झूलेलाल चालीसा | Shri Jhulelal Chalisa

श्री झूलेलाल चालीसा भक्तों की एक प्रसिद्ध पूजा विधि है, जो भक्तों द्वारा भगवान झूलेलाल की महिमा और उनके दिव्य गुणों का वर्णन करती है। यह चालीसा भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाली सिंधी समुदाय के महत्वपूर्ण धार्मिक पाठों में से एक है।झूलेलाल जी के नाम का जाप करने से भक्त को संकटों से मुक्ति मिलती है। इस चालीसा में उनकी महिमा, उनके दिव्य गुणों और करुणामय रूप का वर्णन किया गया है। यह चालीसा झूलेलाल जी की उपासना का एक महत्वपूर्ण साधन है जो उनके भक्तों को उनसे जुड़ा रहने में मदद करता है।

श्री झूलेलाल चालीसा | Shri Jhulelal Chalisa

॥ दोहा ॥
जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप ॥

॥ चौपाई ॥
रतनलाल रतनाणी नंदन ।
जयति देवकी सुत जग वंदन ॥

दरियाशाह वरुण अवतारी ।
जय जय लाल साईं सुखकारी ॥

जय जय होय धर्म की भीरा ।
जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥

संवत दस सौ सात मंझरा ।
चैत्र शुक्ल द्वितिया भगऊ वारा ॥4॥

ग्राम नसरपुर सिंध प्रदेशा ।
प्रभु अवतरे हरे जन कलेशा ॥

सिन्धु वीर ठट्ठा राजधानी ।
मिरखशाह नऊप अति अभिमानी ॥

कपटी कुटिल क्रूर कूविचारी ।
यवन मलिन मन अत्याचारी ॥

धर्मान्तरण करे सब केरा ।
दुखी हुए जन कष्ट घनेरा ॥8॥

पिटवाया हाकिम ढिंढोरा ।
हो इस्लाम धर्म चाहुँओरा ॥

सिन्धी प्रजा बहुत घबराई ।
इष्ट देव को टेर लगाई ॥

वरुण देव पूजे बहुंभाती ।
बिन जल अन्न गए दिन राती ॥

सिन्धी तीर सब दिन चालीसा ।
घर घर ध्यान लगाये ईशा ॥12॥

गरज उठा नद सिन्धु सहसा ।
चारो और उठा नव हरषा ॥

वरुणदेव ने सुनी पुकारा ।
प्रकटे वरुण मीन असवारा ॥

दिव्य पुरुष जल ब्रह्मा स्वरुपा ।
कर पुष्तक नवरूप अनूपा ॥

हर्षित हुए सकल नर नारी ।
वरुणदेव की महिमा न्यारी ॥16॥

जय जय कार उठी चाहुँओरा ।
गई रात आने को भौंरा ॥

मिरखशाह नऊप अत्याचारी ।
नष्ट करूँगा शक्ति सारी ॥

दूर अधर्म, हरण भू भारा ।
शीघ्र नसरपुर में अवतारा ॥

रतनराय रातनाणी आँगन ।
खेलूँगा, आऊँगा शिशु बन ॥20॥

रतनराय घर ख़ुशी आई ।
झुलेलाल अवतारे सब देय बधाई ॥

घर घर मंगल गीत सुहाए ।
झुलेलाल हरन दुःख आए ॥

मिरखशाह तक चर्चा आई ।
भेजा मंत्री क्रोध अधिकाई ॥

मंत्री ने जब बाल निहारा ।
धीरज गया हृदय का सारा ॥24॥

देखि मंत्री साईं की लीला ।
अधिक विचित्र विमोहन शीला ॥

बालक धीखा युवा सेनानी ।
देखा मंत्री बुद्धि चाकरानी ॥

योद्धा रूप दिखे भगवाना ।
मंत्री हुआ विगत अभिमाना ॥

झुलेलाल दिया आदेशा ।
जा तव नऊपति कहो संदेशा ॥28॥

मिरखशाह नऊप तजे गुमाना ।
हिन्दू मुस्लिम एक समाना ॥

बंद करो नित्य अत्याचारा ।
त्यागो धर्मान्तरण विचारा ॥

लेकिन मिरखशाह अभिमानी ।
वरुणदेव की बात न मानी ॥

एक दिवस हो अश्व सवारा ।
झुलेलाल गए दरबारा ॥32॥

मिरखशाह नऊप ने आज्ञा दी ।
झुलेलाल बनाओ बन्दी ॥

किया स्वरुप वरुण का धारण ।
चारो और हुआ जल प्लावन ॥

दरबारी डूबे उतराये ।
नऊप के होश ठिकाने आये ॥

नऊप तब पड़ा चरण में आई ।
जय जय धन्य जय साईं ॥36॥

वापिस लिया नऊपति आदेशा ।
दूर दूर सब जन क्लेशा ॥

संवत दस सौ बीस मंझारी ।
भाद्र शुक्ल चौदस शुभकारी ॥

भक्तो की हर आधी व्याधि ।
जल में ली जलदेव समाधि ॥

जो जन धरे आज भी ध्याना ।
उनका वरुण करे कल्याणा ॥40॥

॥ दोहा ॥
चालीसा चालीस दिन पाठ करे जो कोय ।
पावे मनवांछित फल अरु जीवन सुखमय होय ॥

सुने श्री झूलेलाल चालीसा | Listen Shri Jhulelal Chalisa

Shri Jhulelal Chalisa | श्री झूलेलाल चालीसा | Singer – Lata Bhagtani

श्री झूलेलाल चालीसा के लाभ | Benefits of Shri Jhulelal Chalisa

  1. झूलेलाल का नाम संकटों से मुक्ति दिलाता है और उनकी भक्ति से जीवन भर का बोझ हल्का होता है।
  2. जो व्यक्ति सुख और दुःख को समझता है, वह झूलेलाल का सच्चा भक्त होता है।
  3. झूलेलाल के नाम की महिमा गाओ और उन्हें सबका मानो।
  4. झूलेलाल सभी लोगों के दुःखों को हरते हैं और उनकी जय घोषित करना चाहिए।
  5. झूलेलाल को सबसे ऊँचा परमात्मा माना जाता है।
  6. झूलेलाल के नाम का जाप करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  7. झूलेलाल को लोक के सारे धुख हराने वाला माना जाता है।
  8. झूलेलाल की जय का नारा लगाने से भक्त को सभी प्रकार की अनुग्रह मिलते हैं।
  9. झूलेलाल के नाम का ध्यान रखने से मन की शांति मिलती है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
  10. झूलेलाल के नाम का जाप करने से सभी प्रकार के भय, चिंता और दुःख से मुक्ति मिलती है।

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