श्री खाटू श्याम चालीसा | Shri Khatu Shyam Chalisa

Shri Khatu Shyam Chalisa

हिन्दू धर्म के अनुसार, द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने योद्धा बर्बरीक से शीश का दान मांगा योद्धा बर्बरीक द्वारा प्रसन्नता पूर्वक शीश का देने पर श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। श्री कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे। तुम्हारे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम का सच्चे दिल से उच्चारण मात्र से ही उद्धार होगा। यदि वे तुम्हारी सच्चे मन और प्रेम-भाव से पूजा करेंगे तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी और सभी कार्य सफ़ल होंगे।


खाटू श्याम चालीसा | Khatu Shyam Chalisa

॥ दोहा॥
श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ॥

॥ चौपाई ॥

श्याम-श्याम भजि बारंबारा ।
सहज ही हो भवसागर पारा ॥

इन सम देव न दूजा कोई ।
दिन दयालु न दाता होई ॥

भीम सुपुत्र अहिलावाती जाया ।
कही भीम का पौत्र कहलाया ॥

यह सब कथा कही कल्पांतर ।
तनिक न मानो इसमें अंतर ॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा ।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा ॥

बासुदेव देवकी प्यारे ।
जसुमति मैया नंद दुलारे ॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी ।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी ॥

सियाराम श्री हरि गोबिंदा ।
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा ॥

दामोदर रण छोड़ बिहारी ।
नाथ द्वारिकाधीश खरारी ॥

राधाबल्लभ रुक्मणि कंता ।
गोपी बल्लभ कंस हनंता ॥

मनमोहन चित चोर कहाए ।
माखन चोरि-चारि कर खाए ॥

मुरलीधर यदुपति घनश्यामा ।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा ॥

मायापति लक्ष्मीपति ईशा ।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ॥

विश्वपति जय भुवन पसारा ।
दीनबंधु भक्तन रखवारा ॥

प्रभु का भेद न कोई पाया ।
शेष महेश थके मुनिराया ॥

नारद शारद ऋषि योगिंदरर ।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर ॥

कवि कोदी करी कनन गिनंता ।
नाम अपार अथाह अनंता ॥

हर सृष्टी हर सुग में भाई ।
ये अवतार भक्त सुखदाई ॥

ह्रदय माहि करि देखु विचारा ।
श्याम भजे तो हो निस्तारा ॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी ।
भीलनी की भक्ति बलिहारी ॥

सती अहिल्या गौतम नारी ।
भई श्रापवश शिला दुलारी ॥

श्याम चरण रज चित लाई ।
पहुंची पति लोक में जाही ॥

अजामिल अरु सदन कसाई ।
नाम प्रताप परम गति पाई ॥

जाके श्याम नाम अधारा ।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा ॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर ।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर ॥

गले बैजंती माल सुहाई ।
छवि अनूप भक्तन मान भाई ॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती ।
श्याम दुपहरि कर परभाती ॥

श्याम सारथी जिस रथ के ।
रोड़े दूर होए उस पथ के ॥

श्याम भक्त न कही पर हारा ।
भीर परि तब श्याम पुकारा ॥

रसना श्याम नाम रस पी ले ।
जी ले श्याम नाम के ही ले ॥

संसारी सुख भोग मिलेगा ।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा ॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले ।
मन के गोरे भोले-भाले ॥

श्याम संत भक्तन हितकारी ।
रोग-दोष अध नाशे भारी ॥

प्रेम सहित जब नाम पुकारा ।
भक्त लगत श्याम को प्यारा ॥

खाटू में हैं मथुरावासी ।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी ॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई ।
चहु दिशि जहां सुनी पाई ॥

वृद्ध-बाल जेते नारि नर ।
मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर ॥

हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई ।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई ॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा ।
भव भय से पाया छुटकारा ॥

॥ दोहा ॥
श्याम सलोने संवारे, बर्बरीक तनुधार ।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार ॥

॥ इति श्री खाटू श्याम चालीसा ॥

आइये जानते हैं खाटू श्याम बाबा की नित्य पूजा करके अपना मन भक्ति की ओर प्रेरित करने के लिए खाटू श्याम बाबा की कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में बताई गई सबसे सरल पूजन विधि बता जानते हैं, जो कुछ इस प्रकार की है:-

  • सर्वप्रथम सूर्य उदय से पहले उठकर पूजा स्थान की अच्छे से साफ सफाई करें और फिर खुद स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण कर ले |
  • उसके बाद खाटू श्याम की प्रतिमा को पंचामृत से अभिषेक करके उन्हें स्वच्छ जल से स्नान कराने के पश्चात उनके शरीर के पानी को किसी स्वच्छ कपड़े से पोंछ दें, खाटू श्याम को स्नान कराने के पश्चात उन्हें स्वच्छ वस्त्र धारण कराकर उनके लिए सजाई गई चौकी पर विराजमान कर दें |
  • उसके बाद खाटू श्याम के सामने फल फूल प्रसाद स्वरूप मिठाई यह सब कुछ अर्पित करें |
  • उसके पश्चात् देसी घी का दीपक जला कर खाटू श्याम की प्रतिमा के सामने प्रज्वलित करें |
  • दीपक जलाने के बाद आप खाटू श्याम बाबा की प्रतिमा के सामने धूपबत्ती अगरबत्ती जलाएं |
  • उसके बाद आप कपूर जलाकर खाटू श्याम बाबा को भोग लगाकर चालीसा का पाठ करें |

खाटू श्याम चालीसा पाठ के लिए सावधानियां | Khatu Shyam Chalisa Path ke lie Savdhaniyan

शास्त्रों और पुराणों में पूजा करने के दौरान कुछ नियमों के पालन करने के बारे में बताए गया है, खाटू श्याम चालीसा का पाठ करते समय जरूर ध्यान में रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि Shri Khatu Shyam Chalisa का पाठ करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…..

  • पूजा करते समय कभी भी एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं। प्रणाम हमेशा दोनो हाथ जोड़कर किया जाता है।
  • खाटू श्याम चालीसा का पाठ करते समय मन में किसी प्रकार की बुरे विचार नहीं आने चाहिए |
  • शास्त्रों के अनुसार, जप करते समय हमेशा दाहिने हाथ को कपड़े से या फिर गौमुखी से ढककर रखना चाहिए। जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर पूजना चाहिए।
  • हमेशा ध्यान रखें कि दीपक को कभी भी दीपक से नहीं जलाना चाहिए। दीपक को हमेशा माचिस या फिर किसी अन्य चीज से प्रज्वलित करना चाहिए।

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