श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि | Shri Mahalakshmi Ashtottar Shat Namavali
माता लक्ष्मी समस्त हिन्दू देवियों में प्रमुख है। इस नामावली में माता महालक्ष्मी के 108 नामों का वर्णन है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी जी की 108 नाम का जाप करें।
श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि | Shri Mahalakshmi Ashtottar Shat Namavali
ॐ प्रकृत्यै नमः
ॐ विकृत्यै नमः
ॐ विद्यायै नमः
ॐ सर्वभूत हितप्रदायै नमः
ॐ श्रद्धायै नमः
ॐ विभूत्यै नमः
ॐ सुरभ्यै नमः
ॐ परमात्मिकायै नमः
ॐ वाचे नमः
ॐ पद्मालयायै नमः (10)
ॐ पद्मायै नमः
ॐ शुचये नमः
ॐ स्वाहायै नमः
ॐ स्वधायै नमः
ॐ सुधायै नमः
ॐ धन्यायै नमः
ॐ हिरण्मय्यै नमः
ॐ लक्ष्म्यै नमः
ॐ नित्यपुष्टायै नमः
ॐ विभावर्यै नमः (20)
ॐ अदित्यै नमः
ॐ दित्यै नमः
ॐ दीप्तायै नमः
ॐ वसुधायै नमः
ॐ वसुधारिण्यै नमः
ॐ कमलायै नमः
ॐ कांतायै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ क्षीरोदसंभवायै नमः
ॐ अनुग्रहपरायै नमः (30)
ॐ ऋद्धये नमः
ॐ अनघायै नमः
ॐ हरिवल्लभायै नमः
ॐ अशोकायै नमः
ॐ अमृतायै नमः
ॐ दीप्तायै नमः
ॐ लोकशोक विनाशिन्यै नमः
ॐ धर्मनिलयायै नमः
ॐ करुणायै नमः
ॐ लोकमात्रे नमः (40)
ॐ पद्मप्रियायै नमः
ॐ पद्महस्तायै नमः
ॐ पद्माक्ष्यै नमः
ॐ पद्मसुंदर्यै नमः
ॐ पद्मोद्भवायै नमः
ॐ पद्ममुख्यै नमः
ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः
ॐ रमायै नमः
ॐ पद्ममालाधरायै नमः
ॐ देव्यै नमः (50)
ॐ पद्मिन्यै नमः
ॐ पद्मगंधिन्यै नमः
ॐ पुण्यगंधायै नमः
ॐ सुप्रसन्नायै नमः
ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः
ॐ प्रभायै नमः
ॐ चंद्रवदनायै नमः
ॐ चंद्रायै नमः
ॐ चंद्रसहोदर्यै नमः
ॐ चतुर्भुजायै नमः (60)
ॐ चंद्ररूपायै नमः
ॐ इंदिरायै नमः
ॐ इंदुशीतलायै नमः
ॐ आह्लोदजनन्यै नमः
ॐ पुष्ट्यै नमः
ॐ शिवायै नमः
ॐ शिवकर्यै नमः
ॐ सत्यै नमः
ॐ विमलायै नमः
ॐ विश्वजनन्यै नमः (70)
ॐ तुष्टये नमः
ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः
ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः
ॐ शांतायै नमः
ॐ शुक्लमाल्यांबरायै नमः
ॐ श्रियै नमः
ॐ भास्कर्यै नमः
ॐ बिल्वनिलयायै नमः
ॐ वरारोहायै नमः
ॐ यशस्विन्यै नमः (80)
ॐ वसुंधरायै नमः
ॐ उदारांगायै नमः
ॐ हरिण्यै नमः
ॐ हेममालिन्यै नमः
ॐ धनधान्य कर्यै नमः
ॐ सिद्धये नमः
ॐ सदासौम्यायै नमः
ॐ शुभप्रदायै नमः
ॐ नृपवेश्मगतायै नमः
ॐ नंदायै नमः (90)
ॐ वरलक्ष्म्यै नमः
ॐ वसुप्रदायै नमः
ॐ शुभायै नमः
ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः
ॐ समुद्र तनयायै नमः
ॐ जयायै नमः
ॐ मंगलायै देव्यै नमः
ॐ विष्णु वक्षःस्थल स्थितायै नमः
ॐ विष्णुपत्न्यै नमः
ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः (100)
ॐ नारायण समाश्रितायै नमः
ॐ दारिद्र्य ध्वंसिन्यै नमः
ॐ सर्वोपद्रव वारिण्यै नमः
ॐ नवदुर्गायै नमः
ॐ महाकाल्यै नमः
ॐ ब्रह्म विष्णु शिवात्मिकायै नमः
ॐ त्रिकाल ज्ञान संपन्नायै नमः
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः (108)
इति श्रीलक्ष्म्यष्टोत्तरशतनामावलिः समाप्ता ।
सुने श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि | Listen Shri Mahalakshmi Ashtottar Shat Namavali
श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि पाठ के लाभ | Benefits of Shri Mahalakshmi Ashtottar Shat Namavali
श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:
- शुभ फलों की प्राप्ति: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
- शरीर और मन को शुद्ध करना: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।
- संयम बढ़ाना: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि का पाठ करने से व्यक्ति का संयम बढ़ता है|
- मानसिक शांति: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- धन, समृद्धि की प्राप्ति : माता लक्ष्मी धन, सम्पदा, समृद्धि की दाता है। इस नामावली का पाठ करके माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते है।
- माता लक्ष्मी की कृपा: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि के पाठ से माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती है।
- संतुलित जीवन: श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि के पाठ से जीवन में संतुलितता आती है और अंतरंग शांति होती है।
इसका पाठ माता लक्ष्मी की पूजा और उनकी महिमा के गुणगान के लिए किया जाता है। श्री महालक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। यह श्लोक संग्रह हिंदू धर्म के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।