श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् | Shri Mallikarjun Mangalashasanam
भगवान शिव की आराधना में शिव प्रसन्न करने के लिए यह स्तोत्र काफी लाभकारी है। भगवान की कृपा पाने के लिए श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् का वाचन करें ताकि अपने जीवन में सुख, समृद्धि , सफलता प्राप्त करें। जो प्रतिदिन भगवान की आराधना के दौरान श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् का पाठ करते है वह भगवान शिव के कृपा पात्र बन जाते है।
श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् स्तोत्र | Shri Mallikarjun Mangalashasanam Stotra
उमाकांताय कांताय कामितार्थ प्रदायिने
श्रीगिरीशाय देवाय मल्लिनाथाय मंगलम् ॥
सर्वमंगल रूपाय श्री नगेंद्र निवासिने
गंगाधराय नाथाय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
सत्यानंद स्वरूपाय नित्यानंद विधायने
स्तुत्याय श्रुतिगम्याय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
मुक्तिप्रदाय मुख्याय भक्तानुग्रहकारिणे
सुंदरेशाय सौम्याय श्रीगिरीशाय मंगलम् ॥
श्रीशैले शिखरेश्वरं गणपतिं श्री हटकेशं
पुनस्सारंगेश्वर बिंदुतीर्थममलं घंटार्क सिद्धेश्वरम् ।
गंगां श्री भ्रमरांबिकां गिरिसुतामारामवीरेश्वरं
शंखंचक्र वराहतीर्थमनिशं श्रीशैलनाथं भजे ॥
हस्तेकुरंगं गिरिमध्यरंगं शृंगारितांगं गिरिजानुषंगम्
मूर्देंदुगंगं मदनांग भंगं श्रीशैललिंगं शिरसा नमामि ॥
सुने श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् | Listen Shri Mallikarjun Mangalashasanam
श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् पाठ के लाभ | Benefits of Shri Mallikarjuna Mangalasasanam
श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:
- श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् के पाठ से संघर्षों का समाधान होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की शक्ति बढ़ती है और वह जीवन में नए उच्चारणों और संघर्षों को संभव बनाता है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को शिव के प्रति अधिक उत्सुकता और भक्ति की भावना उत्पन्न होती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता, समृद्धि और समस्त संशयों से मुक्ति मिलती है।
- श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् का पाठ करने से व्यक्ति के मन में आत्मसमर्पण की भावना उत्पन्न होती है और वह शिव के उपासना में लग जाता है।
इसका पाठ भगवान शिव की पूजा और उनकी महिमा के गुणगान के लिए किया जाता है। श्री मल्लिकार्जुन मंगलाशासनम् का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। इसे विशेष अवसरों पर जैसे महाशिवरात्रि, शिवरात्रि, कार्तिक पूर्णिमा आदि पर पाठ किया जाता है। यह श्लोक संग्रह हिंदू धर्म के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।