श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावलिः | Shri Mangalagauri Ashtottara Shatanaamavali

श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावली, हिंदू धर्म के प्रमुख देवी मंगलगौरी (देवी पार्वती) के महिमा और गुणों का वर्णन करने वाला पाठ है। यह एक श्लोक संग्रह है, जिसमें मंगलगौरी को 108 नामों के माध्यम से समर्पित किया जाता है। इन नामों के पाठ का महत्वपूर्ण स्थान हिंदू तांत्रिक परंपरा में है, और भक्त इसे जप, ध्यान और आराधना के द्वारा देवी की कृपा प्राप्त करते हैं।

श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावलिः | Shri Mangalagauri Ashtottara Shatanaamavali

ॐ गौर्यै नमः ।
ॐ गणेशजनन्यै नमः ।
ॐ गिरिराजतनूद्भवायै नमः ।
ॐ गुहांबिकायै नमः ।
ॐ जगन्मात्रे नमः ।
ॐ गंगाधरकुटुंबिन्यै नमः ।
ॐ वीरभद्रप्रसुवे नमः ।
ॐ विश्वव्यापिन्यै नमः ।
ॐ विश्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ अष्टमूर्त्यात्मिकायै नमः (10)

ॐ कष्टदारिद्य्रशमन्यै नमः ।
ॐ शिवायै नमः ।
ॐ शांभव्यै नमः ।
ॐ शांकर्यै नमः ।
ॐ बालायै नमः ।
ॐ भवान्यै नमः ।
ॐ भद्रदायिन्यै नमः ।
ॐ मांगल्यदायिन्यै नमः ।
ॐ सर्वमंगलायै नमः ।
ॐ मंजुभाषिण्यै नमः (20)

ॐ महेश्वर्यै नमः ।
ॐ महामायायै नमः ।
ॐ मंत्राराध्यायै नमः ।
ॐ महाबलायै नमः ।
ॐ हेमाद्रिजायै नमः ।
ॐ हेमवत्यै नमः ।
ॐ पार्वत्यै नमः ।
ॐ पापनाशिन्यै नमः ।
ॐ नारायणांशजायै नमः ।
ॐ नित्यायै नमः (30)

ॐ निरीशायै नमः ।
ॐ निर्मलायै नमः ।
ॐ अंबिकायै नमः ।
ॐ मृडान्यै नमः ।
ॐ मुनिसंसेव्यायै नमः ।
ॐ मानिन्यै नमः ।
ॐ मेनकात्मजायै नमः ।
ॐ कुमार्यै नमः ।
ॐ कन्यकायै नमः ।
ॐ दुर्गायै नमः (40)

ॐ कलिदोषनिषूदिन्यै नमः ।
ॐ कात्यायिन्यै नमः ।
ॐ कृपापूर्णायै नमः ।
ॐ कल्याण्यै नमः ।
ॐ कमलार्चितायै नमः ।
ॐ सत्यै नमः ।
ॐ सर्वमय्यै नमः ।
ॐ सौभाग्यदायै नमः ।
ॐ सरस्वत्यै नमः ।
ॐ अमलायै नमः (50)

ॐ अमरसंसेव्यायै नमः ।
ॐ अन्नपूर्णायै नमः ।
ॐ अमृतेश्वर्यै नमः ।
ॐ अखिलागमसंस्तुत्यायै नमः ।
ॐ सुखसच्चित्सुधारसायै नमः ।
ॐ बाल्याराधितभूतेशायै नमः ।
ॐ भानुकोटिसमद्युतये नमः ।
ॐ हिरण्मय्यै नमः ।
ॐ परायै नमः ।
ॐ सूक्ष्मायै नमः (60)

ॐ शीतांशुकृतशेखरायै नमः ।
ॐ हरिद्राकुंकुमाराध्यायै नमः ।
ॐ सर्वकालसुमंगल्यै नमः ।
ॐ सर्वभोगप्रदायै नमः ।
ॐ सामशिखायै नमः ।
ॐ वेदांतलक्षणायै नमः ।
ॐ कर्मब्रह्ममय्यै नमः ।
ॐ कामकलनायै नमः ।
ॐ कांक्षितार्थदायै नमः ।
ॐ चंद्रार्कायितताटंकायै नमः (70)

ॐ चिदंबरशरीरिण्यै नमः ।
ॐ श्रीचक्रवासिन्यै नमः ।
ॐ देव्यै नमः ।
ॐ कामेश्वरपत्न्यै नमः ।
ॐ कमलायै नमः ।
ॐ मारारातिप्रियार्धांग्यै नमः ।
ॐ मार्कंडेयवरप्रदायै नमः ।
ॐ पुत्रपौत्रवरप्रदायै नमः ।
ॐ पुण्यायै नमः ।
ॐ पुरुषार्थप्रदायिन्यै नमः (80)

ॐ सत्यधर्मरतायै नमः ।
ॐ सर्वसाक्षिण्यै नमः ।
ॐ शशांकरूपिण्यै नमः ।
ॐ श्यामलायै नमः ।
ॐ बगलायै नमः ।
ॐ चंडायै नमः ।
ॐ मातृकायै नमः ।
ॐ भगमालिन्यै नमः ।
ॐ शूलिन्यै नमः ।
ॐ विरजायै नमः (90)

ॐ स्वाहायै नमः ।
ॐ स्वधायै नमः ।
ॐ प्रत्यंगिरांबिकायै नमः ।
ॐ आर्यायै नमः ।
ॐ दाक्षायिण्यै नमः ।
ॐ दीक्षायै नमः ।
ॐ सर्ववस्तूत्तमोत्तमायै नमः ।
ॐ शिवाभिधानायै नमः ।
ॐ श्रीविद्यायै नमः ।
ॐ प्रणवार्थस्वरूपिण्यै नमः (100)

ॐ ह्रींकार्यै नमः ।
ॐ नादरूपिण्यै नमः ।
ॐ त्रिपुरायै नमः ।
ॐ त्रिगुणायै नमः ।
ॐ ईश्वर्यै नमः ।
ॐ सुंदर्यै नमः ।
ॐ स्वर्णगौर्यै नमः ।
ॐ षोडशाक्षरदेवतायै नमः । 108

सुने श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावलिः | Listen Shri Mangalagauri Ashtottara Shatanaamavali

Gauri Ashtotharam | Sri Gowri Astottara Satanamavali | 108 Names of Goddess Gowri | Veeramani Kannan

श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावलिः के लाभ | Benefits of Shri Mangalagauri Ashtottara Shatanaamavali

  1. श्री मंगलगौरी अष्टोत्तर शतनामावली में मंगलगौरी देवी को 108 नामों के माध्यम से समर्पित किया जाता है। ये नाम उनकी महिमा, शक्ति और गुणों को प्रकट करते हैं।
  2. इस पाठ का महत्वपूर्ण स्थान हिंदू तांत्रिक परंपरा में है और यह देवी मंगलगौरी की आराधना, आशीर्वाद प्राप्ति और कृपा को प्राप्त करने का एक प्रमुख माध्यम है।
  3. इस अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करने से भक्त को सौभाग्य, सुख, समृद्धि, शक्ति, सुरक्षा और समस्त बुराईयों से रक्षा प्राप्त होती है।
  4. इस पाठ के माध्यम से भक्त द्वारा जप, ध्यान और आराधना की जाती है, जिससे देवी मंगलगौरी की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से भक्त की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  5. यह पाठ शक्ति, सौभाग्य, संतान सुख, समृद्धि, धैर्य, बल, विद्या, और सुरक्षा के साधनों को प्राप्त करने में सहायता करता है।

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