श्री राम मंगलाशसनम् | Shri Ram Manglashasnam
हिन्दू धर्म ग्रंथों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का विशेष स्थान है। श्री राम मंगलाशसनम प्रभु श्री राम को समर्पित है। दशरथ नंदन श्री राम की महिमा का वर्णन इस स्तोत्र में किया गया है। नित्य प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती है। रामनवमी के पर्व पर इस स्तोत्र का पाठ विशेष लाभकारी है।
श्री राम मंगलाशसनम् | Shri Ram Manglashasnam
मंगलं कौसलेंद्राय महनीय गुणात्मने ।
चक्रवर्ति तनूजाय सार्वभौमाय मंगलम् ॥ 1 ॥
वेदवेदांत वेद्याय मेघश्यामल मूर्तये ।
पुंसां मोहन रूपाय पुण्यश्लोकाय मंगलम् ॥ 2 ॥
विश्वामित्रांतरंगाय मिथिला नगरी पते ।
भाग्यानां परिपाकाय भव्यरूपाय मंगलम् ॥ 3 ॥
पितृभक्ताय सततं भातृभिः सह सीतया ।
नंदिताखिल लोकाय रामभद्राय मंगलम् ॥ 4 ॥
त्यक्त साकेत वासाय चित्रकूट विहारिणे ।
सेव्याय सर्वयमिनां धीरोदात्ताय मंगलम् ॥ 5 ॥
सौमित्रिणाच जानक्याचाप बाणासि धारिणे ।
संसेव्याय सदा भक्त्या स्वामिने मम मंगलम् ॥ 6 ॥
दंडकारण्य वासाय खरदूषण शत्रवे ।
गृध्रराजाय भक्ताय मुक्ति दायास्तु मंगलम् ॥ 7 ॥
सादरं शबरी दत्त फलमूल भिलाषिणे ।
सौलभ्य परिपूर्णाय सत्योद्रिक्ताय मंगलम् ॥ 8 ॥
हनुंत्समवेताय हरीशाभीष्ट दायिने ।
वालि प्रमधनायास्तु महाधीराय मंगलम् ॥ 9 ॥
श्रीमते रघुवीराय सेतूल्लंघित सिंधवे ।
जितराक्षस राजाय रणधीराय मंगलम् ॥ 10 ॥
विभीषणकृते प्रीत्या लंकाभीष्ट प्रदायिने ।
सर्वलोक शरण्याय श्रीराघवाय मंगलम् ॥ 11 ॥
आगत्यनगरीं दिव्यामभिषिक्ताय सीतया ।
राजाधिराजराजाय रामभद्राय मंगलम् ॥ 12 ॥
ब्रह्मादि देवसेव्याय ब्रह्मण्याय महात्मने ।
जानकी प्राणनाथाय रघुनाथाय मंगलम् ॥ 13 ॥
श्रीसौम्य जामातृमुनेः कृपयास्मानु पेयुषे ।
महते मम नाथाय रघुनाथाय मंगलम् ॥ 14 ॥
मंगलाशासन परैर्मदाचार्य पुरोगमैः ।
सर्वैश्च पूर्वैराचार्र्यैः सत्कृतायास्तु मंगलम् ॥ 15 ॥
रम्यजा मातृ मुनिना मंगलाशासनं कृतम् ।
त्रैलोक्याधिपतिः श्रीमान् करोतु मंगलं सदा ॥
सुने श्री राम मंगलाशसनम् | Listen Shri Ram Manglashasnam
श्री राम मंगलाशसनम् पाठ के लाभ | Benefits of Shri Ram Manglashasnam
श्री राम मंगलाशसनम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:
- पुण्य फल की प्राप्ति : श्री राम मंगलशासनं स्तोत्र का पाठ करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख शांति, और समृद्धि की उन्नति होती है।
- शरीर और मन को शुद्ध करना: श्री राम मंगलशासनं का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।
- व्यक्तिगत आचरण : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की स्तुति करने से व्यक्ति के आचरण में सुधर आता है, मानसिक शुद्धता प्राप्त होने से काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार आधी विकारों से छुटकारा मिलता है।
- संयम बढ़ाना: श्री राम मंगलशासनं का पाठ करने से व्यक्ति का संयम बढ़ता है|
- मानसिक शांति: श्री राम मंगलशासनं के पाठ से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- प्रभु श्री राम की कृपा : श्री राम मंगलशासनं स्तोत्र का पाठ से प्रभु श्री राम की कृपा प्राप्त होती है जिससे जीवन में सुख क प्राप्ति होती है।
इसका पाठ भगवान श्री राम की पूजा और उनकी महिमा के गुणगान के लिए किया जाता है। श्री राम मंगलशासनं का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। रामनवमी के पर्व पर इस स्तोत्र का पाठ विशेष लाभकारी है। यह श्लोक संग्रह हिंदू धर्म के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।