श्री सीताराम स्तोत्रम् | Shri Sitaram Stotram
श्री सीताराम स्तोत्रम् एक अद्वितीय स्तोत्र है जो श्रीराम और माता सीता की महिमा, गुण, और कृपा की प्रशंसा करता है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्ति भावना में वृद्धि होती है और व्यक्ति भगवान राम और माता सीता के प्रति समर्पण में लिपट जाता है।
श्री सीताराम स्तोत्रम् | Shri Sitaram Stotram
अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम् ।
राघवाणामलंकारं वैदेहानामलंक्रियाम् ॥ 1 ॥
रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम् ।
सूर्यवंशसमुद्भूतं सोमवंशसमुद्भवाम् ॥ 2 ॥
पुत्रं दशरथस्याद्यं पुत्रीं जनकभूपतेः ।
वशिष्ठानुमताचारं शतानंदमतानुगाम् ॥ 3 ॥
कौसल्यागर्भसंभूतं वेदिगर्भोदितां स्वयम् ।
पुंडरीकविशालाक्षं स्फुरदिंदीवरेक्षणाम् ॥ 4 ॥
चंद्रकांताननांभोजं चंद्रबिंबोपमाननाम् ।
मत्तमातंगगमनं मत्तहंसवधूगताम् ॥ 5 ॥
चंदनार्द्रभुजामध्यं कुंकुमार्द्रकुचस्थलीम् ।
चापालंकृतहस्ताब्जं पद्मालंकृतपाणिकाम् ॥ 6 ॥
शरणागतगोप्तारं प्रणिपादप्रसादिकाम् ।
कालमेघनिभं रामं कार्तस्वरसमप्रभाम् ॥ 7 ॥
दिव्यसिंहासनासीनं दिव्यस्रग्वस्त्रभूषणाम् ।
अनुक्षणं कटाक्षाभ्यां अन्योन्येक्षणकांक्षिणौ ॥ 8 ॥
अन्योन्यसदृशाकारौ त्रैलोक्यगृहदंपती।
इमौ युवां प्रणम्याहं भजाम्यद्य कृतार्थताम् ॥ 9 ॥
अनेन स्तौति यः स्तुत्यं रामं सीतां च भक्तितः ।
तस्य तौ तनुतां पुण्याः संपदः सकलार्थदाः ॥ 10 ॥
एवं श्रीरामचंद्रस्य जानक्याश्च विशेषतः ।
कृतं हनूमता पुण्यं स्तोत्रं सद्यो विमुक्तिदम् ।
यः पठेत्प्रातरुत्थाय सर्वान् कामानवाप्नुयात् ॥ 11 ॥
इति हनूमत्कृत-सीताराम स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
श्री सीताराम स्तोत्रम्सु नें | Listen Shri Sitaram Stotram
श्री सीताराम स्तोत्रम् के लाभ | Benefits of Shri Sitaram Stotram
- ध्यान: एक शांत और सात्विक आवस्था में बैठकर, मन को स्थिर करें और भगवान राम और माता सीता की प्रतीति में ध्यान केंद्रित करें।
- पाठ करें: स्तोत्र को श्रद्धा और भक्ति से पढ़ें, उनके दिव्य गुणों और कृपा में लीन होकर।
- भाव से सुनें: स्तोत्र को पढ़ने के बाद, उसके भाव को समझें और भगवान राम और माता सीता के साथ अपने संबंध को महसूस करें।
- आराधना और प्रार्थना: आराधना के दौरान भगवान राम और माता सीता के चरणों में अपने भावनात्मक और मानसिक अर्पण को बढ़ावा दें और उनसे अपनी सभी इच्छाएं साझा करें।