श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् | Shri Vishnu Shat Naam Stotram
भगवान श्री विष्णु को समर्पित यह स्तोत्र अत्यंत लाभकारी है। सांसारिक कष्टों से निवारण हेतु प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करें। भगवान श्री हरी जिन्हें पीला प्रिय है, स्तोत्र पाठ के समय पीले वस्त्र पहनकर व पीले रंग का भोग लगाकर स्तोत्र का शांत मन से जाप करें। इस स्तोत्र की रचना महान ऋषि वेद व्यास ने की थी। कार्तिक मास की समाप्ति के समय प्रतिदिन सुबह काफी लाभकारी है।
श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् | Shri Vishnu Shat Naam Stotram
॥ श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम् ॥
वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् ।
जनार्दनं हरिं कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥ 1 ॥
वाराहं पुंडरीकाक्षं नृसिंहं नरकांतकम् ।
अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनंतमजमव्ययम् ॥ 2 ॥
नारायणं गदाध्यक्षं गोविंदं कीर्तिभाजनम् ।
गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥ 3 ॥
वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहनम् ।
चक्रपाणिं गदापाणिं शंखपाणिं नरोत्तमम् ॥ 4 ॥
वैकुंठं दुष्टदमनं भूगर्भं पीतवाससम् ।
त्रिविक्रमं त्रिकालज्ञं त्रिमूर्तिं नंदकेश्वरम् ॥ 5 ॥
रामं रामं हयग्रीवं भीमं रऽउद्रं भवोद्भवम् ।
श्रीपतिं श्रीधरं श्रीशं मंगलं मंगलायुधम् ॥ 6 ॥
दामोदरं दमोपेतं केशवं केशिसूदनम् ।
वरेण्यं वरदं विष्णुमानंदं वासुदेवजम् ॥ 7 ॥
हिरण्यरेतसं दीप्तं पुराणं पुरुषोत्तमम् ।
सकलं निष्कलं शुद्धं निर्गुणं गुणशाश्वतम् ॥ 8 ॥
हिरण्यतनुसंकाशं सूर्यायुतसमप्रभम् ।
मेघश्यामं चतुर्बाहुं कुशलं कमलेक्षणम् ॥ 9 ॥
ज्योतीरूपमरूपं च स्वरूपं रूपसंस्थितम् ।
सर्वज्ञं सर्वरूपस्थं सर्वेशं सर्वतोमुखम् ॥ 10 ॥|
ज्ञानं कूटस्थमचलं ज्ञ्हानदं परमं प्रभुम् ।
योगीशं योगनिष्णातं योगिसंयोगरूपिणम् ॥ 11 ॥
ईश्वरं सर्वभूतानां वंदे भूतमयं प्रभुम् ।
इति नामशतं दिव्यं वैष्णवं खलु पापहम् ॥ 12 ॥
व्यासेन कथितं पूर्वं सर्वपापप्रणाशनम् ।
यः पठेत् प्रातरुत्थाय स भवेद् वैष्णवो नरः ॥ 13 ॥
सर्वपापविशुद्धात्मा विष्णुसायुज्यमाप्नुयात् ।
चांद्रायणसहस्राणि कन्यादानशतानि च ॥ 14 ॥
गवां लक्षसहस्राणि मुक्तिभागी भवेन्नरः ।
अश्वमेधायुतं पुण्यं फलं प्राप्नोति मानवः ॥ 15 ॥
॥ इति श्रीविष्णुपुराणे श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनास्तोत्रम् ॥
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श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् पाठ के लाभ | Benefits of Shri Vishnu Shat Naam Stotram
श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। इसके निम्न लाभ हैं:
- स्तोत्र पाठ का विशेष लाभ : इस स्तोत्र का पाठ करने से प्राप्त होता है। जो मनुष्य प्रातः काल उठकर इस का पाठ करता है वह मोक्ष का भागी होता है और दस हजार अश्वमेध यज्ञ करने के पुण्य फल को प्राप्त करता है। वह वैष्णव स्वरूप हो जाता है।
- शुभ फलों की प्राप्ति: श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के जीवन में खुशी, सफलता, शांति, सुख, समृद्धि और सम्पन्नता आदि के लिए वरदान होता है।
- शरीर और मन को शुद्ध करना: श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से मानसिक चंचलता, तनाव और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह श्लोक संग्रह व्यक्ति के शरीर को भी शुद्ध करता है और उसे रोगों से बचाता है।
- श्री विष्णु की कृपा: श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से श्री विष्णु की कृपा मिलती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में सफलता मिलती है।
- संतुलित जीवन: श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् के पाठ से जीवन में संतुलितता आती है और अंतरंग शांति होती है।
इसका पाठ श्री विष्णु की पूजा और उनकी महिमा के गुणगान के लिए किया जाता है। श्री विष्णु शत नाम स्तोत्रम् का पाठ किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। यह श्लोक संग्रह हिंदू धर्म के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपयोग किया जाता है।