वाराही कवचम् | Varahi Kavacham

वाराही कवचम भगवती वाराही की कृपा, रक्षा, और शक्ति के लिए उपयोग होने वाला महत्त्वपूर्ण मंत्र है। इस कवच का पाठ करने से भक्तों को सुरक्षा, समृद्धि, और आत्मिक उन्नति का अनुभव होता है।

वाराही कवचम् | Varahi Kavacham

अस्य श्रीवाराहीकवचस्य त्रिलोचन ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः, श्रीवाराही देवता, ॐ बीजं, ग्लौं शक्तिः, स्वाहेति कीलकं, मम सर्वशत्रुनाशनार्थे जपे विनियोगः ॥

ध्यानम् ।
ध्यात्वेंद्रनीलवर्णाभां चंद्रसूर्याग्निलोचनाम् ।
विधिविष्णुहरेंद्रादि मातृभैरवसेविताम् ॥ 1 ॥

ज्वलन्मणिगणप्रोक्तमकुटामाविलंबिताम् ।
अस्त्रशस्त्राणि सर्वाणि तत्तत्कार्योचितानि च ॥ 2 ॥

-एतैः समस्तैर्विविधं बिभ्रतीं मुसलं हलम् ।
पात्वा हिंस्रान् हि कवचं भुक्तिमुक्तिफलप्रदम् ॥ 3 ॥

पठेत्त्रिसंध्यं रक्षार्थं घोरशत्रुनिवृत्तिदम् ।
वार्ताली मे शिरः पातु घोराही फालमुत्तमम् ॥ 4 ॥

नेत्रे वराहवदना पातु कर्णौ तथांजनी ।
घ्राणं मे रुंधिनी पातु मुखं मे पातु जंभिनी ॥ 5 ॥

पातु मे मोहिनी जिह्वां स्तंभिनी कंठमादरात् ।
स्कंधौ मे पंचमी पातु भुजौ महिषवाहना ॥ 6 ॥

सिंहारूढा करौ पातु कुचौ कृष्णमृगांचिता ।
नाभिं च शंखिनी पातु पृष्ठदेशे तु चक्रिणि ॥ 7 ॥

खड्गं पातु च कट्यां मे मेढ्रं पातु च खेदिनी ।
गुदं मे क्रोधिनी पातु जघनं स्तंभिनी तथा ॥ 8 ॥

चंडोच्चंडश्चोरुयुग्मं जानुनी शत्रुमर्दिनी ।
जंघाद्वयं भद्रकाली महाकाली च गुल्फयोः ॥ 9 ॥

पादाद्यंगुलिपर्यंतं पातु चोन्मत्तभैरवी ।
सर्वांगं मे सदा पातु कालसंकर्षणी तथा ॥ 10 ॥

युक्तायुक्तस्थितं नित्यं सर्वपापात्प्रमुच्यते ।
सर्वे समर्थ्य संयुक्तं भक्तरक्षणतत्परम् ॥ 11 ॥

समस्तदेवता सर्वं सव्यं विष्णोः पुरार्धने ।
सर्वशत्रुविनाशाय शूलिना निर्मितं पुरा ॥ 12 ॥

सर्वभक्तजनाश्रित्य सर्वविद्वेषसंहतिः ।
वाराही कवचं नित्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ॥ 13 ॥

तथा विधं भूतगणा न स्पृशंति कदाचन ।
आपदः शत्रुचोरादि ग्रहदोषाश्च संभवाः ॥ 14 ॥

माता पुत्रं यथा वत्सं धेनुः पक्ष्मेव लोचनम् ।
तथांगमेव वाराही रक्षा रक्षाति सर्वदा ॥ 15 ॥

इति श्रीरुद्रयामलतंत्रे श्री वाराही कवचम् ॥

वाराही कवचम् सुनें | Listen Varahi Kavacham

Varahee Kavacham || வாராஹி கவசம் – Saradha Raaghav

वाराही कवचम् के लाभ | Benefits of Varahi Kavacham

  1. रक्षा और सुरक्षा: वाराही कवचम का पाठ करने से भक्तों को भगवती वाराही की रक्षा मिलती है, जो उन्हें समस्त दुर्गतियों से रक्षित रखती है।
  2. आत्मिक उन्नति: इस मंत्र का प्रयोग करने से भक्त आत्मिक उन्नति, साधना, और आध्यात्मिक साधना में प्रोत्साहित होता है।
  3. शांति और समृद्धि: वाराही कवचम का जाप करने से मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है, जिससे भक्त अपने जीवन को सकारात्मकता से भर देता है।

सावधानियां:

  1. पवित्रता की आवश्यकता: वाराही कवचम का जाप करने से पहले शरीर और मन की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए।
  2. अनुभवी मार्गदर्शक: इस मंत्र का उच्चारण करने के लिए अनुभवी गुरु की मार्गदर्शन में रहना चाहिए।
  3. नियमितता: इस कवच का नियमित जप करने से ही पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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