गोल्सवर्दी के तीन नाटक / Gaalsavardi Ke Teen Natak
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | गोल्सवर्दी के तीन नाटक / Gaalsavardi Ke Teen Natak |
Author | Munshi Premchand |
Category | नाटक / Drama, Fiction, Uncategorized |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 278 |
Quality | Good |
Size | 4.2 MB |
Download Status | Available |
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पुस्तक का विवरण : परदा उठता है, और बार्थिविक का नये ढंग से सजा हुआ बड़ा खाने का कमरा दिखाई देता है | खिड़की के परदे खिंचे हुये हैं| बिजली की रोशनी हो रही है | एक बड़ी गोल खाने की मेज पर एक तश्तरी रखी हुई है, जिसमें एक नल की ओर एक चाबी की सिगरेट की डिविया है | आधी रात गुजर चुकी है |
दरवाजे के बाहर कुछ हलचल सुनाई देती है | दरवाजा झोके से खुलता है, जैक बार्थिविक कमरे में इस तरह आता है, मानो गिर पड़ा हो| वह दरवाजे का कूड़ा पकड़कर खड़ा सामने देख रहा है और मानव से मुस्कुरा ए=रहा है वह शाम के कपड़े पहिने हुए है, उसके…………..
Some movement is heard outside the door. The door opens with a sigh, Jack Barthwick enters the room as if he had fallen. He is standing holding the garbage of the door, looking in front and smiling at the human, he is dressed in evening clothes, his ………
“हम बाहरी दुनिया में तब तक शांति नहीं पा सकते हैं जब तक कि हम अन्दर से शांत न हों।” दलाई लामा
“We can never obtain peace in the outer world until we make peace with ourselves.” Dalai Lama
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प्रेमचंद द्वारा जॉन गाल्सवास्की के नाटकों का अनुवाद ( चाँदी की डिबिया , हड़ताल, न्याय ) का PDF डाउनलोड नहीं हो रहा। कृपया PDF ईमेल ! धन्यवाद
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