Collection of 19 Gurudev Bhajans
Mehar Ki Najar Karo Meri
मेहर की नजर करो मेरी ओर,
दया की नजर करो मेरी ओर।
निशि दिन तुम्हें निहारूं सतगुरु,
जैसे चन्द्र चकोर।
जानू न कौन भूल हुई तन से,
लियो हमसे मुख मोड़।
बालक जानि चूक बिसराओ,
आया शरण अब मैं तोर।
सदा दयालु स्वभाव तुम्हारा,
मोरि बेरिया कस भयो कठोर।
शरणागत की लाज न राखो,
मोसो पतित अब जाये केहि ओर।
अबकी बार उबार लेव जो,
फिर न धरब पग यहि मगु ओर।
Koti Koti Karoon Bandana
कोटि कोटि करूं वंदना,
अरब खरब प्रणाम।
चरण कमल विसरूं नहीं,
जय गुरुदेव अनाम।
बार बार कर जोड़कर,
सविनय करूं पुकार।
साध संग मोहि देवनित,
परम गुरु दातार।
तुम्हारी आज्ञा में चलूं,
तुममें हो विश्वास।
तुम्हें छोड़ नहीं और की,
कभी करूं मैं आस।
मैं अपराधी जन्म जन्म का,
नख-शिख भरा विकार।
तुम दाता दुख भंजन,
मेरी करो संभाल।
हमने अपने आप की,
सौंप दी जीवन डोर।
मरजी है गुरु आपकी,
ले जाओ जिस ओर।
मेरे स्वामी आप हो,
मैं हूं आपका दास।
चरणों में रखना मुझे,
यही मेरी अरदास।
दाता सबके एक ही,
सदा रहे गुरुदेव।
तुमको लाख प्रणाम है,
स्वामी जय गुरुदेव।
Bhakti Karte Chhute Mere Pran
भक्ति करते छूटें मेरे प्राण, गुरुजी यही मांगू सदा।
रहे अंत समय तेरा ध्यान, गुरुजी यही मांगू सदा।
तेरी भक्ति में खुद को मिटाता चलूं,
तेरी महिमा निरंतर सुनाता चलूं।
तेरा गाऊं सदा गुणगान, गुरुजी यही मांगू सदा।
तेरा मुखड़ा निरंतर निहार करूं,
तेरी मूरत को अंतर में धार करूं।
देना आकर के दर्शन दान, गुरुजी यही मांगू सदा।
मेरी आशा निराशा करना नहीं,
मेरे अवगुण को चित्त में धारना नहीं।
मेरे मिटा दो भरम-अज्ञान, गुरुजी यही मांगू सदा।
मेरे पाप और ताप मिटा देना,
मुझको चरणों का सेवक बना लेना।
छूटे काम, क्रोध, मद, मान, गुरुजी यही मांगू सदा।
काल माया के झूले में झूलूं नहीं,
निशदिन तेरे चरणों को भूलूं नहीं।
दाता देना यही वरदान, गुरुजी यही मांगू सदा।
Itni Shakti Mujhe Do Mere Satguru
इतनी शक्ति मुझे दो मेरे सतगुरु,
तेरी भक्ति में खुद को मिटाता चलूं।
चाहे राहों में कितनी मुसीबत पड़े,
फिर भी तेरा दिया गीत गाता चलूं।
नाव बोझिल मेरे पूर्व के पाप से,
सो ना जाऊं यही गम सताता मुझे।
इतना वरदान दे दो मेरे देवता,
खुद भी जागूं, जगत को जगाता चलूं।
चाह मुझको नहीं धर्म की, अर्थ की,
काम वा मोक्ष की भी जरूरत नहीं।
खाक चरणों की मिलती रहे उम्र भर,
तेरी महिमा निरंतर सुनाता चलूं।
मेरे जैसे अनेक मिलेंगे तुम्हें,
पर हमारे लिए तो तुम्हीं एक हो।
तेरी उल्फत की मस्ती रहे हर घड़ी,
तेरी राहों में सिर को झुकाता चलूं।
दूसरों की मदद की जरूरत नहीं,
मुझको केवल तुम्हारी मदद चाहिए।
लड़खड़ाए ना मेरे कदम राह में,
नाम का तेरे डंका बजाता चलूं।
अगर किसी द्वार पर तेरा बंदा झुका,
फर्क आएगा मालिक तेरे नाम पर।
मुझको गैरों के रिश्तों से क्या वास्ता,
सिर्फ रिश्ता तुम्हारा निभाता चलूं।
Guru Charno Mein Apne Laga Lijiye
गुरु चरणों में अपने लगा लीजिए,
मेरे भाग्य को स्वामी जी जगा दीजिए।
मो सम पापी जगत कोई नाहीं,
मेरे पापों की गठरी जला दीजिए।
काम, क्रोध, मद, लोभ सतावें,
इन दुश्टों को स्वामी जी भगा दीजिए।
काल और माया हमें भरमावें,
इन दोनों से प्रभु जी बचा लीजिए।
तुम्हारे दर्शन की प्यासी हैं अंखियां,
दर्शन देकर प्यास बुझा दीजिए।
बिन सुनन को श्रवण मेरे व्याकुल,
अमृत भरी वाणी सुना दीजिए।
Milta Hai Saccha Sukh Keval Gurudev Tumhare Charanon Mein
मिलता है सच्चा सुख केवल,
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।
यह विनती है पल-पल, छिन-छिन,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
चाहे बैरी कुल संसार बने,
चाहे जीवन मुझ पर भार बने।
चाहे मृत्यु गले का हार बने,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
चाहे अग्नि में जलना पड़े,
चाहे कांटों पर चलना पड़े।
चाहे छोड़ के देश निकलना पड़े,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो,
चाहे चारों तरफ अंधेरा हो।
पर मन न डगमग मेरा हो,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में।
जीवन पर तेरा नाम रहे,
तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे।
तेरी याद तो आठों याम रहे,
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।
Naiya Laga Do Bhav Paar
नैया लगा दो भव पार,
पार मेरे सतगुरु।
तुम बिन मेरा और न कोई,
देखा है नजर पसार,
पार मेरे सतगुरु।
भव सागर में डूब रहा हूँ,
तुम ही हो मेरे पतवार,
पार मेरे सतगुरु।
संग के साथी पार उतर गए,
मैं ही पड़ा हूँ मझधार,
पार मेरे सतगुरु।
जय गुरुदेव, दया के सागर,
महाराज जी, कृपा के सागर।
चरण कमल बलिहार,
पार मेरे सतगुरु।
Satguru Shanti Wale Tumko Lakon Pranam
सतगुरु शांति वाले, तुमको लाखों प्रणाम।
भक्तों के रखवाले, तुमको लाखों प्रणाम।
सुत प्यारा परिवार है जितने,
सबका प्रेम बटोर है सपने।
अंत समय कोऊ नहीं अपने।
भाव पार लगाने वाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
भक्तों के रखवाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
वेद वेदांत पुराण बताएं,
सदाचार सत्संग गहाएं।
ध्यान योग का भेद सिखाएं।
ज्योति जगाने वाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
भक्तों पर हैं तुम्हारे लोचन,
संकट तारन शोक विमोचन।
गुरु तुम्हीं पापों के मोचन।
शब्द भेद बताने वाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
दीनों की विनती सुन लीजै,
किंकर जानके कृपा कीजै।
दर्शन अपना हरदम दीजै।
यम त्रास मिटाने वाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
भक्तों के रखवाले,
तुमको लाखों प्रणाम।
Chhod Kar Sansar Jab Tu Jayega
छोड़कर संसार जब तू जाएगा
कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा।
गर प्रभु का भजन किया ना, सत्संग किया ना दो घड़ियां।
यमदूत लगाकर तुझको, ले जाएंगे हथकड़ियां।
कौन छुड़वाएगा, कोई ना साथी।
इस पेट भरन की खातिर, तू पाप कमाता निसदिन।
श्मशान में लकड़ी रखकर, तेरे आग लगेगी एक दिन।
खाक हो जाएगा, कोई ना साथी।
सत्संग की बहती गंगा, तू इसमें लगा ले गोता।
वरना इस दुनिया से, जाएगा एक दिन रोता।
फिर पछताएगा, कोई ना साथी।
क्यों कहता मेरा-मेरा, यह दुनिया रैन बसेरा।
यहां कोई ना रहने पाता, है चांद दिनों का डेरा।
हंस उड़ जाएगा, कोई ना साथी।
गुरुदेव चरण में निसदिन, तू प्रीत लगा ले बंदे।
कट जाएंगे सब तेरे, ये जन्म-मरण के फंदे।
पार हो जाएगा, कोई ना साथी।
Mukti Divas Prarthana
जयगुरुदेव ध्वजा लहराएँ, मानव जीवन सफल बनाएँ।
सत्य अमृत रस झरने वाला, भक्ति भावना भरने वाला।
दुनिया का तम हरने वाला, देशों देश विचरने वाला।
शांति ध्वज नभ में फहराएँ, मानव जीवन सफल बनाएँ।।
शील क्षमा संतोष लिए हैं, सर्व शांति का ध्येय लिए हैं।
अजब रंग अनुराग हृदय में, प्रेम सुधा रस पेय लिए है।
सबको सत्य मार्ग दिखलाए, मानव जीवन सफल बनाए।।
एक रंग की ध्वजा है प्यारे, तीन रंग से है यह न्यारे।
अरब खरब शशि भानु व तारे, ध्वज के मध्य प्रकाशित सारे।
पल पल नभ आनंद बढ़ाए, मानव जीवन सफल बनाए।।
ध्वजा के नीचे जो कोई आवे, जन्म मरण उसका छूट जावे।
जीवन का वांछित फल पाकर, अंत समय प्रभु में मिल जावे।
सबको सरल मुक्ति बतलाए, मानव जीवन सफल बनाए।।
विधि हरिहर ने उसे उठाया, व्यास वशिष्ठ आदि मन भाया।
राम कृष्ण सब गाते आए, संतों ने गूढ़ तत्व बताए।
सबके घर घर यह पहराए, मानव जीवन सफल बनाए।।
सतयुग सत्य ध्वजा लहराया, त्रेता द्वापर में फहराया।
कलयुग जयगुरुदेव ध्वजा ले, सब जीवों को पार लगावें।
प्रेमी सभी मिलकर गाएं, मानव जीवन सफल बनाए।।
जो कोई इसका गुण गावे, सत्य ध्वजा पर बलि बलि जावे।
धर्म ध्वजा अपनी महिमा से, जीवों को निज घर पहुंचावे।
जग सारा गुण गौरव गावे, मानव जीवन सफल बनाए।।
जयगुरुदेव दया करो मेरे, दुःख हर्ता मैं शरण में तेरे।
पांचो दूत भूत अस लिपटे, ममता मोह विविध विधि घेरे।
सबको नाथ प्रभु पार लगाए, मानव जीवन सफल बनाए।।
Bhog Dhare Satguru Swami Aage
भोग धरे सतगुरु स्वामी आगे,
लीन्हे व्यंजन भाव से पागे।
नभ मंडल में बाजा है नगारा,
सात्विक भोजन है यह सारा।
काल करम को हटाओ छिन में,
मुझ में अभाव आवे नहीं कभी।
गुरु जी भोग लगाओ अभी,
भोग धरे जयगुरुदेव स्वामी आगे।
करो प्रसाद अमी रस आके।
Aas Lagi Darshan Ki
आस लगी है दर्शन की, कर दो पूरी मन की,
लगन लगी है दर्शन की, कर दो पूरी मन की ।।
सतगुरु मेरे प्राणन प्यारे,
अखियन के प्रभु तुम हो तारे।
भूख नही मोहे धन की –
कर दो पूरी मन की।।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
नही चाहिये मोहे महल अटरिया,
तुम्हरे दरस को तरसे ये अखियाँ ।
प्यास बुझा दो नैनन की
कर दो पूरी मन की ।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
ज्ञान उजागर गुण के सागर,
करूणा भरी झलका दो घाघर।
ज्योति जला दो जीवन की
कर दो पूरी मन की ।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
अलख अगम के तुम हो दाता,
जोड़ लिया प्रभु तुमसे नाता,
कृपा हो जाये भगवन की
कर दो पूरी मन की ।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
जिसने तुम्हारे रूप को देखा,
मिट गई उसकी पाप की रेखा,
दासी बना लो चरणन की
कर दो पूरी मनकी ।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
सोयी हुयी मेरी सुरत जगा दो,
उजड़ा हुआ मेरा जीवन वसा दो,
सुन लो अरज निर्धन की
कर दो पूरी मन की।
लगन लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की ।।
आस लगी है दर्शन की
कर दो पूरी मन की।।
Ek Tumhi Aadhar Sadguru
एक तुम्ही आधार सदगुरु, एक तुम्ही आधार,
जब तक मिलो न तुम जीवन में,
शांति कहा मिल सकती मन में,
खोज फिरा संसार सदगुरु,
एक तुम्ही आधार सतगुरु एक तुम्ही आधार।।
कैसा भी हो तेरन हारा,
मिले न जब तक शरण सहारा,
हो न सका उस पार सद्गुरु,
एक तुम्ही आधार,
एक तुम्ही आधार सतगुरु,
एक तुम्ही आधार।।
हम आये है द्वार तुम्हारे,
अब उद्धार करो दुःख हारे,
सुनलो दास पुकार सदगुरु,
एक तुम्ही आधार,
एक तुम्ही आधार सतगुरु,
एक तुम्ही आधार।।
छा जाता जग में अधियारा,
तब पाने प्रकाश की धारा,
आते तेरे द्वार सदगुरु,
एक तुम्ही आधार,
एक तुम्ही आधार सतगुरु,
एक तुम्ही आधार।।
Ab Apna Bana Lo Satguru
अब अपना बना लो हमे सतगुरु प्यारे,
रहूँ जिससे निर्भय सहारे तुम्हारे ।।
जगत मे हैं समरथ न कोई दिखाता,
बताओ तुम्ही किसके जाऊँ द्वारे ।।
माना कि सिर मेरे पापों की गठरी,
मगर कौन बिन तेरे स्वामी उतारे ।।
युगों से यह नैया भवर मे पड़ी है,
दया करके अब तोलगा दो किनारे ।।
अगर अब की डूबी तो गफ़लत न मेरी,
दयालु शरण मै हूँ आया तुम्हारे ।।
हे विश्वास अबकी न डूबेगी नईया,
जयगुरुदेव पतवार मेरी सम्हाले ।।
Bharosa Charan Kamal Ka Tere
भरोसो चरन कमल का तेरे ।। टेक।।
सांस सांस पर आस तुम्हारी और न काहू केरे ।
जब से जीव भया संसारी फिरे काल के फेरे।
सुधि बुधि भूल रहा निज घर की सपने हूं हरि नहि हेरे।
परम् दयाल हरी निज जनहित रूप धरा नर केरे।
जयगुरुदेव बतायो नाम निज भेद दियो घर पूरे।
जाग जाग अब क्यों नहीं जागे हरि आये बिन हेरे।
चरण कमल पर शीश चढ़ाकर भाग जगा निज लेरे।।
Bahut Din Ho Gaye Darshan Mile
बहुत दिन हो गए दर्शन मिले स्वामी चले आओ,
ध्यान में अब मेरे आकर दरश अपना दिखा जाओ ||
दयालु हमको रह रहकर तुम्हारी याद आती है,
मगर नयनों से क्यो हो दूर स्वामी पास आ जाओ ||
तुम्हारे नाम की माला मेरा मन रोज जपता है,
ना तड़पाओ मेरे प्यारे गुनाहे माफ़ फ़रमाओ ||
तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं करम का बोझ लादे हूँ,
विरह की आग जलती है इसे आकर बुझा जाओ ||
महा आनन्द सागर से भरी वो आपकी आंखें,
किधर बरसा वो करती हैं इधर बरसात कर जाओ ||
बहुत दिन हो गए दर्शन मिले स्वामी चले आओ,
ध्यान में अब मेरे आकर दरश अपना दिखा जाओ ||
Fariyad Meri Sunke Gurudev Chale Aana
फरियाद मेरी सुनते ही गुरुदेव चले आना,
देरी से आने का मत ढूंढो बहाना।।
यह मेरी गलती है तुझको न याद किया,
इस पावन जीवन को यूँ ही बर्बाद किया।।
अब आगे क्या करना है गुरु आकर बता देना,
कईयों की परीक्षा ली है गुरु मेरी मत लेना।।
मैं सबसे पापी हूं सारे जग को बता देना।।
तूं लख दातारी है यह मैेंने भी सुना है,
तेरे नाम अनेकों हैं ना उनकी गणना है।।
चाहूं जब दर्शन देना, चाहे जिस रूप में मिल जाना।।
गिरते को उठाना गुरु तेरा पेशा है,
इस दुनियां में ना कोई तेरे जैसा हैै।
गुरु भक्तों का संकट आकर के छुटा देना।।
फरियाद मेरी सुनते ही गुरुदेव चले आना,
देरी से आने का मत ढूढ़ों बहाना।।
Charno Me Baba Tere Rahe Man Mera
चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा,
अखियो को मिले सदा दर्शन तेरा,
चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा।
तूने ही तो बाबा मेरी जिन्दगी सवारी है,
फसी मजधार जब नैया मेरी तारी है,
तेरी ही दुआ से खिला आंगन मेरा,
चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा।
एसी पाई मेहर जैसे थारुबर की छाया है,
रोज शोक मिटे हुए कंचन काया,
फूलो से भर दिया दामन मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा।
भगतो को तूने बाबा नाजो से पाला है,
गम के अंधरो में तो तुमसे उजाला है,
घर में लगाओ मेरे पावन फेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा।
मन को लुभाए झूठे जग की ये माया है,
गुरु के ज्ञान से ही जीव बच पाया है,
कमल कपिल पूरी जीवन मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा।
Guru Mahima Hai Apaar Jagat Me
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||
गुरु कृपा से कितने तर गए, हो गए भव से पार |
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||
पत्थर में भी प्राण तुगाते, जड़ को भी चेतन वंत बनाते
प्रेम दया भण्डार, जगत में |
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||
मंद बुद्धि की जड़ता हरते, मुरख को भी ज्ञानी करते |
जीवन के करतार, जगत में||
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||
भेद भाव ह्रदय नहीं धरते , ज्ञान दीप से तिमिर को हरते|
तेज पुंज अवतार, जगत में |
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||
सब प्रेमी मिल धूम मचाओ, सतगुरु के गुण प्रेम से गाओ|
गुरु नाम हैं सार, जगत में||
गुरु महिमा है अपार जगत में, गुरु महिमा है अपार ||













