Bhog Dhare Satguru Swami Aage
भोग धरे सतगुरु स्वामी आगे,
लीन्हे व्यंजन भाव से पागे।
नभ मंडल में बाजा है नगारा,
सात्विक भोजन है यह सारा।
काल करम को हटाओ छिन में,
मुझ में अभाव आवे नहीं कभी।
गुरु जी भोग लगाओ अभी,
भोग धरे जयगुरुदेव स्वामी आगे।
करो प्रसाद अमी रस आके।













