Chhod Kar Sansar Jab Tu Jayega
छोड़कर संसार जब तू जाएगा
कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा।
गर प्रभु का भजन किया ना, सत्संग किया ना दो घड़ियां।
यमदूत लगाकर तुझको, ले जाएंगे हथकड़ियां।
कौन छुड़वाएगा, कोई ना साथी।
इस पेट भरन की खातिर, तू पाप कमाता निसदिन।
श्मशान में लकड़ी रखकर, तेरे आग लगेगी एक दिन।
खाक हो जाएगा, कोई ना साथी।
सत्संग की बहती गंगा, तू इसमें लगा ले गोता।
वरना इस दुनिया से, जाएगा एक दिन रोता।
फिर पछताएगा, कोई ना साथी।
क्यों कहता मेरा-मेरा, यह दुनिया रैन बसेरा।
यहां कोई ना रहने पाता, है चांद दिनों का डेरा।
हंस उड़ जाएगा, कोई ना साथी।
गुरुदेव चरण में निसदिन, तू प्रीत लगा ले बंदे।
कट जाएंगे सब तेरे, ये जन्म-मरण के फंदे।
पार हो जाएगा, कोई ना साथी।













