Duniya Se Mai Hara To Aaya Tere Dwar
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया
तूने हमेशा बाबा हारो का अपनाया
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया
चरणों में सिर झुका के अरदास मैं करुगा
जब तक नही सुनोगे फिर दर से न हटूगा
दरबार से किसी को खाली नही लोटाया
तूने हमेशा बाबा हारो का अपनाया
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया
अपनों ने मुझको बाबा पल पल रुलाया,
जब द्वार तेरे आया तूने मुझे हसाया
अब चिंता क्यों करू मैं सेवा में जो लगाया
तूने हमेशा बाबा हारो का बनाया
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया
दर्शन तेरे करने को शोह्बित भी मचलता है
तेरी किरपा से मेरा गुजारा चलता है
अपना मुझे बना कर दुःख दर्दो को मिटाया,
तूने हमेशा बाबा हारो का बनाया
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया













