Naiya Laga Do Bhav Paar
नैया लगा दो भव पार,
पार मेरे सतगुरु।
तुम बिन मेरा और न कोई,
देखा है नजर पसार,
पार मेरे सतगुरु।
भव सागर में डूब रहा हूँ,
तुम ही हो मेरे पतवार,
पार मेरे सतगुरु।
संग के साथी पार उतर गए,
मैं ही पड़ा हूँ मझधार,
पार मेरे सतगुरु।
जय गुरुदेव, दया के सागर,
महाराज जी, कृपा के सागर।
चरण कमल बलिहार,
पार मेरे सतगुरु।













