पुस्तक का विवरण : श्री जिनवाणी सरस्वती मंदिर के इस धर्म-प्राण पुजारी में समर्पण का गहराभाव है। सर्विस मात्र ही आपकी आजीविका का एक मात्र साधन होने पर भी आप उन्मुक्त हृदय से अपने न्यायोपार्जित धन का सही सदुपयोग श्री जिनवाणी माता के प्रसार-प्रचार में ही सदा-सर्वदा करते रहते है परन्तु इस साहित्य-सेवा को आप आय का साधन नहीं बनाते। प्रस्तुत ग्रन्थ……