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Sad Shayari

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कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
शकील बदायूनी

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
साहिर लुधियानवी

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला
बशीर बद्र

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
अल्लामा इक़बाल

मैं हूँ दिल है तन्हाई है
तुम भी होते अच्छा होता
फ़िराक़ गोरखपुरी

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया

शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं

हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है

अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया

किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं
अख़्तर सईद ख़ान

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
परवीन शाकिर

न जाने किस लिए उम्मीद-वार बैठा हूँ
इक ऐसी राह पे जो तेरी रहगुज़र भी नहीं

जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
नासिर काज़मी

हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती
वसीम बरेलवी

हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम

हमारे घर की दीवारों पे ‘नासिर’
उदासी बाल खोले सो रही है

अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं

मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं
फ़रहत एहसास

कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दिया
उदासी की मेहनत ठिकाने लगी
आदिल मंसूरी

जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का ‘शकील’
मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया

हम को न मिल सका तो फ़क़त इक सुकून-ए-दिल
ऐ ज़िंदगी वगर्ना ज़माने में क्या न था
आज़ाद अंसारी

चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया
अजमल सिराज

ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
ख़ुमार बाराबंकवी

इश्क़ में कौन बता सकता है
किस ने किस से सच बोला है
अहमद मुश्ताक़

दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
क़ैसर-उल जाफ़री

वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले
मगर अपने अपने मक़ाम पर कभी तुम नहीं कभी हम नहीं

मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाए
इफ़्तिख़ार नसीम

रोने लगता हूँ मोहब्बत में तो कहता है कोई
क्या तिरे अश्कों से ये जंगल हरा हो जाएगा

आज तो जैसे दिन के साथ दिल भी ग़ुरूब हो गया
शाम की चाय भी गई मौत के डर के साथ साथ
इदरीस बाबर

उन का ग़म उन का तसव्वुर उन के शिकवे अब कहाँ
अब तो ये बातें भी ऐ दिल हो गईं आई गई

ज़ख़्म ही तेरा मुक़द्दर हैं दिल तुझ को कौन सँभालेगा
ऐ मेरे बचपन के साथी मेरे साथ ही मर जाना
ज़ेब ग़ौरी

कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जाएँ जिधर जाएँ

ये शुक्र है कि मिरे पास तेरा ग़म तो रहा
वगर्ना ज़िंदगी भर को रुला दिया होता
गुलज़ार

मायूसी-ए-मआल-ए-मोहब्बत न पूछिए
अपनों से पेश आए हैं बेगानगी से हम

इस डूबते सूरज से तो उम्मीद ही क्या थी
हँस हँस के सितारों ने भी दिल तोड़ दिया है
महेश चंद्र नक़्श

ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
महमूद शाम

सुपुर्द कर के उसे चाँदनी के हाथों में
मैं अपने घर के अँधेरों को लौट आऊँगी

ये ज़िंदगी जो पुकारे तो शक सा होता है
कहीं अभी तो मुझे ख़ुद-कुशी नहीं करनी
स्वप्निल तिवारी

उठते नहीं हैं अब तो दुआ के लिए भी हाथ
किस दर्जा ना-उमीद हैं परवरदिगार से
अख़्तर शीरानी

इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
किसी मा’ज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा
वसी शाह

सब सितारे दिलासा देते हैं
चाँद रातों को चीख़ता है बहुत
आलोक मिश्रा

वैसे तो सभी ने मुझे बदनाम किया है
तू भी कोई इल्ज़ाम लगाने के लिए आ

अब तो कुछ भी याद नहीं है
हम ने तुम को चाहा होगा
मज़हर इमाम

तुम मिटा सकते नहीं दिल से मिरा नाम कभी
फिर किताबों से मिटाने की ज़रूरत क्या है

आस क्या अब तो उमीद-ए-नाउमीदी भी नहीं
कौन दे मुझ को तसल्ली कौन बहलाए मुझे
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम

दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे ‘शफ़क़’
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे
फ़ारूक़ शफ़क़

देखते हैं बे-नियाज़ाना गुज़र सकते नहीं
कितने जीते इस लिए होंगे कि मर सकते नहीं
महबूब ख़िज़ां

दर्द-ए-दिल क्या बयाँ करूँ ‘रश्की’
उस को कब ए’तिबार आता है
मोहम्मद अली ख़ाँ रश्की

किसी ने फिर से लगाई सदा उदासी की
पलट के आने लगी है फ़ज़ा उदासी की
शाहिदा मजीद

शाम-ए-हिज्राँ भी इक क़यामत थी
आप आए तो मुझ को याद आया

ज़मीन-ए-दिल पे मोहब्बत की आब-यारी को
बहुत ही टूट के बरसी घटा उदासी की

तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं..!

बेपनाह मोहब्बत का आख़िरी पड़ाव
इक लंबी सी ख़ामोशी

तु जीत कर रो पड़ेगा
हम तुझसे ऐसे हारेंगे।

कुछ तारीखें,
ज़ख्म ताजा कर देती हैं !

थोड़ा और समझदार होने के लिए
थोड़ा और अकेला होना पड़ता है

जिसने हालात पी लिये हो
वो फिर जहर से नही डरता

किसी पर मरने से, शुरू होती है मोहब्ब्त
इश्क़ जिंदा लोगों के बस की बात नहीं

हम कहाँ किसी के लिए खास हैं,
ये तो हमारे दिल का अंधविश्वास हैं

जो सोचा सब वैसा ही, होने लगे तो,
जिंदगी और ख्वाब में, फर्क क्या रह जाएगा|

हम उनकी याद में है,
जिन्हे हम याद नही हैं ।

तुम क्या गए कि, वक़्त का अहसास मर गया,
रातों को जागते रहे, और दिन को सो गए।

बहुत अजीब हैं, तेरे बाद की, ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे में, भीग जाते हैं।

कितने अज़ीब लोग हैं?
बात पकड़ कर इंसान छोड़ देते हैं।

शायद बहुत जान लिया उन्होंने हमें,
यही वजह थी, कि हम बुरे लगने लगे उन्हें।

मेरी फितरत में खामोशी नहीं है..,
मैं एक हंगामा हूँ, जो बोल पड़ता है..!!!

हमें अहमियत नहीं दी गई
और हम, जान तक दे रहे थे !

जिसका मिलना किस्मत में नहीं होती
उससे मोहब्बत भी बेइंतहा होती हैं !

नजरों से जो उतर गए
क्या फर्क पढ़ता है, वो कहां गए!

किसी ने खूब कहा हैं,
मोहब्बत नहीं जनाब,यादे रुलाती हैं

बेशक बातें कम हो गई हैं,
पर फिक्र हर पल रहती हैं तेरी…

हमेशा मैं ही क्यों डरु, तुझको खोने से,
कभी तू भी डरे, मेरे न होने से.. 

सच्चा प्यार केवल दो,पल के लिए ही होता हैं,
पर जख्म सालों के,लिए दे जाता हैं..

जब दर्द खुद को ही सहना हैं,
फिर औरों को बताना क्या…

आप तो मेरी जान थे,
आपकी यादे क्यो मेरी जान ले रही हैं…

बेहतर हैं उन रिश्तों का टूट जाना,
जिस रिश्ते की, वजह से, आप टूट रहे हैं..

आज हम तरस रहे हैं तुम्हारे लिए,
कल तुम तरसोगे हमारे लिए…

मुस्कुराना हमारी मजबूरी हैं,
जिंदगी तो ऐसे भी, हमसे नाराज रहती हैं…

कभी कभी अपनो से ऐसा दर्द मिलता हैं,
आँशु तो पास होते हैं। मगर रोया नहीं जाता..

ज़िंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ,
मगर किसी के भरोसे का नहीं…

जिस तरह मैंने तुझें चाहा,
कोई और चाहे तो भूल जाना मुझें…

जो सबको संभालने की,, कोशिश करता हैं न,
उसको संभालना हर कोई भूल जाता हैं…

जिसने भी कहा हैं,सच ही कहा हैं,
सुकून तो, मरने के बाद ही आता हैं।

ज़िंदगी में गुलाब के तरह खिलना हैं,
तो काटो से तालमेल बढ़ाना ही पड़ेगा..

आज अश्क से, आँखों में क्यों हैं आये हुए,
गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।

कम नहीं हैं, आँसू मेरी आँखों में, मगर
रोता नहीं कि, उनमें उसकी तस्वीर दिखती है

नीन्द मे भी आखू से आसू बहन लगत हे
जब आप मेरा हाथ छोड़कर जात हो

इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त,
आँख जब भी नम हुई, वजह तुम ही निकले।

अपने ही हाथों से जला दिया अपना घर,
कहना उससे, और एक काम, तेरा कर दिया।

बीन मोसम बारिशे हो जाती है
कभी बादलो से तो कभी आँखो से

चुपके-चुपके रात आसू बहाना याद है
हम अब तक आशिक़ी का वो जमाना याद है

आसू तेरी यादो की कैद में है
तेरी याद आने से, इन्हें जमानत मिल, जाती है

मुस्कुराने की आरजू मे छुपाया जो दर्द को
अश्क हमारी आखो मे पत्थर के हो गए

मेर शहर मे बारिश हो जाती हे
कभी बादलो से कभी आखो से।


बह जाती काश यादें भी,, आँसुओ के साथ
एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठकर।


मुस्काती आँखो मे अक्सर
देखे हम ने रोते ख्वाब।

होते ही शाम, जलने लगा, याद का अलाव
आँसू सुनाने दुख की कहानी निकल पड़े।

इस कदर रोया हूँ तेरी याद मे
आइन आखो के धुंधले हो गए।

काश मै तुम्हे अनदेखा करता
जिस तरह तुम मुझे अनदेखा करती हो।

चलो कुछ तो किया उसने
प्यार नही तो तबाह ही सही।

ज़िन्दगी में कुछ पल बस ऐसे गुजर जाते है
बस रहे जाती हैं तो उनकी यादें।

लोग इंसान देख कर प्यार करते हैं
मैने प्यार करके एक इंसान को देख लिया।

बेशक दिल कितना भी उदास है
फिर भी,, तेरे लोट आने की आस है।

इश्क मे हमने कीतन सीतम सहे हे
शहर तो छोड़ दिया,,, अब क्या जीना छोड़ दे।

जिस दिल से मै प्यार की आस कर रहा था
उस दिल मे तो इंसानियत भी नही थी।

रिश्ते भी आजकल दिलो के नही
जरूरत के रह गए है।

दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह,
जिस्म से मौत की,, ये सगाई तो नहीं।

मौत तेरा डर नहीं मुझको,
क्योंकि मारा है,, जीते जी अपनो ने मुझको।

बे-मौत मर जाते है,
बे-आवाज़ रोने वाले।

जहर पीने से कहाँ मौत आती है,
मर्जी खुदा की भी चाहिए,, मौत के लिए।

इंसान तब मरता है
जब उसके अंदर की इंसानियत मर जाती है।

मौत से तो दुनिया मरती है,
आशिक तो, प्यार से ही मर जाता है।

अगर किसी को मारना है
मोहब्बत सिखाकर चले जाए।

नफरत बता रही है
मोहब्बत कितनी की होगी।

इंतजार बताता है
मोहब्बत कितनी गहरी है।

उसकी बातों से लगता है
किसी और को चाहने लगे हैं।

यहां तक साथ निभाएंगे
फिर जाए मोहब्बत हो या दोस्ती।

दिल तो पहले होता था सीने में
अब तो दर्द लिए फिरते है!

ये दिल तब रो देता हैं,
रोने से दिल के जख्म भर जायेंगे,

मेरा दर्द सिर्फ मेरा था,
ये जान कर, मुझे और भी दर्द हुआ।

यह कैसा इश्क था!
तुम्हें पाकर खो दिया


दुनिया में किसी से उम्मीद मत रखना
एक दिन सब, छोड़ कर, चले जाते हैं

हमने उन्हें खोया है
जो कभी हमारे थे ही नहीं !


एक बार मोहब्बत करो
एक पल मारोगे एक पल जिओगे

सबसे बड़ी भीख मोहब्बत है
वह भीख मैंने मांगी है।

वो अश्क बन के मेरी आखो में रहता हे
अजीब शख्स है पानी के घर मे रहता है

पलकों के,, बंध तोड़ के, दामन पे गिर गया,
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।

चाय जैसी उबल रही है जिंदगी,
मगर हम भी हर घूँट का, आनंद शौक से लेंगे।

मोहब्बत में हम उन्हें हारे हैं,
जो कहते थे बस हम तुम्हारे हैं…

न जाने कैसी, नजर लगी है, इस जमाने की
वजह ही नही मिल रही मुस्कुराने की

“चार दिन आंखों में नमी होगी मैं
मर भी जाऊं तो क्या कमी होगी।”

“तरस गए हम थोड़ी सी वफा के लिए,
अभी उम्र भी कम पड़ने लगी है इश्क में सजा के लिए।

 “तुमने किया ना याद कभी भूल कर हमें,
हमने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया।”

“तमाम गीले शिकवे भूलकर बात कर लिया करो,
सुना है मौत मुलाकात का मौका नहीं देती।”

“वो छोड़ गये हमें ना जाने उनकी क्या मजबूरी थी खुदा ने कहा,
इसमें इनका कोई कसूर नहीं यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।”

“तेरी मोहब्बत ने मुझे जीना तो सिखा दिया,
पर अब तुझसे दूर कैसे रहूं, ये कौन सिखाएगा?”

“दिल तुझसे जुदा हो गया है,
मगर मोहब्बत अभी भी वहीं है।”

“वो हमें छोड़कर चले गए,
और हमें लगा हम अभी भी उनके दिल में हैं।

“दिल से खेलना आसान है,
पर इसका दर्द समझना मुश्किल है।” 

“दिल के हर कोने में बस तुम्हारी यादें हैं,
जो कभी खत्म नहीं होंगी।”

“तुम्हें भूलने की कोशिश तो की,
पर तुम हर ख्याल में लौट आते हो।”

“जो दिल से कभी दूर नहीं होते,
वो अक्सर सबसे पहले छोड़ जाते हैं।”

“दर्द वो नहीं जो दिखता है,
दर्द वो है जो दिल में छुपा रहता है।”

“जब तुम थे, तब ज़िंदगी हसीन थी,
अब तुम नहीं हो, तो सब कुछ वीरान है।”

“दिल को यूं तो संभाल रखा है,
पर तेरी यादों ने इसे बिखेर दिया।”

“तुम्हारी यादों ने मुझे वो दर्द दिया,
जो कभी खत्म नहीं होगा।”

“हर बार दिल से तुम्हारा नाम मिटाने की कोशिश की,
पर हर बार तुम और गहरे बस  गए।” 

“दिल का दर्द कोई नहीं समझ सकता,
जब उसे सिर्फ़ एक इंसान ही जानता हो।”

“हर रात तेरी यादों में खोकर आंखों में नींद नहीं आती।” 

“मुझे पता था कि एक दिन तुम जाओगे,
फिर भी दिल ने तुम्हें कभी खोने नहीं  दिया।”

“कभी-कभी खुद को भी समझाना पड़ता है कि जो चला गया,
वो लौटकर नहीं आएगा।” 

“सच्चे प्यार का दर्द वही समझ सकता है,
जिसने उसे खोया हो।” 

“दिल कहता है कि तुम वापस आ जाओ,
पर दिमाग जानता है कि ये मुमकिन नहीं है।” 

“तुम्हारे बिना अब तो खुशी का मतलब भी खो गया है।” 

“दिल ने तो तुझे कभी खोने नहीं दिया,
पर तुझे मेरी कदर नहीं थी।” 

“दिल का हर कोना खाली सा लगता है,
जब तुम याद आते हो।” 

“कभी-कभी अकेलापन ही हमारी सबसे बड़ी सच्चाई होती है।” 

“दिल का दर्द कोई नहीं समझेगा,
जब तक उसने खुद इसे महसूस न किया हो।” 

“दिल का हर कोना उदास है,
क्योंकि तुम अब इसमें नहीं हो।” 

“दिल का हर टुकड़ा अब तेरी यादों में बसा हुआ है।” 

“दिल से खेलना हमें आता नहीं,
इसलिए किसी को धोखा देना हमारा काम नहीं।”

“जिसे चाहो वो मिल जाए, ये ज़रूरी नहीं,
जिसे पा लो उसे चाहो, ये ज़रूरी है।”

“कुछ टूटे रिश्ते इस तरह जुड़ जाते हैं,
कि दिल से जाने का दर्द भी नहीं जाता।”

“हम तो अब सिर्फ़ यादों में ही मिल सकते हैं,
तुमसे मिलने की हसरत अब ख़त्म हो  गई है।”

“चुप हैं, खामोश हैं, मगर खोए नहीं,
बस वो कहते कुछ नहीं और हम रोते कुछ नहीं।”

“मुझे पता है, मैं तुम्हारा पहला प्यार नहीं था,
लेकिन यकीन मानो, आखिरी था।”

“दिल से खेलना तुमको आता है,
इसलिए तुम हमें भूल जाते हो।”

“किसी का दिल टूटने पर भी मुस्कुराने की हिम्मत रखो,
क्योंकि ज़िंदगी यूँ ही  चलती रहती है।”

“ख़ामोशी का मतलब ये नहीं कि हमें दर्द नहीं होता,
बल्कि दिल से रोते हैं पर  दिखाते नहीं।”

“मुस्कुराहट के पीछे छुपी होती हैं,
वो बातें जो किसी से कह नहीं पाते।”

“तुम्हारे बिना ज़िंदगी में वो बात नहीं,
जो तुम्हारे साथ थी।”

“दर्द तो है पर शिकायत नहीं,
क्योंकि जिसे हमने दिल दिया,
उसने कभी हमें दिल  से चाहा ही नहीं।”

“तुम्हारे बिना ये दिल वीरान सा लगता है,
जैसे किसी को खोकर हर खुशी खो गई।”

“दिल से रोये मगर होंठों से मुस्कुरा बैठे,
यूं ही हम किसी से वफा निभा बैठे।”

“दिल के रिश्तों में बेवफाई नहीं होती,
बस वक्त का फेर उन्हें दूर कर देता है।”

मोहब्बत तो की थी, पर अब समझ आया कि प्यार के बिना जिंदगी अधूरी होती है।”

“तुम्हारे बिना ये दिल भी अब धड़कने को तैयार नहीं है,
क्योंकि तुमसे ही मेरी  ज़िन्दगी थी।”

“दिल की बात कहने का अब कोई मौका नहीं,
अब तो बस खामोशियाँ ही बोलती हैं।”

“दिल को इस तरह से टूटने मत देना कि वापस जुड़ने की कोई गुंजाइश ही न बचे।”

“हर किसी के लिए दिल नहीं तोड़ा जाता,
और जो तोड़ते हैं, वो सच्चे नहीं होते।”

“कभी सोचा नहीं था कि, जिसे कभी ना खोने की दुआ की थी,
वही सबसे पहले छोड़  जाएगा।”

“वो हमसे दूर हो गए, मगर उनकी यादें हमारे दिल में हमेशा रह गईं।”

“जिस दिल को दर्द देना आसान हो जाए,
उस दिल की कीमत कोई नहीं समझ पाता।”

“दिल के हर कोने में बस तुम्हारी यादें हैं,
जिन्हें अब कोई नहीं छू सकता।”

“कभी-कभी दिल को इस बात का एहसास ही नहीं होता कि जिसे हम चाह रहे हैं, वो  हमारा नहीं है।”

“तुम्हें भूलने की कोशिश तो की,
मगर हर कोशिश में तुम और याद आए।”

“दिल का हर दर्द अब तुम्हारी यादों से जुड़ा हुआ है,
जिन्हें मैं कभी भुला  नहीं सकता।”

“दिल से खेलने वाले अक्सर मुस्कुराकर चले जाते हैं,
और हम उन्हें दिल से निभाते  रहते हैं।”

“दिल से तुम्हें चाहा था, और तुमने हमें सिर्फ़ एक किस्सा बना दिया।”

“हमारी खामोशी को हमारी तन्हाई मत समझो,
इसमें सिर्फ़ तेरी यादें बसी हैं।”

“दिल तोड़ने वाले को अक्सर उसकी गलती का एहसास नहीं होता,
क्योंकि वो कभी दिल  से किसी को नहीं चाहता।”

“कभी-कभी दिल को भी समझाना पड़ता है
कि जिसे हम चाहते हैं, वो हमें नहीं  चाहता।”

“दिल को इस तरह से दर्द मत देना
कि वो टूटकर बिखर जाए और फिर कभी जुड़ न सके।”

“दिल से जिसे चाहा, उसी ने दिल तोड़ दिया,
अब दिल को भी इस खेल का आदी बना  लिया।”

“दिल तोड़कर वो मुस्कुरा दिए,
और हम उसे अपना नसीब समझ बैठे।”

“जिसे चाहा उसने कभी प्यार नहीं किया,
और जिसने प्यार किया उसे हम चाह नहीं  पाए।”

“दिल का हर कोना अब वीरान सा लगता है,
क्योंकि वो मोहब्बत अब दिल में नहीं  रही।”

“तुम्हारे बिना जीना सिख लिया,
पर दिल को अब भी तसल्ली नहीं होती।”

“दिल की मोहब्बत में अक्सर धोखा ही मिलता है,
क्योंकि कोई भी दिल से वफा नहीं  करता।”

“दिल का दर्द अक्सर वो ही समझते हैं,
जिन्होंने सच्चे दिल से प्यार किया हो।”

“दिल की हर धड़कन अब तुम्हारी यादों में बसी है,
जो कभी मर नहीं सकती।”

“दिल का हर दर्द अब सच्ची मोहब्बत से जुड़ा है,
जिसे अब मैं भुला नहीं सकता।”

“दिल की मोहब्बत में जो धोखा मिला,
वो ज़िन्दगी भर का सबक बन गया।”

“दिल के रिश्तों में हर दर्द अब तुम्हारा नाम लेता है,
क्योंकि वो कभी भूलने  वाला नहीं है।”

“तुमसे मोहब्बत की थी,
और अब हर ग़म को सीने से लगाया है।”

“दिल का दर्द अक्सर मुस्कुराहट में छुपाना पड़ता है,
क्योंकि दुनिया हमारी  सच्चाई नहीं समझती।”

“तुम्हारे बिना ये दिल अब वीरान हो गया है,
जैसे हर ख़ुशी मुझसे दूर हो गई।”

“दिल का हर जख्म अब तुम्हारी यादों में बस गया है,
जिसे मैं कभी मिटा नहीं  सकता।”

तुम्हारे बिना ये वक्त, ठहर सा गया है,
जिंदगी का हर लम्हा, अधूरा सा लगा है।

खामोशियों में छुपी हैं कई बातें,
जो कहनी थीं तुमसे, पर अब नहीं कह पाते।

वो दिन भी क्या दिन थे जब तुम पास थे,
आज ये लम्हे, बस यादों में उलझे रहते हैं।

दिल टूटने की आवाज़ तो नहीं होती,
पर इसका दर्द, हमेशा दिल में रह जाता है।

मोहब्बत भी अजीब खेल खेलती है,
दिल किसी और का, और दर्द किसी और को देती है।

आंसू कहां समझते हैं फासलों को,
जब याद तुम्हारी आती है, तो बस निकल ही आते हैं।

हर किसी को नहीं मिलता यहां सच्चा प्यार,
और जिन्हें मिलता है, वो अक्सर दिल हार जाते हैं।

तुम्हारी यादों से दूर कैसे जाऊं,
तुम्हारी यादें तो मेरे दिल में घर कर गई हैं।

वो रिश्ता जो कभी अधूरा रह गया था,
आज भी उसकी कमी हर पल महसूस होती है।

हम तो तन्हाई में भी हंसते हैं,
पर दिल के अंदर का दर्द कभी कोई नहीं देख पाता।

कितनी ही कोशिशें कीं तुम्हें भूलने की,
पर हर बार तुम्हारी यादें फिर लौट आती हैं।

आंखों में आंसू और दिल में दर्द लिए,
हम आज भी तुम्हारे बिना जी रहे हैं।

वो मोहब्बत जो अधूरी रह गई थी,
उसका दर्द आज भी मेरे दिल में जिन्दा है।

तुम्हारे बिना ये जहां वीरान लगता है,
जिंदगी का हर सफर बेजान लगता है।

तुमसे दूर रहकर भी, तुम्हें ही सोचते हैं,
ये दिल तुम्हारे बिना कहीं चैन नहीं पाता।

तुमसे बिछड़कर भी, तुम्हें भुला नहीं पाते,
ये दिल तुम्हारी यादों से दूर जा नहीं पाता।

वो ख्वाब जो हमने साथ देखे थे,
अब उन ख्वाबों का कोई मतलब नहीं रह गया।

किस्मत ने हमें हर बार अलग कर दिया,
हमने हर बार उसे साथ रहने की दुआ की।

तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी सी है,
जैसे किताब के बिना कोई कहानी अधूरी होती है।

दिल की बातें अब किससे कहें,
तुम्हारे बाद इस दिल में कोई जगह ही नहीं बची।

तेरी यादों का दर्द इस दिल में बसा है,
तू दूर है, पर दिल अब भी तेरे पास ही रहता है।

जब भी तेरी याद आती है,
आंखों में आंसू और दिल में बेचैनी सी छा जाती है।

तू गया है मगर तेरी यादें साथ हैं,
ये दिल अब भी तुझसे मिलने की आस में है।

तेरे बिना हर रात अधूरी सी लगती है,
जैसे किसी रात को चांद छुपा हो बादलों में।

दर्द ही सही, मगर तेरा दिया हुआ है,
इसलिए ये भी हमें प्यार सा लगता है।

हमारी मोहब्बत अधूरी रह गई,
पर दिल आज भी तुझसे पूरी तरह जुड़ा हुआ है।

कुछ रिश्ते कभी मुकम्मल नहीं होते,
फिर भी उन्हें दिल से निभाना पड़ता है।

हर बार सोचा तुझे भुला देंगे,
मगर हर बार तेरी यादों में उलझ जाते हैं।

तेरे बिना जिंदगी का कोई मकसद नहीं,
हर खुशी अब अधूरी सी लगती है।

तू दूर है फिर भी हर लम्हा मेरे साथ है,
तेरी कमी को ये दिल हर पल महसूस करता है।

जिस दर्द को हम छुपा नहीं पाते,
वो दर्द अक्सर मोहब्बत में सबसे गहरा होता है।

दिल चाहता है कि तुझसे फिर मुलाकात हो,
पर ये ख्वाब अब सिर्फ ख्वाब ही रह गया है।

तू मेरी यादों में बस चुका है,
अब तेरे बिना कुछ भी नहीं लगता है।

तेरे बिना इस दिल को सुकून नहीं मिलता,
हर खुशी तेरे साथ ही थी, अब सब बेमानी है।

तू जबसे दूर हुआ है,
दिल को अब कोई और नहीं भाता है।

हर मुलाकात एक दर्द दे गई,
और हर जुदाई मोहब्बत को और अधूरा कर गई।

तेरी मोहब्बत का गम भी अब अपना सा लगता है,
क्योंकि इसमें भी एक याद है तेरी।

तू बिछड़ गया है पर दिल तुझे अब भी तलाशता है,
तेरे बिना हर दिन, हर रात अधूरी लगती है।

हमने तो अपनी मोहब्बत दिल से निभाई थी,
पर तुझसे दूर होकर खुद को खो दिया है।

तेरे बिना जिंदगी जैसे कोई किताब हो,
जिसके पन्नों पर बस खालीपन लिखा हो।

मुझे छोड़कर जो गए थे कभी,
अब उनसे मेरा हाल भी पूछा नहीं जाता।

दिल में एक दर्द छुपा कर बैठा हूं,
जो सिर्फ आंसुओं से बयां होता है।

वो खुश हैं हमें याद न करके,
और हम दुखी हैं उन्हें भूल न पाकर।

मेरी खामोशी से कोई अंदाज़ा न लगा सका,
कि इस टूटे दिल में कितना दर्द छुपा है।

वो पास होकर भी दूर लगते हैं,
जिनसे हमारी मोहब्बत कभी पूरी नहीं हो पाई।

दिल टूटने की आवाज़ तो नहीं आती,
मगर इसका दर्द बहुत गहरा होता है।

वो याद नहीं करते हमें, फिर भी हम उन्हें याद करते हैं,
ये मोहब्बत भी एकतरफा होने का दर्द है।

तूने जो दिए थे वो जख्म आज भी ताजा हैं,
और तेरी यादें आज भी मेरे दिल में बसी हैं।

कभी-कभी तन्हाई में भी हंसने का दिल करता है,
पर दिल के अंदर का दर्द कोई नहीं समझ पाता।

अब हम भी अजनबी बनकर रह गए हैं,
कभी जिनके लिए पूरी दुनिया थे हम।

जिंदगी में हर लम्हा सुकून नहीं होता,
कभी-कभी दुख भी इस दिल का हिस्सा बन जाता है।    

कुछ फैसले जिंदगी में ऐसे होते हैं, जो दिल तोड़ जाते हैं,
मगर जिंदगी को बदल देते हैं।

जिंदगी के इस सफर में कभी खुशी, कभी ग़म हैं,
हर मोड़ पर नए-नए इम्तिहान हैं।

हर किसी को नहीं मिलती यहां सच्ची खुशी,
कई बार जिंदगी में बस ग़म ही हमारे साथी होते हैं।

जिंदगी के सफर में कुछ ऐसे लोग मिलते हैं,
जो सिर्फ दर्द देकर चले जाते हैं।

कुछ रिश्ते जिंदगी में ऐसे होते हैं,
जो बिना कहे ही खत्म हो जाते हैं।

खुशियों की तलाश में हम इतने दूर निकल आए,
कि ग़म भी अब हमें अपना सा लगता है।

जिंदगी की राहों में अकेलापन बहुत कुछ सिखाता है,
कभी टूटने का दर्द, तो कभी संभलने की हिम्मत देता है।

जिंदगी ने हर मोड़ पर हमें आजमाया है,
कभी दर्द दिया, तो कभी सब्र का फल चखाया है।

हंसते हुए चेहरे के पीछे छुपे होते हैं कई ग़म,
जिंदगी की सच्चाई हर किसी के बस की बात नहीं।

जिंदगी की राहों में ठोकरें तो मिलेंगी,
लेकिन हर ठोकर के बाद खड़े होने का हौसला रखना।

कभी खुशी की तलाश में इतना खो जाते हैं,
कि खुद को ही गुम कर बैठते हैं।

जिंदगी ने हमें हर मोड़ पर रुलाया है,
कभी हंसने की चाह में, तो कभी अपने ही अपनों ने दर्द दिया है।

दिल से निभाने वाले अक्सर टूट जाते हैं,
क्योंकि उनकी भावनाओं की कद्र कोई नहीं करता।

खुशियां ढूंढते-ढूंढते कहीं खो गया हूं मैं,
अब तो ग़म भी अपना सा लगता है।

हम तो चलते रहे जिंदगी के सफर में,
पर हर बार किसी न किसी मोड़ पर अकेले रह गए।

कई बार जिंदगी में हमें सफर अकेले ही तय करना पड़ता है,
चाहे हमारे साथ कितने भी लोग हों।

जिंदगी के इस खेल में हम हर बार हारे हैं,
कभी खुद से, तो कभी किस्मत से।

दुनिया की भीड़ में हम अकेले रह गए,
खुद को समझाने की कोशिश में अपने दिल को ही खो बैठे।

कभी-कभी खुद को संभालते-संभालते
हम अपने ही दिल की आवाज़ सुनना बंद कर देते हैं।

दर्द ऐसा था कि किसी से कह नहीं पाए,
और जो समझा सके, वो कोई मिला ही नहीं।

जिंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान होते हैं,
और हर इम्तिहान में हम अपने हिस्से की खुशी खो देते हैं।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name सैड शायरी ऑनलाइन पढ़े | Sad Shayari PDF Download
Author
CategoryBest Shayari PDF Books in Hindi
Language
Pages 34
Quality Good
Size 250 KB
Download Status Available
“मुझे अफ़सोस है कि मेरे बच्चे जब बड़े हो रहे थे तब मेरे पास उनके साथ गुजारने के लिए समय का अभाव था।” ‐ टीना टर्नर
“I regret not having had more time with my kids when they were growing up.” ‐ Tina Turner

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