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स्फोट मीमांसा | Sphot Meemansa

स्फोट मीमांसा | Sphot Meemansa
पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name स्फोट मीमांसा | Sphot Meemansa
Author
Category, ,
Language
Pages 283
Quality Good
Size 12 MB
Download Status Available

सभी मित्र हस्तमैथुन के ऊपर इस जरूरी विडियो को देखे, ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में शेयर करें| भगवान नाम जप की शक्ति को पहचान कर उसे अपने जीवन का जरुरी हिस्सा बनाये|

स्फोट मीमांसा पुस्तक का कुछ अंश  : ब्रह्म के दो स्वरूप हैं-पर एवम्‌ अपर। उसकी प्राप्ति की विद्याये भी दो मानी गई है। परा, अपरा | सम्पूर्ण वेद-बेदांग को अपरा विद्या कहा गया है | मुण्डकोपनिषद्‌ में इस प्रकार उल्लेख है–ब्रह्मवादियों के कथनानुसार दो विद्यायें जाननी चाहिये–परा, अपरा | अपरा के अन्तगेत बेद, बेदांग आते हैं तथा परा विद्या वह है जिसके द्वारा उस अक्षर (पर) ब्रह्म की प्राप्ति होती है । छान्दोग्योपनिषद्‌ में भी इसी प्रकार का उल्लेख हुआ है…………..

“एक छोटे से नमूने से पूरी वस्तु की परख की जा सकती है।” – एम. डे. सर्वेन्टीज़
“By a small sample we may judge of the whole piece.” – M. De Cervantes

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