श्री रामस्तवराज | Shri Ramstavaraj

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श्री रामस्तवराज पुस्तक का कुछ अंश : जो वाणी और वेद के विधायक, अपने भक्तों के हृदय के अंधकार के नाशक, वात्सल्यदि गुणों के सागर, श्याम शरीर में व्याप्त, शिवआदि को से प्रणाम किए, सच्चे वैभव वाले सिद्धि के देने वाले, चिदानंद रूप शरीर वाले, संसार का भय मिटाने वाले, राजाओं के राजा सर्वव्यापक, श्री जानकी जी से संयुक्त हैं, उन्हें श्री रामचंद्र जी को मैं प्रणाम करता हूं…..
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | श्री रामस्तवराज | Shri Ramstavaraj |
| Author | Pandit Shyam Sundarlal Tripathi |
| Category | Religious Books in Hindi PDF हिन्दू / Hinduism Hindi Books Fast - Vrat Book in Hindi PDF |
| Language | संस्कृत / Sanskrit, हिंदी / Hindi |
| Pages | 28 |
| Quality | Good |
| Size | 9.7 MB |
| Download Status | Available |
“अज्ञानी होना उतना शर्मनाक नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा ही न रखना।” – बेंजामिन फ्रैंकलिन
“Being ignorant is not so much a shame, as being unwilling to learn.” – Benjamin Franklin
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