Itni Shakti Mujhe Do Mere Satguru
इतनी शक्ति मुझे दो मेरे सतगुरु,
तेरी भक्ति में खुद को मिटाता चलूं।
चाहे राहों में कितनी मुसीबत पड़े,
फिर भी तेरा दिया गीत गाता चलूं।
नाव बोझिल मेरे पूर्व के पाप से,
सो ना जाऊं यही गम सताता मुझे।
इतना वरदान दे दो मेरे देवता,
खुद भी जागूं, जगत को जगाता चलूं।
चाह मुझको नहीं धर्म की, अर्थ की,
काम वा मोक्ष की भी जरूरत नहीं।
खाक चरणों की मिलती रहे उम्र भर,
तेरी महिमा निरंतर सुनाता चलूं।
मेरे जैसे अनेक मिलेंगे तुम्हें,
पर हमारे लिए तो तुम्हीं एक हो।
तेरी उल्फत की मस्ती रहे हर घड़ी,
तेरी राहों में सिर को झुकाता चलूं।
दूसरों की मदद की जरूरत नहीं,
मुझको केवल तुम्हारी मदद चाहिए।
लड़खड़ाए ना मेरे कदम राह में,
नाम का तेरे डंका बजाता चलूं।
अगर किसी द्वार पर तेरा बंदा झुका,
फर्क आएगा मालिक तेरे नाम पर।
मुझको गैरों के रिश्तों से क्या वास्ता,
सिर्फ रिश्ता तुम्हारा निभाता चलूं।













