Jo Das Hai Wo Khaas Hai
श्री श्याम के दरबार में,
बस वो ही प्राणी ख़ास है,
जो दास है, जो दास है…
यु तो करोडो आ रहे,
बस आ रहे और जा रहे,
रंगत जमाने की यहाँ,
फरमा रहे और पा रहे,
श्री श्याम को इस भीड़ में,
बस उसकी ही तालाश है,
जो दास है, जो दास है…
जो दास बनके झुक गया,
वो तीर गया वो तीर गया,
एक बार खाटू जो गया,
वो फिर गया वो फिर गया,
दर्शन सदा मिलता रहे,
उसकी बस अरदास है,
जो दास है, जो दास है…
वो संकटो से क्या डरे,
जिसको भरोसा श्याम पर,
श्री श्याम के हिरदय पटल,
पे बस उसी का वास है,
जो दास है, जो दास है…













