Mehar Ki Najar Karo Meri
मेहर की नजर करो मेरी ओर,
दया की नजर करो मेरी ओर।
निशि दिन तुम्हें निहारूं सतगुरु,
जैसे चन्द्र चकोर।
जानू न कौन भूल हुई तन से,
लियो हमसे मुख मोड़।
बालक जानि चूक बिसराओ,
आया शरण अब मैं तोर।
सदा दयालु स्वभाव तुम्हारा,
मोरि बेरिया कस भयो कठोर।
शरणागत की लाज न राखो,
मोसो पतित अब जाये केहि ओर।
अबकी बार उबार लेव जो,
फिर न धरब पग यहि मगु ओर।













