नरेन्द्र सोमनाथ महालय का एक अप्रतिम योद्धा | Narendra Somnath Mahalay Ka Ek Apratim Yoddha
भारत देश की प्राचीन काल में समृद्धि का और उसके गौरव का आधार यहाँ के मंदिर हुआ करते थे । सोमनाथ ज्योर्तिंलिंग जिसकी स्थापना स्वयं चन्द्र भगवान ने की थी भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में स्थान है। कुछ धर्मविरोधी ताकते दूसरे राष्ट्र की संस्कृति, देवमहिमा और वहा के गौरव को नष्ट करना चाहते है ये कोई नई बात नही है ऐसा ही सोमनाथ महालय में हुआ । मंदिर के निर्माण के बाद सन 1025 ई० से सन 1701 तक सोमनाथ मंदिर पर 6 बार आक्रमण करके नष्ट करने का प्रयास किया । पहला आक्रमण महमूद गजनवी ने सन 1025 ई० में किया और यहाँ की अतुलित धन सम्पदा को लुटा । इतिहासकार कहते है वह यहाँ से 20 हजार करोड़ दीनार जितना धन लूट कर ले गया था ।
उसी विषय को लेकर तथ्यों के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत है अनिता यादव की पुस्तक नरेन्द्र सोमनाथ महालय का एक अप्रतिम योद्धा
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| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | नरेन्द्र सोमनाथ महालय का एक अप्रतिम योद्धा | Narendra Somnath Mahalay Ka Ek Apratim Yoddha |
| Author | Anita Yadav |
| Category | Novel Book in Hindi PDF |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 99 |
| Quality | Good |
| Size | 1.7 MB |
| Download Status | Available |
“शांतचित्तता तो पारे की तरह है। आप इसे पाने की जितनी ज्यादा कोशिश करते हैं, यह उतनी ही मुश्किल से हाथ आती है।” बर्न विलियम्स
“Tranquility is like quicksilver. The harder you grab for it, the less likely you will grasp it.” Bern Williams
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