रस विज्ञान | Ras Vigyan
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | रस विज्ञान | Ras Vigyan |
Author | Shri Ramharshan Das ji |
Category | अध्यात्मिक / Spiritual, Social |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 24 |
Quality | Good |
Size | 3 MB |
Download Status | Available |
रस विज्ञान पुस्तक का कुछ अंश : जैसे ऊर्ण, रूई, मिट्टी में अज्ञान की आँखों से परिणाम होता हुआ सा दृष्टि गोचर होता है किन्तु ज्ञानियों की दृष्टि में भ्रम मूलक विचारों का प्रतिबिम्ब भी नहीं पड़ता। जैसे-किसी बीज में परिणाम होता सा लोग देखते हैं किन्तु उसके मूल तत्व में जैसी की तैसी यथात्मता बनी रहती है। धर्मी के आत्मस्वरूप में परिणाम नहीं अपितु उसके धर्म में है वह भी अपूर्ण बोध के कारण बुद्धि का विषय बनता है…………
“आप जीवन के मंद दौर से उबर पाने की क्षमता की एक निश्चित राशि के साथ पैदा नहीं हुए हैं। यह तो एक मांसपेशी के समान है, आप इसे बढ़ा सकते हैं, और फिर ज़रूरत होने पर इससे काम ले सकते हैं।” शैरिल सैंडबर्ग
“You are not born with a fixed amount of resilience. It’s a muscle, you can build it up, and then draw on it when you need it.” Sheryl Sandberg
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