विवेकानन्द साहित्य सप्तम खण्ड / Vivekanand Sahitya Saptam Khand
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पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | विवेकानन्द साहित्य सप्तम खण्ड / Vivekanand Sahitya Saptam Khand |
Author | Unknown |
Category | धार्मिक / Religious, इतिहास / History, दर्शन शास्त्र / Philosophy, Knowledge |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 432 |
Quality | Good |
Size | 195 MB |
Download Status | Available |
विवेकानन्द साहित्य सप्तम खण्ड पुस्तक का कुछ अंश : संसार में सर्वदा दाता का आसन ग्रहण करो। सबंस्व दे दो, पर बदले में कुछ न चाहो। प्रेम दो, सहायता दो, सेवा दो; इनमें से जो तुम्हारे पास देने के लिए है, वह दे डालो; किन्तु सावधान रहो, उनके बदले में कुछ लेने की इच्छा कभी न करो। किसी तरह की कोई शर्त मत रखो। ऐसा करने पर तुम्हारे लिए भी कोई किसी तरह की शर्त नहीं रखेगा। अपनी हादिक दानशीलता के कारण ही हम देते चलें—ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार ईश्वर हमें देता है…………
“अपना हाथ आगे बढ़ाने से कभी मत हिचकिए। दूसरे का आगे बढ़ा हाथ थामने से भी कभी मत हिचकिए।” ‐ पोप जॉन त्रयोदश
“Never Hesitate to hold out your hand; never hesitate to accept the outstretched hand of another.” ‐ Pope John XXIII
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