ईश्वर प्रत्यभिज्ञा | Ishwar Pratyabhijnaa
पुस्तक का विवरण / Book Details | |
Book Name | ईश्वर प्रत्यभिज्ञा | Ishwar Pratyabhijnaa |
Author | Unknown |
Category | धार्मिक / Religious, हिन्दू / Hinduism |
Language | हिंदी / Hindi |
Pages | 343 |
Quality | Good |
Size | 72.2 MB |
Download Status | Available |
ईश्वर प्रत्यभिज्ञा पुस्तक का कुछ अंश : श्रष्टि के पूर्व अहम परम शिव पर पूर्ण रूप होने के कारण किसी भी प्रकार की आकांक्षा से रहित होकर भासता रहा है और उसके बाद में अपनी स्वतंत्र शक्ति को विभक्त करने के लिए दो शाखाओं [अहमिदम सदाशिव ईश्वर ] को जो अव्यक्त रूप में रही उसे व्यक्त करने की इच्छा की। अपने चिन्मय स्वरूप से उन्मेष फैलाव और निमृत स्थिति से युक्त उस परम शिव शक्ति रूप अखिल अद्वैत कि हम लोग वंदना करते हैं…….
“ऐसा कोई युग कभी नहीं रहा जिसमें अतीत का गुणगान और वर्तमान पर विलाप न किया गया हो।” लिलियन आइक्लर वॉटसन
“There has never been an age that did not applaud the past and lament the present.” Lillian Eichler Watson
हमारे टेलीग्राम चैनल से यहाँ क्लिक करके जुड़ें