गेहू की ज्वारे : डॉ. सुरेंद्र कपिल | Gehu Ki Jware : By Dr. Surendra Kapil Hindi Book
गेहू की ज्वारे पुस्तक पीडीएफ के कुछ अंश : बम्बई के श्री एस. के. सोमानी जी परम्परा से प्रतिक्षित सेठ तो थे ही साथ ही सच्च समय से पहले थे। लंदन से डॉ. एन. विग्मोर अपनी व्हीट ग्रास जूस’ स्वास्थ्य विधि तथा चिकित्सा पद्धति का प्रचार लेकर भारत में पधारी तो सेठ सोमानी की ने उनका हार्दिक स्वागत किया और उन्हें शिविर चलाने की दावत दी। देश के प्राकृतिक चिकित्सकों को अपने निवास पर बुलाकर डॉ. दिग्मोर से परिचय कराया, लाक्षात्कार कराया। सौभाग्य की बात है कि मैं (डॉ. सुरेन्द्र कपिल) भी इस शुभावसर पर उपस्थित था। इतना ही नहीं मैडम द्वारा संचालित दस दिवसीय शिविर में सक्रिय भाग लेने का भक्तर भी मिला।
विज्ञासा भरी शंकाओं और समस्याओं के समाधान मैडम विष्टो से जो प्राप्त हुए ये सब इस पुस्तक में समाहित है। योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सारे देश के सभी प्रान्तों में शिविरों के दौरान ‘व्हीट ग्रास जूस’ के प्रयोगों के चमत्कारों का संग्रह भी पुस्तक में संजोया गया है। प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से विषय-वस्तु को रोचक ढंग के साथ पाठकों को प्रस्तुत किया गया है, ताकि वे इस विधि की गहराई को समझ सके और इसे आसानी से प्रयोग में लाकर रोगों से मुक्ति एवं स्वास्थ्य रक्षा का लाभ उठा सकें।
इस गेहूँ के जवारे साधारण पास ही नहीं अपितु ‘अमृत उगाने का क्रम है जो पुस्तक की विशेष आत्या के रूप में उभरा है तो जीर्ण एवं दुस्साध्य रोगों के निवारण में ‘गेहूं- सारस’ की महती भूमिका तो है ही, साथ ही स्वस्थ व्यक्ति के लिए सदैव स्वस्थ रहने की कला है। गेहूं-पास स्वास्थ्य रक्षा का विज्ञान भी है। इस प्रकार वैदम डॉ. एन. विग्मोर का सरल किंतु आकर्षक व्यक्तित्व इस रचना की प्रेरणा का नींव का पत्थर है। इसमें वर्णित विधि लम्बे प्रयोगों का प्रतिफल है। अनुकूल उपलब्धियों के प्रामाणिक तथ्य है, जो निश्चित रूप से ‘सेहत के सरताज’ कहे जा सकते हैं। जिस परिवार में गेहूं-पास उगाना, रोगों के लिए प्रतिरोधक शक्ति अर्जित करना स्वास्थ्य-रक्षा के प्रति सजग रहना महत्वपूर्ण है; यहाँ यह पुस्तक एक अनुपम निधि सिद्ध होगी। इतनी सरल पद्धति स्वास्थ्य रक्षा का “विज्ञान” और स्वस्थ रहने की ‘कला’ बन सकती है। प्रयोग करने पर यह अवश्य ही सम्भव है।
| पुस्तक का विवरण / Book Details | |
| Book Name | गेहू की ज्वारे | Gehu Ki Jware |
| Author | Dr. Surendra Kapil |
| Category | History Book in Hindi |
| Language | हिंदी / Hindi |
| Pages | 52 |
| Quality | Good |
| Download Status | Not for Download |
“नागरिकता के दैनिक व्यवहार के बिना लोकतंत्र का दैनिक निर्वाह हो ही नहीं सकता।” राल्फ़ नेडर
“There can be no daily democracy without daily citizenship.” Ralph Nader
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