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झरोखे – जगत और जीवन की कुछ झांकियां : बद्रीनाथ वत्स सुदर्शन | Jharokhe – Jagat Aur Jivan Ki Kuch Jhankiyan : By Badrinath Vats Sudarshan Hindi Book

झरोखे - जगत और जीवन की कुछ झांकियां : बद्रीनाथ वत्स सुदर्शन | Jharokhe - Jagat Aur Jivan Ki Kuch Jhankiyan : By Badrinath Vats Sudarshan Hindi Book
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भारतीय लेखक बद्रीनाथ वत्स सुदर्शन द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध पुस्तक है। इस पुस्तक में वे जीवन की अलग-अलग झलकियों को एक जरोके के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। यह उनकी अनूठी लेखनी और विचारधारा का परिणाम है, जो उन्हें एक प्रमुख हिंदी साहित्यकार बनाता है।

इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर उनके विचार, अनुभव, और दृष्टिकोण साझा किए गए हैं। यह एक अद्वितीय संग्रह है जो जीवन की गहराईयों में जाकर हमें नई दृष्टि प्रदान करता है।

बद्रीनाथ वत्स सुदर्शन की रचनाओं में उनकी विचारधारा, साहित्यिक दक्षता, और अद्वितीय दृष्टिकोण का परिचय होता है। यह पुस्तक उनके साहित्य के प्रशंसापत्रों में से एक है और उनके व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करने का एक नया तरीका प्रस्तुत करता है|

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पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name झरोखे - जगत और जीवन की कुछ झांकियां | Jharokhe - Jagat Aur Jivan Ki Kuch Jhankiyan
CategoryNovel Book in Hindi PDF
Language
Pages 138
Quality Good
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“मेरे विचार से जो व्यक्ति जिंदा रहने अर्थात पैसे के लिए किसी कार्य को करता है, वह स्वयं को गुलाम बना लेता है।” ‐ जोसेफ कैम्पबैल
“I think the person who takes a job in order to live that is to say, for the money has turned himself into a slave.” ‐ Joseph Campbell

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