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यह भी झूट है : दिनेश नंदिनी डालमिया | Yah Bhi Jhut Hai : By Dinesh Nandini Dalmiya Hindi Book

यह भी झूट है : दिनेश नंदिनी डालमिया | Yah Bhi Jhut Hai : By Dinesh Nandini Dalmiya Hindi Book
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“यह भी झूट है” दिनेश नंदिनी डालमिया द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण हिंदी पुस्तक है, जो समाज और व्यक्तिगत जीवन के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में लेखक ने हमारे चारों ओर व्याप्त झूठ और उनके प्रभावों को गहराई से विश्लेषित किया है।

इस पुस्तक में प्रस्तुत कहानियाँ और निबंध समकालीन सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मुद्दों को उजागर करते हैं। दिनेश नंदिनी डालमिया ने बारीकी से उन झूठों को उकेरा है जो व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर हमें प्रभावित करते हैं। उनकी लेखनी सरल, सहज और संवेदनशील है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है।

पुस्तक में विभिन्न कथानक और चरित्रों के माध्यम से, लेखक ने यह दिखाने की कोशिश की है कि कैसे झूठ हमारे जीवन को जटिल बना सकते हैं और कैसे सच की तलाश में हमें अपने भीतर झांकना जरूरी है। यह पुस्तक पाठकों को आत्मविश्लेषण के लिए प्रेरित करती है और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

कुल मिलाकर, “यह भी झूट है” एक गहन और विचारशील पुस्तक है जो जीवन के विविध आयामों को समझने में मदद करती है और पाठकों को सत्य की खोज में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

पुस्तक का विवरण / Book Details
Book Name यह भी झूट है | Yah Bhi Jhut Hai
Author
CategoryLiterature Book in Hindi
Language
Pages 384
Quality Good
Download Status Not for Download
“ईमानदारी किसी कायदे कानून की मोहताज़ नहीं होती।” ‐ आल्बेर कामू (१९१३-१९६०), १९५७ में साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता
“Integrity has no need of rules.” ‐ Albert Camus (1913-1960), 1957 Nobel for Literature

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